पीलीभीत। वृद्ध किसान शंकरलाल पांडे की हत्या बड़े दामाद महमंदपुर निवासी ओमप्रकाश पांडे ने शंकरलाल की छोटी बेटी गांव पिपरिया जयभद्र निवासी नीलम पांडे के साथ मिलकर की थी। दोनों शंकर लाल के अपनी छह एकड़ जमीन भतीजे के नाम करने के फैसले से वे नाराज थे। एसपी ने दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी कर हत्याकांड का खुलासा किया। टीम को 24 घंटे के भीतर घटना का वर्कआउट करने पर पांच हजार के नकद इनाम की घोषणा की।
पूरनपुर कोतवाली क्षेत्र के महमंदपुर गांव निवासी 70 वर्षीय किसान शंकरलाल पांडे बुधवार सुबह करीब साढ़े दस बजे घर से साइकिल से पूरनपुर जाने के लिए निकले थे। रास्ते में उनकी सीने में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। भतीजे गोपी की ओर से पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। संपत्ति को लेकर हत्या की आशंका जताते हुए पुलिस ने छानबीन शुरू की तो हत्याकांड का खुलासा हो गया। हत्यारोपी वृद्ध के बड़े दामाद ओमप्रकाश पांडे और छोटी बेटी नीलम पांडे निकले। उनको गिरफ्तार कर पुलिस ने पूछताछ की तो एक-एक कर पूरी गुत्थी सुलझ गई। हत्या में प्रयुक्त तमंचा और तीन कारतूस भी बरामद कर लिए गए। बृहस्पतिवार को एसपी मनोज कुमार सोनकर, एएसपी रोहित मिश्र ने पुलिस लाइन में घटना का खुलासा कर दोनों को जेल भेज दिया।
इधर जमीन भतीजे को देने का पता लगा, उधर रच दी हत्या की साजिश
पुलिस के अनुसार वृद्ध शंकरलाल पांडे के पास छह एकड़ जमीन है। उनकी चार विवाहित बेटियां हैं। पहले जमीन आरोपी बेटी नीलम के नाम कर दी गई थी, लेकिन बाद में वृद्ध ने इस निर्णय को कैंसल करा दिया। आठ बीघा जमीन अब भी नीलम के कब्जे में है। दामाद और बेटियों से उनके संबंध मधुर नहीं थे। इसी के चलते अब वह भतीजे गोपी के नाम पर जमीन करने वाले थे। इसी का पता लगते ही उनकी हत्या कर दी गई। बड़े दामाद ने छोटी बेटी को साथ लिया और बाइक पर बैठकर दोनों बुधवार सुबह आए और दामाद ने तमंचे से ससुर के सीने में गोली मार दी। फिर वह शेरपुर वाले रास्ते की तरफ से भाग गए।
कुछ सवाल अब भी अनसुलझे
हत्यारोपी के तौर पर पुलिस ने बड़े दामाद और छोटी बेटी को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। वृद्ध की हत्या की प्लानिंग को लेकर बड़ी बेटी और छोटे दामाद को भनक थी या नहीं? इस बात को अभी पुलिस स्पष्ट नहीं कर सकी है।
शंकरलाल हत्याकांड का खुलासा कर दोनों आरोपी जेल भेज दिए हैं। परिवार के अन्य सदस्यों की इसमें मिलीभगत है या नहीं? इसकी भी जांच होगी। नीलम के पास लाइसेंसी पिस्टल है। उसका भी लाइसेेेंस निरस्त कराने को कार्रवाई होगी।
- मनोज कुमार सोनकर, एसपी
परिवार के गले नहीं उतर रही पुलिस की कहानी
पूरनपुर। वृद्ध किसान शंकरलाल पांडे की हत्या का पुलिस ने भले ही खुलासा कर दिया है लेकिन परिजन इससे संतुष्ट नहीं हैं। उनका आरोप है कि पुलिस ने सही खुलासा करने के बजाय विरोधियों से मिलकर अपनों को ही जेल भेज दिया है।
बड़ी बेटी और आरोपी ओमप्रकाश की पत्नी सुनीता का कहना है कि उनकी ताऊ के घर वालों से कभी नहीं बनती थी। तहेरा भाई गोपीराम पांडेय चारों बहनों की शादी तक में शामिल नहीं हुआ। आरोप लगाया कि ताऊ का परिवार हमेशा संपत्ति के लालच में रहता था। पुलिस ने उनसे मिलकर गलत खुलासा किया है।
मतक की मझली बेटी ऊषा देवी का कहना है कि बेटा न होने पर पिता ने चारों बहनों को पुत्रों की तरह ही पाला था। वह अपनी संपत्ति बेटियों को ही देना चाहते थे। ये खुलासा गले उतरने लायक नहीं है।
मृतक की दूसरे नंबर की बेटी नन्ही देवी का कहना है कि गांव वालों से इस बात की पुष्टि की जा सकती है कि ताऊ के परिवार से हमारे कैसे संबंध थे। ताऊ के घर तो आना-जाना ही बंद था। मां के अंतिम संस्कार और अन्य कार्यक्रमों में भी वे कभी शामिल नहीं किए गए। पिता की संपत्ति हड़पने के लिए के लिए ताऊ का परिवार उन्हें वरगलाता था।
अंत्येष्टि पर विवाद, पहुंची पुलिस
वृद्ध शंकरलाल पांडे के शव का बृहस्पतिवार को अंतिम संस्कार किया गया। इसमें भतीजे गोपी के मुखाग्नि देने की इच्छा जताते ही विवाद की स्थिति बन गई। बेटियों ने विरोध कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामला शांत कराया। अंत में नाती अभिषेक ने मुखाग्नि दी।