सहारनपुर-दिल्ली रेल मार्ग पर मंसूरपुर रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार रात किसी समय ट्रैक क्रैक हो गया। जिसका पता रेलवे को नहीं लग पाया। रातभर टूटे ट्रैक पर रेलगाड़ियां दौड़ती रहीं। शनिवार सुबह की मैन की टूटे ट्रैक पर नजर पड़ गई। इसी समय पैसेंजर ट्रेन को आते देख की मैन लाल झंडी लेकर दौड़ पड़ा।
जिसे देखकर पैसेंजर ट्रेन के चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर टूटे ट्रैक से करीब 50-60 मीटर पहले ही ट्रेन को रोक लिया। इसके बाद इसकी जानकारी रेल अधिकारियों को दी गई और कई ट्रेनों को दूसरे स्टेशनों पर ही रोक दिया गया। ट्रैक बदले जाने के बाद ट्रेनें रवाना हुईं। इस दौरान दो घंटे तक कई ट्रेनें प्रभावित रहीं।
मंसूरपुर रेलवे स्टेशन से खतौली की ओर करीब 300 मीटर की दूरी पर रेलवे ट्रैक टूट गया। शुक्रवार रात कई रेलगाड़ियां टूटे ट्रैक से गुजरती रहीं। शनिवार सुबह 7.30 बजे रेलवे स्टेशन से सहारनपुर से दिल्ली की ओर जाने वाली टूडीएक्स पैसेंजर ट्रेन चली। इसी दौरान की-मैन सचिन की नजर टूटे ट्रैक पर पड़ गई। उसके साथ दूसरा कर्मचारी नेपाल भी था।
ट्रेन आती देखकर दोनों कर्मचारी हाथ में लाल झंडी लेकर ट्रेन की तरफ दौड़ पड़े। यह देख ट्रेन चालक को खतरा भांपने में देर नहीं लगी और उसने इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए। जिससे ट्रेन ट्रैक के नजदीक जाकर रुक गई। जिससे बड़ा हादसा होने से बाल-बाल बचा। अचानक ट्रेन के ब्रेक लगाने और रेलवे ट्रैक टूटने की खबर लगने पर बोगियों में बैठे यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई।
स्टेशन मास्टर मंसूरपुर ने ट्रैक टूटने की खबर रेल अधिकारियों को दी। आनन फानन में मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन से सीनियर सेक्शन इंजीनियर आसिफ अली को टीम के साथ मंसूरपुर रेलवे स्टेशन पर बुलाया गया। टीम ने करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद रेलवे ट्रैक को ठीक किया।
इस दौरान शालीमार एक्सप्रेस को जड़ौदा रलवे स्टेशन, खतौली में अहमदाबाद एक्सप्रेस और शताब्दी को रोका गया, जबकि जनशताब्दी और इंटरसिटी एक्सप्रेस को मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन पर रोका गया। इनके अलावा सकौती और रोहाना रेलवे स्टेशन पर भी ट्रेनों को रोका गया। करीब नौ बजे ट्रैक ठीक होने पर ही ट्रेनों का संचालन शुरू हो सका।
सहारनपुर-दिल्ली रेल मार्ग पर मंसूरपुर रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार रात किसी समय ट्रैक क्रैक हो गया। जिसका पता रेलवे को नहीं लग पाया। रातभर टूटे ट्रैक पर रेलगाड़ियां दौड़ती रहीं। शनिवार सुबह की मैन की टूटे ट्रैक पर नजर पड़ गई। इसी समय पैसेंजर ट्रेन को आते देख की मैन लाल झंडी लेकर दौड़ पड़ा।
जिसे देखकर पैसेंजर ट्रेन के चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर टूटे ट्रैक से करीब 50-60 मीटर पहले ही ट्रेन को रोक लिया। इसके बाद इसकी जानकारी रेल अधिकारियों को दी गई और कई ट्रेनों को दूसरे स्टेशनों पर ही रोक दिया गया। ट्रैक बदले जाने के बाद ट्रेनें रवाना हुईं। इस दौरान दो घंटे तक कई ट्रेनें प्रभावित रहीं।
मंसूरपुर रेलवे स्टेशन से खतौली की ओर करीब 300 मीटर की दूरी पर रेलवे ट्रैक टूट गया। शुक्रवार रात कई रेलगाड़ियां टूटे ट्रैक से गुजरती रहीं। शनिवार सुबह 7.30 बजे रेलवे स्टेशन से सहारनपुर से दिल्ली की ओर जाने वाली टूडीएक्स पैसेंजर ट्रेन चली। इसी दौरान की-मैन सचिन की नजर टूटे ट्रैक पर पड़ गई। उसके साथ दूसरा कर्मचारी नेपाल भी था।
ट्रेन आती देखकर दोनों कर्मचारी हाथ में लाल झंडी लेकर ट्रेन की तरफ दौड़ पड़े। यह देख ट्रेन चालक को खतरा भांपने में देर नहीं लगी और उसने इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए। जिससे ट्रेन ट्रैक के नजदीक जाकर रुक गई। जिससे बड़ा हादसा होने से बाल-बाल बचा। अचानक ट्रेन के ब्रेक लगाने और रेलवे ट्रैक टूटने की खबर लगने पर बोगियों में बैठे यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई।
स्टेशन मास्टर मंसूरपुर ने ट्रैक टूटने की खबर रेल अधिकारियों को दी। आनन फानन में मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन से सीनियर सेक्शन इंजीनियर आसिफ अली को टीम के साथ मंसूरपुर रेलवे स्टेशन पर बुलाया गया। टीम ने करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद रेलवे ट्रैक को ठीक किया।
इस दौरान शालीमार एक्सप्रेस को जड़ौदा रलवे स्टेशन, खतौली में अहमदाबाद एक्सप्रेस और शताब्दी को रोका गया, जबकि जनशताब्दी और इंटरसिटी एक्सप्रेस को मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन पर रोका गया। इनके अलावा सकौती और रोहाना रेलवे स्टेशन पर भी ट्रेनों को रोका गया। करीब नौ बजे ट्रैक ठीक होने पर ही ट्रेनों का संचालन शुरू हो सका।