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स्वतंत्रता आंदोलन में बलिदान का इतिहास: सुधीर
Updated Tue, 11 Sep 2018 12:30 AM IST
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जिले की भूमि सेनानियों के बलिदान से भरी पड़ी : सुधीर
मुजफ्फरनगर। एसडी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में विद्यालक्ष्मी चैरिटेबल ट्रस्ट एवं एसडी चैरिटेबल सोसाइटी की प्रेरणा से मुजफ्फरनगर के स्वतंत्रता सेनानी विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि साहित्यकार सुधीर विद्यार्थी बरेली रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती एवं स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय पंडित सुंदरलाल की प्रतिमा पर पुष्पमाला एवं दीप प्रज्वलित करके किया गया। मुख्य अतिथि सुधीर विद्यार्थी ने कहा कि मुजफ्फरनगर की पुण्यभूमि स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान से भरी पड़ी है। स्वतंत्रता आंदोलन में सुंदरलाल की पहचान सबसे अलग रही। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में सद्भावना सेतु का कार्य किया। वह मूलत: खतौली के रहने वाले थे। उन्होंने स्वतंत्रता के संग्राम में हिंदू-मुस्लिम एकता को बढ़ाने और स्वतंत्रता के आंदोलन में ब्रिटिश हुकूमत को उखाड़ फेंकने में अतिशय योगदान दिया। सुंदरलाल को महात्मा गांधी एवं जवाहर लाल नेहरू का सानिध्य प्राप्त था। आजादी के बाद भी तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को अनेक पत्र लिखे तथा भारत-चीन संबंधों पर पहल की थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एसपी यातायात बीबी चौरसिया ने कहा कि हमें अपने महापुरुषों को सदैव स्मरण करते रहना चाहिए, क्योंकि वे ही हमारी प्रेरणा के स्रोत हैं। जेल अधीक्षक एके सक्सेना ने कहा कि जिले में सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के पट्टिका पर नाम होने चाहिए तथा मैं जेल पर ऐसा कराने का प्रयास करूंगा। प्रदीप जैन, मधुर नागवान ने भी विचार रखे। सुंदरलाल के पौत्र संजय श्रीवास्तव को इस अवसर पर सम्मानित किया गया। डॉ कीर्तिवर्द्र्धन कालेज के अधिशासी निदेशक डॉ एसएन चौहान ने आभार व्यक्त किया। महेंद्र आचार्य, आरएम तिवारी, एनएन पंत, शिव कुमार यादव, देवराज पंवार, डॉ एके गौतम, डॉ पीके पुंडीर, अमरीश गोयल आदि रहे। संचालन प्रगति शर्मा ने किया।
जिले की भूमि सेनानियों के बलिदान से भरी पड़ी : सुधीर
मुजफ्फरनगर। एसडी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में विद्यालक्ष्मी चैरिटेबल ट्रस्ट एवं एसडी चैरिटेबल सोसाइटी की प्रेरणा से मुजफ्फरनगर के स्वतंत्रता सेनानी विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि साहित्यकार सुधीर विद्यार्थी बरेली रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती एवं स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय पंडित सुंदरलाल की प्रतिमा पर पुष्पमाला एवं दीप प्रज्वलित करके किया गया। मुख्य अतिथि सुधीर विद्यार्थी ने कहा कि मुजफ्फरनगर की पुण्यभूमि स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान से भरी पड़ी है। स्वतंत्रता आंदोलन में सुंदरलाल की पहचान सबसे अलग रही। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में सद्भावना सेतु का कार्य किया। वह मूलत: खतौली के रहने वाले थे। उन्होंने स्वतंत्रता के संग्राम में हिंदू-मुस्लिम एकता को बढ़ाने और स्वतंत्रता के आंदोलन में ब्रिटिश हुकूमत को उखाड़ फेंकने में अतिशय योगदान दिया। सुंदरलाल को महात्मा गांधी एवं जवाहर लाल नेहरू का सानिध्य प्राप्त था। आजादी के बाद भी तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को अनेक पत्र लिखे तथा भारत-चीन संबंधों पर पहल की थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एसपी यातायात बीबी चौरसिया ने कहा कि हमें अपने महापुरुषों को सदैव स्मरण करते रहना चाहिए, क्योंकि वे ही हमारी प्रेरणा के स्रोत हैं। जेल अधीक्षक एके सक्सेना ने कहा कि जिले में सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के पट्टिका पर नाम होने चाहिए तथा मैं जेल पर ऐसा कराने का प्रयास करूंगा। प्रदीप जैन, मधुर नागवान ने भी विचार रखे। सुंदरलाल के पौत्र संजय श्रीवास्तव को इस अवसर पर सम्मानित किया गया। डॉ कीर्तिवर्द्र्धन कालेज के अधिशासी निदेशक डॉ एसएन चौहान ने आभार व्यक्त किया। महेंद्र आचार्य, आरएम तिवारी, एनएन पंत, शिव कुमार यादव, देवराज पंवार, डॉ एके गौतम, डॉ पीके पुंडीर, अमरीश गोयल आदि रहे। संचालन प्रगति शर्मा ने किया।