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एसडीएम जानसठ ने गंगा खादर क्षेत्र का दौरा किया
Updated Tue, 18 Jul 2017 12:27 AM IST
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एसडीएम गंगा खादर क्षेत्र का दौरा किया
मोरना। एसडीएम जानसठ ने गंगा खादर क्षेत्र के गांवों का दौरा कर हालात का जायजा लिया। उन्होंने जलमग्न क्षेत्रों के ग्रामीणों से बातचीत कर उनसे सुझाव मांगे। एसडीएम ने ग्रामीणों की समस्याओं पर विचार कर उनके निराकरण का आश्वासन दिया।
हस्तिनापुर वन्य अभ्यारण्य क्षेत्र के गंगा किनारे आबाद गांव बिहारगढ, शुक्रताल, मजलिसपुर तौफीर, खैरनगर, सिताबपुरी, महाराजनगर आदि गांवों में निरीक्षण करने पहुंचे एसडीएम जानसठ ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने जल भराव को लेकर ग्रामीणों की समस्याओं को सुना। ग्रामीणों ने बताया कि शुक्रताल स्थित सच्चे धाम से लेकर ग्राम मीरवाला के क्षेत्र तक सात किलोमीटर की दूरी में गंगा किनारे बांध का निर्माण किया जाए। शुक्रताल से आगे बंद पडे़ नाले को खोला जाए. जिससे पानी गांव की ओर न आ सके। ग्राम मजलिसपुर तौफीर के ग्रामीणों ने कहा कि मोरना-लक्सर मार्ग पर बड़ी पुलियों का निर्माण किया जाना जरूरी है, जिससे फसलों में पानी का ठहराव न हो सके। बिहारगढ ग्राम प्रधान बुद्धराम ने क्षेत्र को हस्तिनापुर सुरक्षित अभ्यारण्य क्षेत्र से हटाकर पुन: साधारण क्षेत्र घोषित किया जाए, जिससे ग्रामीण गंगा की डेल्टा भूमि पर कृषि उत्पादन को बढ़ाकर अपने जीवन स्तर को बेहतर बना सके। शुक्रताल खादर क्षेत्र को सरकार ने हस्तिनापुर वन्य जीव अभ्यारण्य क्षेत्र के सुरक्षित जोन में लिया हुआ है, जिसके चलते वन विभाग ने अपनी हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि को ग्रामीणों से मुक्त कराया है, जिसमें कुछ किसान भूमि विहीन तक हो गए हैं। उपजिलाधिकारी जानसठ ने समस्याओं को सुनकर उन पर विचार कर निदान का आश्वासन दिया है।
एसडीएम गंगा खादर क्षेत्र का दौरा किया
मोरना। एसडीएम जानसठ ने गंगा खादर क्षेत्र के गांवों का दौरा कर हालात का जायजा लिया। उन्होंने जलमग्न क्षेत्रों के ग्रामीणों से बातचीत कर उनसे सुझाव मांगे। एसडीएम ने ग्रामीणों की समस्याओं पर विचार कर उनके निराकरण का आश्वासन दिया।
हस्तिनापुर वन्य अभ्यारण्य क्षेत्र के गंगा किनारे आबाद गांव बिहारगढ, शुक्रताल, मजलिसपुर तौफीर, खैरनगर, सिताबपुरी, महाराजनगर आदि गांवों में निरीक्षण करने पहुंचे एसडीएम जानसठ ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने जल भराव को लेकर ग्रामीणों की समस्याओं को सुना। ग्रामीणों ने बताया कि शुक्रताल स्थित सच्चे धाम से लेकर ग्राम मीरवाला के क्षेत्र तक सात किलोमीटर की दूरी में गंगा किनारे बांध का निर्माण किया जाए। शुक्रताल से आगे बंद पडे़ नाले को खोला जाए. जिससे पानी गांव की ओर न आ सके। ग्राम मजलिसपुर तौफीर के ग्रामीणों ने कहा कि मोरना-लक्सर मार्ग पर बड़ी पुलियों का निर्माण किया जाना जरूरी है, जिससे फसलों में पानी का ठहराव न हो सके। बिहारगढ ग्राम प्रधान बुद्धराम ने क्षेत्र को हस्तिनापुर सुरक्षित अभ्यारण्य क्षेत्र से हटाकर पुन: साधारण क्षेत्र घोषित किया जाए, जिससे ग्रामीण गंगा की डेल्टा भूमि पर कृषि उत्पादन को बढ़ाकर अपने जीवन स्तर को बेहतर बना सके। शुक्रताल खादर क्षेत्र को सरकार ने हस्तिनापुर वन्य जीव अभ्यारण्य क्षेत्र के सुरक्षित जोन में लिया हुआ है, जिसके चलते वन विभाग ने अपनी हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि को ग्रामीणों से मुक्त कराया है, जिसमें कुछ किसान भूमि विहीन तक हो गए हैं। उपजिलाधिकारी जानसठ ने समस्याओं को सुनकर उन पर विचार कर निदान का आश्वासन दिया है।