मिर्जापुर। पूर्वांचल में वाराणसी से नरेंद्र मोदी के बाद अनुप्रिया पटेल ने मिर्जापुर में वोटों के लिहाज से सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। दो लाख 32 हजार 8 वोटों से जीत दर्ज कर उन्होंने प्रतिद्वंद्वियों को कड़ी पटखनी दी है। बड़ी जीत के साथ ही उन्होंने अपना पुराना जीत का रिकार्ड भी तोड़ दिया। पिछले लोकसभा चुनाव में वह दो लाख 19 हजार 079 वोटों से जीती थीं। सपा, बसपा महागठबंधन ने अनुप्रिया पटेल को कड़ी टक्कर देने के लिए मछली शहर के सांसद रामचरित्र निषाद को टिकट दिया था, लेकिन वह लड़ाई में टिक नहीं पाए। पहले चक्र से ही अनुप्रिया पटेल ने बढ़त बनाई जो अंतिम चक्र तक बनी रही। बड़ी जीत से अनुप्रिया पटेल का मंत्रिमंडल में मजबूत हिस्सेदारी का दावा भी बढ़ गया है। उनकी जीत का श्रेय पांच साल में कराए गए विकास कार्य और मोदी मैजिक है।
केंद्रीय संचार राज्य मंत्री मनोज सिन्हा गाजीपुर से कड़े मुकाबले में चुनाव हार गए। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. महेंद्रनाथ पांडेय ने संघर्ष के बाद जीत दर्ज की। घोसी और जौनपुर सीट भाजपा के हाथ से निकल गई। बलिया में भाजपा के वीरेंद्र सिंह मस्त कड़े मुकाबले में कम अंतर से जीत दर्ज कर पाए। आजमगढ़ की दोनों सीटें भाजपा हार गई। ऐसे में अनुप्रिया पटेल की बड़ी जीत अपने आप में मायने रखती है। मिर्जापुर सीट के साथ ही अपना दल एस ने राबर्ट्सगंज सीट भी जीत ली है। अपना दल एस के पकौड़ी लाल कोल ने 54336 वोटों से जीत दर्ज की है। इन दो सीटों के जरिए अपना दल एस ने पूर्वांचल में दावा मजबूत किया है। 2014 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो सपा और बसपा को कुल मिलाकर तीन लाख 26 हजार 316 वोट मिले थे। वहीं अनुप्रिया पटेल को अकेले 436536 वोट मिले थे। अनुप्रिया पटेल अपने निकटतम बसपा की समुद्रा बिंद से दो लाख 19 हजार 079 वोटों से जीती थी। अनुमान लगाया जा रहा था कि सपा, बसपा और रालोद गठबंधन की वजह से उनकी जीत कठिन होगी। इस महागठबंधन के बाद भी उन्होंने दो लाख 32 हजार 8 वोट वोटों से जीत दर्ज कर पूर्वांचल एवं प्रदेश के साथ ही केंद्रीय राजनीति में अहमियत बढ़ाई है।
मिर्जापुर। पूर्वांचल में वाराणसी से नरेंद्र मोदी के बाद अनुप्रिया पटेल ने मिर्जापुर में वोटों के लिहाज से सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। दो लाख 32 हजार 8 वोटों से जीत दर्ज कर उन्होंने प्रतिद्वंद्वियों को कड़ी पटखनी दी है। बड़ी जीत के साथ ही उन्होंने अपना पुराना जीत का रिकार्ड भी तोड़ दिया। पिछले लोकसभा चुनाव में वह दो लाख 19 हजार 079 वोटों से जीती थीं। सपा, बसपा महागठबंधन ने अनुप्रिया पटेल को कड़ी टक्कर देने के लिए मछली शहर के सांसद रामचरित्र निषाद को टिकट दिया था, लेकिन वह लड़ाई में टिक नहीं पाए। पहले चक्र से ही अनुप्रिया पटेल ने बढ़त बनाई जो अंतिम चक्र तक बनी रही। बड़ी जीत से अनुप्रिया पटेल का मंत्रिमंडल में मजबूत हिस्सेदारी का दावा भी बढ़ गया है। उनकी जीत का श्रेय पांच साल में कराए गए विकास कार्य और मोदी मैजिक है।
केंद्रीय संचार राज्य मंत्री मनोज सिन्हा गाजीपुर से कड़े मुकाबले में चुनाव हार गए। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. महेंद्रनाथ पांडेय ने संघर्ष के बाद जीत दर्ज की। घोसी और जौनपुर सीट भाजपा के हाथ से निकल गई। बलिया में भाजपा के वीरेंद्र सिंह मस्त कड़े मुकाबले में कम अंतर से जीत दर्ज कर पाए। आजमगढ़ की दोनों सीटें भाजपा हार गई। ऐसे में अनुप्रिया पटेल की बड़ी जीत अपने आप में मायने रखती है। मिर्जापुर सीट के साथ ही अपना दल एस ने राबर्ट्सगंज सीट भी जीत ली है। अपना दल एस के पकौड़ी लाल कोल ने 54336 वोटों से जीत दर्ज की है। इन दो सीटों के जरिए अपना दल एस ने पूर्वांचल में दावा मजबूत किया है। 2014 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो सपा और बसपा को कुल मिलाकर तीन लाख 26 हजार 316 वोट मिले थे। वहीं अनुप्रिया पटेल को अकेले 436536 वोट मिले थे। अनुप्रिया पटेल अपने निकटतम बसपा की समुद्रा बिंद से दो लाख 19 हजार 079 वोटों से जीती थी। अनुमान लगाया जा रहा था कि सपा, बसपा और रालोद गठबंधन की वजह से उनकी जीत कठिन होगी। इस महागठबंधन के बाद भी उन्होंने दो लाख 32 हजार 8 वोट वोटों से जीत दर्ज कर पूर्वांचल एवं प्रदेश के साथ ही केंद्रीय राजनीति में अहमियत बढ़ाई है।