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बसपा सुप्रीमो मायावती के राज्यसभा से इस्तीफा देने के पीछे की असली वजह, कुछ दिनों पहले सहारनपुर में दलित और राजपूतों के बीच हुए खूनी संघर्ष के बाद मामला दिल्ली पहुंच गया था। इतना ही नहीं बल्कि नेताओं ने इसे मुद्दा बनाकर राजनीति करना भी शुरू कर दिया था। काफी लंबे समय तक चले इस सिलसिले में मंगलवार को बसपा प्रमुख मायावती ने यह मुद्दा राज्यसभा में उठाया तो हंगामा मच गया। मायावती ने आरोप लगाया कि अगर मुझे दलितों व अपने समाज के हित में नहीं बोलने दिया जा सकता तो मेरा पद पर रहने का कोई मतलब नहीं बनता। मायावती का गुस्सा इतने पर ही नहीं रूका बाद में उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा भी दे दिया है।
गौरतलब है कि सहारनपुर में सबसे पहला दंगा 5 मई को शब्बीरपुर में हुआ था। जब अंबेडकर शोभा यात्रा पर पथराव कर दिया था। इसके बाद दलितों ने 9 मई को सहारनपुर के करीब नौ जगहों पर तोड़फोड़ कर आगजनी कर दी थी। यहां तक कि पुलिस पर भी हमला बोल दिया था। इसके बाद फिर लगातार छोटी-छोटी घटनाएं होती रही। वहीं 23 मई को सहारनपुर फिर सुलग गया और दो लोगों को गोली मार दी गई जबकि कई लोगों को धारदार हथियार से काट दिया गया था। अगले दिन फिर सहारनपुर में बवाल हो गया और एक राजपूत युवक को गोली मार दी गई जबकि दो लोगों को धारदार हथियार से काट दिया गया। इसके बाद सहारनपुर में काफी लंबे समय तक तनाव रहा।
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बसपा सुप्रीमो मायावती के राज्यसभा से इस्तीफा देने के पीछे की असली वजह, कुछ दिनों पहले सहारनपुर में दलित और राजपूतों के बीच हुए खूनी संघर्ष के बाद मामला दिल्ली पहुंच गया था। इतना ही नहीं बल्कि नेताओं ने इसे मुद्दा बनाकर राजनीति करना भी शुरू कर दिया था। काफी लंबे समय तक चले इस सिलसिले में मंगलवार को बसपा प्रमुख मायावती ने यह मुद्दा राज्यसभा में उठाया तो हंगामा मच गया। मायावती ने आरोप लगाया कि अगर मुझे दलितों व अपने समाज के हित में नहीं बोलने दिया जा सकता तो मेरा पद पर रहने का कोई मतलब नहीं बनता। मायावती का गुस्सा इतने पर ही नहीं रूका बाद में उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा भी दे दिया है।
सहारनपुर दंगा
गौरतलब है कि सहारनपुर में सबसे पहला दंगा 5 मई को शब्बीरपुर में हुआ था। जब अंबेडकर शोभा यात्रा पर पथराव कर दिया था। इसके बाद दलितों ने 9 मई को सहारनपुर के करीब नौ जगहों पर तोड़फोड़ कर आगजनी कर दी थी। यहां तक कि पुलिस पर भी हमला बोल दिया था। इसके बाद फिर लगातार छोटी-छोटी घटनाएं होती रही। वहीं 23 मई को सहारनपुर फिर सुलग गया और दो लोगों को गोली मार दी गई जबकि कई लोगों को धारदार हथियार से काट दिया गया था। अगले दिन फिर सहारनपुर में बवाल हो गया और एक राजपूत युवक को गोली मार दी गई जबकि दो लोगों को धारदार हथियार से काट दिया गया। इसके बाद सहारनपुर में काफी लंबे समय तक तनाव रहा।
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