न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सहारनपुर
Updated Thu, 24 Jan 2019 10:39 PM IST
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वंदेमातरम और भारत माता की जय कहने को लेकर विवाद फिर से गरमा सकता है। क्योंकि देवबंदी उलमा ने गणतंत्र दिवस के मौके पर वंदेमातरम और भारत माता की जय बोलने के लिए मना किया है। तर्क दिया कि यह इस्लाम के विरुद्ध है और इसको कहने से ही देशभक्ति साबित नहीं होगी। इसके स्थान पर हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगा सकते हैं।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर शिक्षण संस्थानों और दीनी इदारों में ध्वजारोहण होगा और मिठाई भी बांटी जाएगी। इसके साथ ही आजादी के मतवालों की शहादत को याद करते हुए नई पीढ़ी को उनके कारनामों से अवगत कराया जाएगा, लेकिन इस दौरान लगने वाले देशभक्ति नारे भारत माया की जय और वंदेमातरम बोलने को लेकर उलमा ने कड़ी आपत्ति जताई है।
मदरसा जामिया हुसैनिया के वरिष्ठ उस्ताद मुफ्ती तारिक कासमी ने कहा कि यह बात समझ से परे है कि क्या नारे लगाने से देशभक्ति साबित होती है। मुसलमानों ने पहले भी देशभक्ति नारे लगाए हैं और आगे भी लगाते रहेंगे, लेकिन भारत माता की जय के नारे बिल्कुल नहीं लगाएंगे। क्योंकि इस्लाम में अल्लाह के सिवा किसी और की इबादत नहीं की जाती है, जबकि भारत माता की जय में एक मूर्ति का रूप आता है इस कारण भारत माता की जय नहीं बोल सकते और यह मुसलमान के लिए जायज भी नहीं है।
उन्होंने कहा कि हम हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगा सकते हैं। इसी नारे से हमने अंग्रेजों को भगाया था और आज भी हिंदुस्तान के इसी नारे से हम अपनी देशभक्ति जिंदा रखते हैं। मुफ्ती तारिक ने कहा कि क्या हिंदुस्तान की देशभक्ति वंदेमातरम से जाहिर होती है। उसमें ऐसा कौन सा शब्द है जो इस बात की दलील हो कि यह देशभक्ति है।
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वंदेमातरम और भारत माता की जय कहने को लेकर विवाद फिर से गरमा सकता है। क्योंकि देवबंदी उलमा ने गणतंत्र दिवस के मौके पर वंदेमातरम और भारत माता की जय बोलने के लिए मना किया है। तर्क दिया कि यह इस्लाम के विरुद्ध है और इसको कहने से ही देशभक्ति साबित नहीं होगी। इसके स्थान पर हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगा सकते हैं।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर शिक्षण संस्थानों और दीनी इदारों में ध्वजारोहण होगा और मिठाई भी बांटी जाएगी। इसके साथ ही आजादी के मतवालों की शहादत को याद करते हुए नई पीढ़ी को उनके कारनामों से अवगत कराया जाएगा, लेकिन इस दौरान लगने वाले देशभक्ति नारे भारत माया की जय और वंदेमातरम बोलने को लेकर उलमा ने कड़ी आपत्ति जताई है।
मदरसा जामिया हुसैनिया के वरिष्ठ उस्ताद मुफ्ती तारिक कासमी ने कहा कि यह बात समझ से परे है कि क्या नारे लगाने से देशभक्ति साबित होती है। मुसलमानों ने पहले भी देशभक्ति नारे लगाए हैं और आगे भी लगाते रहेंगे, लेकिन भारत माता की जय के नारे बिल्कुल नहीं लगाएंगे। क्योंकि इस्लाम में अल्लाह के सिवा किसी और की इबादत नहीं की जाती है, जबकि भारत माता की जय में एक मूर्ति का रूप आता है इस कारण भारत माता की जय नहीं बोल सकते और यह मुसलमान के लिए जायज भी नहीं है।
उन्होंने कहा कि हम हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगा सकते हैं। इसी नारे से हमने अंग्रेजों को भगाया था और आज भी हिंदुस्तान के इसी नारे से हम अपनी देशभक्ति जिंदा रखते हैं। मुफ्ती तारिक ने कहा कि क्या हिंदुस्तान की देशभक्ति वंदेमातरम से जाहिर होती है। उसमें ऐसा कौन सा शब्द है जो इस बात की दलील हो कि यह देशभक्ति है।
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