बिजनौर में पांच राज्यों की पुलिस के साथ एटीएस ने बृहस्पतिवार सुबह बढ़ापुर समेत जिले के कई स्थानों पर ताबड़तोड़ छापे मारकर जिन पांच संदिग्धों को दबोचा है उनमें बढ़ापुर की मस्जिद का पेश इमाम व मुअज्जिन भी हैं। बिजनौर के मास्टरमाइंड ने अलग-अलग शहरों में संपर्क बनाकर इस खतरनाक साजिश की प्लानिंग की थी, जिसे यूपी एटीएस टीम ने बृहस्पतिवार को नाकाम कर दिया।एटीएम की छापेमारी अभी जारी है। इस छापेमारी के बारे में पुलिस के अफसर जुबान नहीं खोल रहे। पांच राज्यों की पुलिस और एटीएस ने बृहस्पतिवार तड़के करीब चार बजे बढ़ापुर के मोहल्ला भजड़ावाला स्थित मोती मस्जिद में छापा मारा। अजान देकर निकल रहे कोतवाली देहात थाने के गांव अलीपुरा जट निवासी मस्जिद के पेश इमाम मुफ्ती मोहम्मद फैजान व नगीना थाने के गांव तुख्मापुर निवासी मुअज्जिन कारी तनवीर को दबोच लिया गया।
इसके बाद टीम कोतवाली देहात थाने के गांव हुसनाबाद उर्फ दौलताबाद स्थित मदरसे में पहुंची। यहां दो साल से हाफजा की पढ़ाई कर रहे नांगल सोती क्षेत्र के गांव दहीरपुर निवासी 18 वर्षीय फरमान पुत्र नसीम को दबोच लिया। वह भी कोतवाली देहात क्षेत्र के गांव हुसैनाबाद उर्फ दौलताबाद में स्थित मदरसा इस्लामिया इनवाउल उल्म में दो वर्ष से हाफजा पढ़ रहा है। यहीं से कोतवाली देहात थाने के गांव मखवाड़ा निवासी मोहम्मद कासम के 18 साल के पुत्र जैनुल आबुदीन को दबोचा गया। जैनुल भी गांव अलीपुरा जट के मदरसे में दो साल से हाफजा की पढाई कर रहा था।
इसके बाद एटीएस के वेस्ट यूपी के डिप्टी एसपी अनूप सिंह की अगुवाई में टीम ने धामपुर के मोहल्ला बंदूकचियान में छापा मारा और अजीजुर्रहमान को दबोच लिया। वह मजदूरी करता है। टीम सभी संदिग्धों को पूछताछ के लिए जिले से बाहर ले गई। शाम करीब पांच बजे एटीएस की टीम बिजनौर कोतवाली पहुंची और लोकल पुलिस को साथ लेकर कुछ संदिग्धों की तलाश में निकल गई। यह टीम अभी वापिस नहीं लौटी है। इसके बाद एटीएस की कई टीमों ने जिले में डेरा डाल दिया है। एसपी सिटी एमएम बेग के मुताबिक, राष्ट्र हित के मद्देनजर इस मामले में अभी कुछ भी नहीं बताया जा सकता।
वहीं एटीएस के मस्जिद के पेश इमाम व कारी को दबोचकर ले जाने के बाद बढ़ापुर आतंकी गतिविधियों को लेकर फिर चर्चा में आ गया है। इससे पहले भी एसटीएफ लखनऊ की टीम ने बढ़ापुर क्षेत्र के तीन लोगों को आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होने के शक में पकड़ा था। सबूतों के अभाव में लखनऊ स्पेशल कोर्ट से वे बरी हो गए थे।
बृहस्पतिवार को कस्बे के मोहल्ला भजड़ा वाला स्थित मस्जिद से कोतवाली देहात क्षेत्र के गांव अलीपुरा जट्ट निवासी मुफ्ती मौहम्मद फैजान व नगीना कोतवाली क्षेत्र के गांव तुख्मापुर निवासी कारी तनवीर को एटीएस ने दबोचा है। इससे पहले जून 2007 में कस्बे के मोहल्ला नोमी निवासी नासिर, बढ़ापुर के गांव तारापुर निवासी याकूब व गांव सरदारपुर छायली निवासी नौशाद को एसटीएफ ने पकड़ा था। इन तीनों का ट्रायल लखनऊ की स्पेशल कोर्ट में चला। 20 मार्च 2014 को स्पेशल कोर्ट ने मोहल्ला नौमी निवासी नासिर को बरी कर दिया। अगस्त 2015 को तारापुर निवासी याकूब को एवं जनवरी 2016 में नौशाद भी सबूतों के अभाव में छूट गया था।
इन युवकों के बरी होने के बाद बढ़ापुर के माथे पर लगा कलंक हट गया था। किसी अन्य मामले में 7 जनवरी 2016 को नौशाद का वारंट जारी हुआ था। स्थानीय पुलिस ने 13 जनवरी 2016 को गिरफ्तार कर उसको न्यायालय में पेश किया था। वहां से उसको जेल भेज दिया गया था। वर्तमान में भी नौशाद जेल में ही है। बृहस्पतिवार को भले दो बढ़ापुर से दो लोग पकड़े गए हैं, लेकिन ये कस्बे से बाहर के रहने वाले हैं।
धामपुर में यूपी एटीएस ने आतंकवादियों से तार जुड़े होने की आशंका के आरोप में छापामारी कर मुहल्ला बंदूकचियान के एक व्यक्ति को पूछताछ के लिए पकड़ा है। एटीएस युवक को पकड़कर अपने साथ नोएडा ले गई है। युवक के परिजनों को एटीएस के अफसरों ने 21 अप्रैल को नोएडा स्थित कार्यालय पर जानकारी देने के लिए बुलाया भी है। हालांकि युवक के परिजनों ने एटीएस की कार्रवाई का विरोध किया है। परिजनों का कहना है कि जिस युवक को एटीएस पकड़कर ले गई है। वह निहायत शरीफ है। मेहनत मजदूरी कर अपने बच्चों का पेट पार्जन करता है।
एटीएस वेस्टर्न यूपी के डिप्टी एसपी अनूप सिंह ने बताया कि एक मामले में दर्ज मुकदमें की विवेचना के मद्देनजर धामपुर मुहल्ला बंदूकचियान के एक युवक का नाम प्रकाश में आया है। बृहस्पतिवार को एटीएस ने छापेमारी कर संबंधित युवक को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। पूछताछ में यदि आरोपी सही पाया जाता है तो कार्रवाई होगी। उधर एटीएस की इस कार्रवाई से परिजनों में बेचैनी है। युवक के छोटेभाई अतीकुर्रहमान, पालिकाध्यक्ष महमूद हसन कस्सार व मुहल्ले के कई अन्य लोगों ने पुलिस कोतवाली में बताया कि जिस युवक को एटीएस ने पकड़ा है। वह मेहनत मजदूरी कर अपने बच्चों का पेट पार्जन करने में लगा रहता है। युवक करीब 12 साल पहले सऊदी अरब में नौकरी करता था।
उसके बाद से अब तक धामपुर में ही मेहनत मजदूरी कर जिंदगी का निर्वहन कर रहा है। उसका चरित्र कभी अपराधिक नहीं हो सकता। न ही उसके तार किसी आतंकी गिरोह से जुड़े होंगे। युवक पांच भाईयों में सबसे बड़ा है। तीन बच्चों का पिता है। हालांकि एटीएस अधिकारी ने बताया कि वह उच्चाधिकारियों ने उन्हें जो आदेश है। वह उसका पालन कर रहे हैं। अधिकारिक पूछताछ में जो भी निष्कर्ष निकलेगा, उसे युवक के परिजनों को अवगत करा दिया जाएगा। उधर एटीएस की छापेमारी से नगर में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। लोगों का कहना है कि आज तक कभी ऐसा नहीं सुना गया कि धामपुर के किसी युवक आतंकी गिरोह से तार जुड़े हुए हैं।
शामली के झिंझाना कस्बा के मोहल्ला तलाही निवासी हाजी रहीस का बेटा अब्दुल रहमान उर्फ अब्दुल्ला बृहस्पतिवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे घर के पास ही स्थित मसजिद में नमाज पढ़ने गया था। इससे पूर्व ही एटीएस की टीम और झिंझाना थाना पुलिस ने आसपास के इलाके में घेराबंदी कर रखी थी। मस्जिद के गेट से ही टीम ने अब्दुल्ला को पकड़ लिया था। काफी देर रात तक पूछताछ के बाद एटीएस ने अब्दुल को छोड़ दिया। देर रात परिजन उसको झिंझाना अपने घर ले आए।
बिजनौर में पांच राज्यों की पुलिस के साथ एटीएस ने बृहस्पतिवार सुबह बढ़ापुर समेत जिले के कई स्थानों पर ताबड़तोड़ छापे मारकर जिन पांच संदिग्धों को दबोचा है उनमें बढ़ापुर की मस्जिद का पेश इमाम व मुअज्जिन भी हैं। बिजनौर के मास्टरमाइंड ने अलग-अलग शहरों में संपर्क बनाकर इस खतरनाक साजिश की प्लानिंग की थी, जिसे यूपी एटीएस टीम ने बृहस्पतिवार को नाकाम कर दिया।एटीएम की छापेमारी अभी जारी है। इस छापेमारी के बारे में पुलिस के अफसर जुबान नहीं खोल रहे। पांच राज्यों की पुलिस और एटीएस ने बृहस्पतिवार तड़के करीब चार बजे बढ़ापुर के मोहल्ला भजड़ावाला स्थित मोती मस्जिद में छापा मारा। अजान देकर निकल रहे कोतवाली देहात थाने के गांव अलीपुरा जट निवासी मस्जिद के पेश इमाम मुफ्ती मोहम्मद फैजान व नगीना थाने के गांव तुख्मापुर निवासी मुअज्जिन कारी तनवीर को दबोच लिया गया।