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मेरठ। श्रावण मास की शिवरात्रि पर इस बार बाबा औघड़नाथ और महाविल्वेश्वरनाथ मंदिर में शिवभक्तों द्वारा जलाभिषेक करने की परंपरा टूट न जाए। कोई स्पष्ट गाइड लाइन न जारी होने पर मंदिर समितियों ने शपथ पत्र के दबाव के आगे सरेंडर कर दिया हैं। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मंदिर खोलने का शासनादेश आने के बाद भी मंदिर समितियां कोरोना के डर के चलते मंदिर खोलने से पीछे हट रहीं हैं। यह स्थिति तब है जब प्रदेश के मंदिर खोले जा चुके हैं और शहर के बाजार भी पूर्ण रुप से खुल चुके हैं।
बाबा औघड़नाथ मंदिर समिति की मंदिर खोलने को लेकर बृहस्पतिवार को बैठक हुई। महामंत्री सतीश सिंघल ने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग के साथ भक्तों को दर्शन कराने के लिए मंदिर समिति तैयार है। लेकिन जिला प्रशासन मंदिर के बाहर व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी मंदिर समिति पर डाल रहा है। इस संबंध में शपथपत्र भी मांगा जा रहा है। जबकि समिति बार-बार प्रशासन से मंदिर के बाहर व्यवस्था बनाने में मदद की गुहार लगा रही हैं। ऐसे में लाखों श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंच रही है। महाविल्वेश्वरनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी हरीश चंद्र जोशी ने कहा कि वह मंदिर खोलने के लिए लगातार मांग कर रहे हैं। इस संबंध में शपथ पत्र भी दे दिया है। इसके बावजूद अनुमति नहीं दी गई।
कांवड़ यात्रा पर लग चुकी रोक
शिवरात्रि 19 जुलाई को है और 20 जुलाई को सावन का तीसरा सोमवार है। कोरोना के चलते शासन स्तर से कांवड़ यात्रा पर पहले ही रोक लगाई जा चुकी है। ऐसे में शिवरात्रि पर बाबा औघड़नाथ मंदिर के बाहर मेला भी नहीं लगेगा। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ कि प्रशासन शिवरात्रि पर स्थानीय लोगों द्वारा जलाभिषेक की सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य शर्तों के साथ अनुमति देगा या नहीं।
यह बनेगी वैकल्पिक व्यवस्था
मंदिर में भक्तों का प्रवेश वर्जित होने के चलते कुछ मंदिर समिति भक्तों के लिए मंदिर के बाहर से जलाभिषेक करने की व्यवस्था बना रही हैं। बाबा औघड़नाथ मंदिर समिति के महामंत्री सतीश सिंघल ने बताया कि अगर शिवरात्रि पर मंदिर खोलने की अनुमति नहीं मिली तो मंदिर के बाहर पाइप की मदद से इस तरह की व्यवस्था की जाएगी कि भक्त मंदिर के बाहर से जल अर्पित करें और वह सीधा शिवलिंग तक पहुंच जाए। साथ ही मंदिर के बाहर कई पात्र रखे जाएंगे जिसमें भक्त पुष्प आदि पूजन सामग्री रखकर चले जाएं।
- आज खुलेंगे शहर के कई मंदिर
रेलवे रोड स्थित विश्वनाथ महादेव मंदिर समिति के अध्यक्ष अजय गुप्ता ने कहा कि शासनादेश के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मंदिर में पांच लोगों को जाने की अनुमति हैं। जिलाधिकारी ने बुधवार को जारी आदेश में शासनादेश का पूरी तरह से पालन कराने की बात कही है। ऐसे में भक्तों के लिए मंदिर खोलने में कोई समस्या नहीं हैं। शपथपत्र जैसा कुछ देने की मंदिर समिति को आवश्यकता नहीं है। भक्तों के दर्शन के लिए शासनादेश का पालन करते हुए शुक्रवार से मंदिर खोला जाएगा।
- शिवरात्रि पर सुबह मिले जलाभिषेक की अनुमति
वामन भगवान मंदिर समिति अध्यक्ष मुकेश अग्रवाल ने कहा कि शुक्रवार को मंदिर खोलने के संबंध में मंदिर समिति की बैठक बुुलाई गई है। बैठक में मंदिर खोलने के साथ मंदिर भक्तों के प्रवेश संबंधी व्यवस्थाओं पर चर्चा की जाएगी। गंज बाजार लक्ष्मीनारायण मंदिर समिति के सेवादार अंकित गुप्ता ने कहा कि शिवरात्रि पर सुबह भक्तों को जलाभिषेक की अनुमति मिलनी चाहिए।
- प्रशासनिक अधिकारियों से मिलेगी समिति
महाविल्वेश्वरनाथ जगन्नाथ यात्रा समिति के संयोजक गणेश अग्रवाल ने कहा कि समिति पदाधिकारी पवन गर्ग और विजय गोयल विज्जी सहित अन्य 40 पदाधिकारी एवं सदस्य आज प्रशासनिक अधिकारियों से मिलेंगे। पुलिस द्वारा मंदिर जाने से भक्तों को रोकना अनुचित हैं। शासनादेश में मंदिर खोलने की अनुमति हैं। डीएम ने भी अमल करने की बात कही है। ऐसे में अन्य अधिकारियों के द्वारा मंदिर खोलने की अनुमति न देना अनुचित है।
मेरठ। श्रावण मास की शिवरात्रि पर इस बार बाबा औघड़नाथ और महाविल्वेश्वरनाथ मंदिर में शिवभक्तों द्वारा जलाभिषेक करने की परंपरा टूट न जाए। कोई स्पष्ट गाइड लाइन न जारी होने पर मंदिर समितियों ने शपथ पत्र के दबाव के आगे सरेंडर कर दिया हैं। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मंदिर खोलने का शासनादेश आने के बाद भी मंदिर समितियां कोरोना के डर के चलते मंदिर खोलने से पीछे हट रहीं हैं। यह स्थिति तब है जब प्रदेश के मंदिर खोले जा चुके हैं और शहर के बाजार भी पूर्ण रुप से खुल चुके हैं।
बाबा औघड़नाथ मंदिर समिति की मंदिर खोलने को लेकर बृहस्पतिवार को बैठक हुई। महामंत्री सतीश सिंघल ने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग के साथ भक्तों को दर्शन कराने के लिए मंदिर समिति तैयार है। लेकिन जिला प्रशासन मंदिर के बाहर व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी मंदिर समिति पर डाल रहा है। इस संबंध में शपथपत्र भी मांगा जा रहा है। जबकि समिति बार-बार प्रशासन से मंदिर के बाहर व्यवस्था बनाने में मदद की गुहार लगा रही हैं। ऐसे में लाखों श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंच रही है। महाविल्वेश्वरनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी हरीश चंद्र जोशी ने कहा कि वह मंदिर खोलने के लिए लगातार मांग कर रहे हैं। इस संबंध में शपथ पत्र भी दे दिया है। इसके बावजूद अनुमति नहीं दी गई।
कांवड़ यात्रा पर लग चुकी रोक
शिवरात्रि 19 जुलाई को है और 20 जुलाई को सावन का तीसरा सोमवार है। कोरोना के चलते शासन स्तर से कांवड़ यात्रा पर पहले ही रोक लगाई जा चुकी है। ऐसे में शिवरात्रि पर बाबा औघड़नाथ मंदिर के बाहर मेला भी नहीं लगेगा। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ कि प्रशासन शिवरात्रि पर स्थानीय लोगों द्वारा जलाभिषेक की सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य शर्तों के साथ अनुमति देगा या नहीं।
यह बनेगी वैकल्पिक व्यवस्था
मंदिर में भक्तों का प्रवेश वर्जित होने के चलते कुछ मंदिर समिति भक्तों के लिए मंदिर के बाहर से जलाभिषेक करने की व्यवस्था बना रही हैं। बाबा औघड़नाथ मंदिर समिति के महामंत्री सतीश सिंघल ने बताया कि अगर शिवरात्रि पर मंदिर खोलने की अनुमति नहीं मिली तो मंदिर के बाहर पाइप की मदद से इस तरह की व्यवस्था की जाएगी कि भक्त मंदिर के बाहर से जल अर्पित करें और वह सीधा शिवलिंग तक पहुंच जाए। साथ ही मंदिर के बाहर कई पात्र रखे जाएंगे जिसमें भक्त पुष्प आदि पूजन सामग्री रखकर चले जाएं।
- आज खुलेंगे शहर के कई मंदिर
रेलवे रोड स्थित विश्वनाथ महादेव मंदिर समिति के अध्यक्ष अजय गुप्ता ने कहा कि शासनादेश के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मंदिर में पांच लोगों को जाने की अनुमति हैं। जिलाधिकारी ने बुधवार को जारी आदेश में शासनादेश का पूरी तरह से पालन कराने की बात कही है। ऐसे में भक्तों के लिए मंदिर खोलने में कोई समस्या नहीं हैं। शपथपत्र जैसा कुछ देने की मंदिर समिति को आवश्यकता नहीं है। भक्तों के दर्शन के लिए शासनादेश का पालन करते हुए शुक्रवार से मंदिर खोला जाएगा।
- शिवरात्रि पर सुबह मिले जलाभिषेक की अनुमति
वामन भगवान मंदिर समिति अध्यक्ष मुकेश अग्रवाल ने कहा कि शुक्रवार को मंदिर खोलने के संबंध में मंदिर समिति की बैठक बुुलाई गई है। बैठक में मंदिर खोलने के साथ मंदिर भक्तों के प्रवेश संबंधी व्यवस्थाओं पर चर्चा की जाएगी। गंज बाजार लक्ष्मीनारायण मंदिर समिति के सेवादार अंकित गुप्ता ने कहा कि शिवरात्रि पर सुबह भक्तों को जलाभिषेक की अनुमति मिलनी चाहिए।
- प्रशासनिक अधिकारियों से मिलेगी समिति
महाविल्वेश्वरनाथ जगन्नाथ यात्रा समिति के संयोजक गणेश अग्रवाल ने कहा कि समिति पदाधिकारी पवन गर्ग और विजय गोयल विज्जी सहित अन्य 40 पदाधिकारी एवं सदस्य आज प्रशासनिक अधिकारियों से मिलेंगे। पुलिस द्वारा मंदिर जाने से भक्तों को रोकना अनुचित हैं। शासनादेश में मंदिर खोलने की अनुमति हैं। डीएम ने भी अमल करने की बात कही है। ऐसे में अन्य अधिकारियों के द्वारा मंदिर खोलने की अनुमति न देना अनुचित है।