उत्तर प्रदेश के मेरठ के गांवों में कटियाराज रोकने के लिए 338 करोड़ रुपये की लागत से डाले गए एलटी एबी केबल ने काम शुरू कर दिया है। एबी केबल पड़ते ही कटियाबाजों को न केवल कनेक्शन लेने पड़ रहे हैं बल्कि तीन महीने में ही पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) ने 11 करोड़ रुपये मूल्य की 25 मिलियन यूनिट बिजली बचा ली है। विभाग का दावा है कि अगले चार-पांच साल में कंपनी केबल की लागत बिजली चोरी रोककर पूरी कर लेगा।
गांवों में एल्यूमीनियम तारों की खुली एलटी लाइन कटियाबाजों के लिए बिजली चोरी का बड़ा जरिया है। विभागीय कर्मियों को घूस देकर कटियाबाज लाखों रुपये की बिजली खपत करते हैं। इससे विभाग का घाटा तो बढ़ता ही है, ईमानदार बिजली उपभोक्ताओं को हर साल बिजली का बिल ज्यादा देकर खामियाजा उठाना पड़ता है। कटियाबाजों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने गांवों में तार वाली एलटी लाइन उतारकर उसके स्थान पर एरियल बंच कंडक्टर यानि एबी केबल डालने की योजना चला रखी है।
पीवीवीएनएल के अंतर्गत आने वाले सभी 14 जिलों में नॉन सौभाग्य स्कीम के तहत अब तक 4,816 गांवों में 338 करोड़ की एबी केबल डाली जा चुकी है। बुलंदशहर के सर्वाधिक 1,148 गांवों में एबी केबल डाली गई है। इसके अलावा मुरादाबाद में 705 और संभल में 685 गांवों में केबल डाली गई है। बिजली बचाने के मामले में शामली जनपद सबसे ऊपर है। यहां पर तीन महीने में ही 3.85 करोड़ रुपये की बिजली चोरी रोकी जा चुकी है। इसके बाद बिजली की बचत करने में अमरोहा, मुजफ्फरनगर और मेरठ का नंबर है।
अब तक 50 हजार लोगों ने लिए कनेक्शन
एबी केबल लगते ही गांवों में कटियाबाजों के बीच कनेक्शन लेने की होड़ मची है। अब तक 49,994 कनेक्शन जारी किए जा चुके हैं। बुलंदशहर में सर्वाधिक 9,958, गौतमबुद्ध नगर में 7,624, रामपुर में 5,665, मुरादाबाद में 5,580, अमरोहा में 3,971 और हापुड़ में 3,026 कनेक्शन दिए गए हैं। इसी तरह मेरठ में 613, सहारनपुर में 2,479, मुजफ्फरनगर में 2,180, शामली में 1,764, बिजनौर में 1327 और बागपत में 2,490 कनेक्शन जारी हो चुके हैं।
जिला गांव एबी केबल की लागत बची बिजली (एमयू) बची बिजली की कीमत
मेरठ 47 5 4 1.80
बागपत 130 21 1.96 0.88
सहारनपुर 230 24 0.28 0.12
मुजफ्फरनगर 139 22 6.35 2.86
शामली 160 22 8.56 3.85
बिजनौर 134 8 - 0.002 - 0.001
(नोट: एबी केबल की लागत और बचाई गई बिजली की कीमत करोड़ रुपये में है। आंकड़े ऊर्जा भवन से लिए गए हैं।)
तीन महीने में ही अच्छे परिणाम मिले
गांवों में डाली गई एबी केबल का तीन महीने में ही अच्छा परिणाम मिला है। एबी केबल कटिया कनेक्शनों पर लगाम लगाने में सफल हो रहा है। - अरविंद मल्लप्पा बंगारी, एमडी, पीवीवीएनएल
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उत्तर प्रदेश के मेरठ के गांवों में कटियाराज रोकने के लिए 338 करोड़ रुपये की लागत से डाले गए एलटी एबी केबल ने काम शुरू कर दिया है। एबी केबल पड़ते ही कटियाबाजों को न केवल कनेक्शन लेने पड़ रहे हैं बल्कि तीन महीने में ही पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) ने 11 करोड़ रुपये मूल्य की 25 मिलियन यूनिट बिजली बचा ली है। विभाग का दावा है कि अगले चार-पांच साल में कंपनी केबल की लागत बिजली चोरी रोककर पूरी कर लेगा।
गांवों में एल्यूमीनियम तारों की खुली एलटी लाइन कटियाबाजों के लिए बिजली चोरी का बड़ा जरिया है। विभागीय कर्मियों को घूस देकर कटियाबाज लाखों रुपये की बिजली खपत करते हैं। इससे विभाग का घाटा तो बढ़ता ही है, ईमानदार बिजली उपभोक्ताओं को हर साल बिजली का बिल ज्यादा देकर खामियाजा उठाना पड़ता है। कटियाबाजों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने गांवों में तार वाली एलटी लाइन उतारकर उसके स्थान पर एरियल बंच कंडक्टर यानि एबी केबल डालने की योजना चला रखी है।
पीवीवीएनएल के अंतर्गत आने वाले सभी 14 जिलों में नॉन सौभाग्य स्कीम के तहत अब तक 4,816 गांवों में 338 करोड़ की एबी केबल डाली जा चुकी है। बुलंदशहर के सर्वाधिक 1,148 गांवों में एबी केबल डाली गई है। इसके अलावा मुरादाबाद में 705 और संभल में 685 गांवों में केबल डाली गई है। बिजली बचाने के मामले में शामली जनपद सबसे ऊपर है। यहां पर तीन महीने में ही 3.85 करोड़ रुपये की बिजली चोरी रोकी जा चुकी है। इसके बाद बिजली की बचत करने में अमरोहा, मुजफ्फरनगर और मेरठ का नंबर है।