महोबा। जिले में सरकारी हैंडपंपाें पर अवैध कब्जे होना आम बात हो गई है। कहीं पर बाउंड्रीवाल बनाकर हैंडपंप अंदर कर लिए गए हैं तो कहीं पर हैंडपंपाें में सबमर्सिबल पंप डालकर खेताें में सिंचाई की जा रही है और हैंडपंपाें पर पाइप लगाकर पानी लिया जा रहा है। इसके बावजूद जिला ेप्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
जिले में हर साल सैकड़ाें की संख्या में नए हैंडपंप लगाए जाते हैं। इसके बाद भी हैंडपंपाें की कमी बनी रहती है। क्योंकि जनप्रतिनिधियाें द्वारा अपने चहेताें के खेताें में हैंडपंप लगा दिए गए तो कहीं पर दबंगाें ने हैंडपंपाें पर कब्जा ही कर लिया। सबसे ज्यादा सरकारी हैंडपंप खरेला क्षेत्र के खेताें में सिंचाई के लिए लगाए गए।
उन्हें किसान अपना निजी हैंडपंप समझकर भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं। इसी तरह पिछले साल ग्राम बसौरा में एक ग्रामीण ने हैंडपंप को तारबाड़ी के अंदर कर लिया था लेकिन ग्रामीणाें को पानी भरने से मना करने पर हुई शिकायत पर प्रशासन ने उसे हटवा दिया।
इसी तरह कलेक्ट्रेट से 100 मीटर दूरी पर लगे हैंडपंप में खुलेआम पाइप लगाकर खेताें में सिंचाई की जा रही है। इस रोड से दिनभर दर्जनाें अधिकारियाें के गुजरने के बाद भी हैंडपंप पर नजर नहीं पड़ रही है। इसी तरह चरखारी रोड पर खेताें में लगे हैंडपंपाें में सबमर्सिबल पंप डालकर सिंचाई की जा रही है।
पनवाड़ी गांव में भी हैडपंपाें पर दबंगाें ने कब्जे कर लिए हैं। कई गांवाें में यही स्थिति बनी हुई है। जिलाधिकारी डा. काजल का कहना है कि हैंडपंपाें पर कब्जे का मामला मेरे संज्ञान में नहीं है फिर भी उसका पता लगाकर कार्रवाई की जाएगी।