राजपुर (कानपुर देहात)। हौसलों की उड़ान से अमरौधा ब्लॉक के सट्टी गांव निवासी दिव्यांग शावेज ने क्रिकेट खेलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया। दाहिने पैर से दिव्यांग मोहम्मद शावेज ने अब प्रतिभाओं को उभारने के लिए सट्टी में जिम सेंटर शुरू किया है। यहां वह प्रतिभाओं को निखारने के लिए निशुल्क प्रशिक्षण देते हैं।
अमरौधा ब्लाक के सट्टी निवासी मोहम्मद शावेज को बचपन में पोलियो हो गया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। बुलंद हौसलों से क्रिकेट में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई। वह उत्तर प्रदेश दिव्यांग क्रिकेट क्लब के कप्तान व बोर्ड के सचिव भी हैं। वह बताते हैं कि प्रारंभिक शिक्षा गांव में हुई। इसके बाद शाहजहांपुर के कॉलेज से इंटर और कानपुर विश्वविद्यालय से बीकॉम किया।
साल 2006 में लखनऊ में कॉलेज स्तरीय क्रिकेट टूर्नामेंट में भाग लिया। वहां दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सचिव हारून रसीद के संपर्क में आए। बाद में प्रदेश की टीम से कई मैच खेले। कोच नेखचंद्र गुप्ता 2014 में श्रीलंका ले गए। देश की तरफ से शानदार क्रिकेट खेलकर टीम को जीत दिलाई। बाद में देश के लिए और कई मैच खेले। कोरोना काल में गांव आ गए। जिम में हर दिन 32 युवा आते हैं। इसमें 12 दिव्यांग हैं।
कप्तान बनने पर हुई खुशी
राजपुर। साल 2017 में बोर्ड ने शावेज को उत्तर प्रदेश दिव्यांग क्रिकेट क्लब का कप्तान बनाया। वह कहते हैं कि कप्तान बनने पर खुशी हुई। कप्तान रहते हुए हैदराबाद, केरल, नागपुर, महाराष्ट्र, राजस्थान आदि प्रदेश की टीमों के खिलाफ मैच खेलकर जीत दिलाई। मौजूदा समय में प्रदेश की टीम के कप्तान हैं। उन्हें प्रदेश दिव्यांग क्रिकेट बोर्ड के सचिव का भी दायित्व मिला है। (संवाद)
बॉडी लिफ्टिंग में उत्तर भारत के चैंपियन
राजपुर। शावेज को बॉडी लिफ्टिंग का भी शौक है। पिछले दिनों कानपुर में हुई सातवीं नार्थ इंडिया बॉडी लिफ्टिंग प्रतियोगिता में वेट लिफ्टिंग फिजिकल चैलेंज में शानदार प्रदर्शन कर उत्तर भारत में पहला स्थान हासिल किया। इंडियन बॉडी लिफ्टिंग फेडरेशन पैनल में शामिल नेशनल जज डॉ. जीएल शर्मा ने उन्हें गणतंत्र दिवस पर सम्मानित किया। वह कहते हैं कि बॉडी लिफ्टिंग में गोल्ड मेडल जीतने का सपना है। (संवाद)
विदेश में नाम रोशन करने पर परिजनों को फक्र
राजपुर। शावेज के पिता मोहम्मद तौहीद ने बताया कि घर में पत्नी बहीदा खातून, छोटा बेटा हैदर अली, बेटी अजमत फातमा, शबाब फातमा हैं। दिव्यांग होकर भी शावेज ने विदेश में उम्दा खेल का प्रदर्शन पर देश का नाम रोशन किया है। इस पर बेहद फक्र है। (संवाद)
बाडी लिफ्टिंग के विजेता मोहम्मद शावेज।- फोटो : AKBARPUR
राजपुर (कानपुर देहात)। हौसलों की उड़ान से अमरौधा ब्लॉक के सट्टी गांव निवासी दिव्यांग शावेज ने क्रिकेट खेलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया। दाहिने पैर से दिव्यांग मोहम्मद शावेज ने अब प्रतिभाओं को उभारने के लिए सट्टी में जिम सेंटर शुरू किया है। यहां वह प्रतिभाओं को निखारने के लिए निशुल्क प्रशिक्षण देते हैं।
अमरौधा ब्लाक के सट्टी निवासी मोहम्मद शावेज को बचपन में पोलियो हो गया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। बुलंद हौसलों से क्रिकेट में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई। वह उत्तर प्रदेश दिव्यांग क्रिकेट क्लब के कप्तान व बोर्ड के सचिव भी हैं। वह बताते हैं कि प्रारंभिक शिक्षा गांव में हुई। इसके बाद शाहजहांपुर के कॉलेज से इंटर और कानपुर विश्वविद्यालय से बीकॉम किया।
साल 2006 में लखनऊ में कॉलेज स्तरीय क्रिकेट टूर्नामेंट में भाग लिया। वहां दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सचिव हारून रसीद के संपर्क में आए। बाद में प्रदेश की टीम से कई मैच खेले। कोच नेखचंद्र गुप्ता 2014 में श्रीलंका ले गए। देश की तरफ से शानदार क्रिकेट खेलकर टीम को जीत दिलाई। बाद में देश के लिए और कई मैच खेले। कोरोना काल में गांव आ गए। जिम में हर दिन 32 युवा आते हैं। इसमें 12 दिव्यांग हैं।
कप्तान बनने पर हुई खुशी
राजपुर। साल 2017 में बोर्ड ने शावेज को उत्तर प्रदेश दिव्यांग क्रिकेट क्लब का कप्तान बनाया। वह कहते हैं कि कप्तान बनने पर खुशी हुई। कप्तान रहते हुए हैदराबाद, केरल, नागपुर, महाराष्ट्र, राजस्थान आदि प्रदेश की टीमों के खिलाफ मैच खेलकर जीत दिलाई। मौजूदा समय में प्रदेश की टीम के कप्तान हैं। उन्हें प्रदेश दिव्यांग क्रिकेट बोर्ड के सचिव का भी दायित्व मिला है। (संवाद)
बॉडी लिफ्टिंग में उत्तर भारत के चैंपियन
राजपुर। शावेज को बॉडी लिफ्टिंग का भी शौक है। पिछले दिनों कानपुर में हुई सातवीं नार्थ इंडिया बॉडी लिफ्टिंग प्रतियोगिता में वेट लिफ्टिंग फिजिकल चैलेंज में शानदार प्रदर्शन कर उत्तर भारत में पहला स्थान हासिल किया। इंडियन बॉडी लिफ्टिंग फेडरेशन पैनल में शामिल नेशनल जज डॉ. जीएल शर्मा ने उन्हें गणतंत्र दिवस पर सम्मानित किया। वह कहते हैं कि बॉडी लिफ्टिंग में गोल्ड मेडल जीतने का सपना है। (संवाद)
विदेश में नाम रोशन करने पर परिजनों को फक्र
राजपुर। शावेज के पिता मोहम्मद तौहीद ने बताया कि घर में पत्नी बहीदा खातून, छोटा बेटा हैदर अली, बेटी अजमत फातमा, शबाब फातमा हैं। दिव्यांग होकर भी शावेज ने विदेश में उम्दा खेल का प्रदर्शन पर देश का नाम रोशन किया है। इस पर बेहद फक्र है। (संवाद)
बाडी लिफ्टिंग के विजेता मोहम्मद शावेज।- फोटो : AKBARPUR