न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Updated Sat, 28 Nov 2020 12:08 PM IST
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मुखौटा कंपनियों की आड़ में फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने वालों पर सीजीएसटी और एसजीएसटी विभाग देश भर में अभियान चला रहा है। एसजीएसटी विभाग को सौ करोड़ का घोटाला मिला है। यूपी, दिल्ली, मेघालय और पश्चिम बंगाल तक विभाग को इसमें लिंक मिले हैं।
यह घोटाला सुपाड़ी के ट्रेड से जुड़ा है। वहीं सीजीएसटी विभाग ने मुंबई की एक दर्जन से अधिक मुखौटा कंपनियों में शहर की फर्मों से करोड़ों रुपये की खरीद-बिक्री का मामला पकड़ा है। अब इन मुखौटा कंपनियों के पंजीयन निरस्त की कार्रवाई की जा रही है।
एसजीएसटी और सीजीएसटी की जांच पड़ताल में पता चला कि यहां से सुपाड़ी लदा ट्रक दिल्ली, मेघालय, पश्चिम बंगाल रवाना तो दिखाया गया लेकिन वापसी का कोई रिकार्ड फर्में नहीं दिखा रही हैं। विभाग ने कई सुपाड़ी लदे ट्रक सीज भी किए हैं।
जांच में पता चला है कि यूपी की चार और तीन अन्य राज्यों की सात मुखौटा कंपनियां इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ ले रही थीं। एसजीएसटी के एडिशनल कमिश्नर एसआईबी कमलेश्वर वर्मा ने बताया कि चार राज्यों में मुखौटा कंपनियां का नेटवर्क पकड़ा गया है। 11 कंपनियों के माध्यम से सौ करोड़ से अधिक का घोटाला सामने आ रहा है।
मुखौटा कंपनियों की आड़ में फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने वालों पर सीजीएसटी और एसजीएसटी विभाग देश भर में अभियान चला रहा है। एसजीएसटी विभाग को सौ करोड़ का घोटाला मिला है। यूपी, दिल्ली, मेघालय और पश्चिम बंगाल तक विभाग को इसमें लिंक मिले हैं।
यह घोटाला सुपाड़ी के ट्रेड से जुड़ा है। वहीं सीजीएसटी विभाग ने मुंबई की एक दर्जन से अधिक मुखौटा कंपनियों में शहर की फर्मों से करोड़ों रुपये की खरीद-बिक्री का मामला पकड़ा है। अब इन मुखौटा कंपनियों के पंजीयन निरस्त की कार्रवाई की जा रही है।
एसजीएसटी और सीजीएसटी की जांच पड़ताल में पता चला कि यहां से सुपाड़ी लदा ट्रक दिल्ली, मेघालय, पश्चिम बंगाल रवाना तो दिखाया गया लेकिन वापसी का कोई रिकार्ड फर्में नहीं दिखा रही हैं। विभाग ने कई सुपाड़ी लदे ट्रक सीज भी किए हैं।
जांच में पता चला है कि यूपी की चार और तीन अन्य राज्यों की सात मुखौटा कंपनियां इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ ले रही थीं। एसजीएसटी के एडिशनल कमिश्नर एसआईबी कमलेश्वर वर्मा ने बताया कि चार राज्यों में मुखौटा कंपनियां का नेटवर्क पकड़ा गया है। 11 कंपनियों के माध्यम से सौ करोड़ से अधिक का घोटाला सामने आ रहा है।