कानपुर। यूपी हैंडलूम के जिन शोरूमों में कभी-कभी बोहनी तक नहीं होती है उनके लिए विभाग ने प्रतिदिन लाखों रुपये की बिक्री का टारगेट निर्धारित कर दिया है। कानपुर सहित देश के 63 शोरूमों के लिए से 31 मार्च 2015 तक 625 करोड़ रुपये के उत्पाद बिक्री का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। हैंडलूम के सीए की ओर से तैयार किए गए इस लक्ष्य से विभाग में हड़कंप मचा है। विभाग से जुडे़ लोगों का कहना है कि हैंडलूम के पास संसाधन तक नहीं हैं। तमाम शोरूम खस्ता हाल हैं। शोरूमों में उत्पाद तक नहीं हैं। हैंडलूम उत्पादों की डिमांड भी नहीं है। ऐसे में यह लक्ष्य हास्यास्पद लगता है। बता दें कि वित्तीय वर्ष 2013-14 में कानपुर में 12 करोड़ रुपये और पूरे देश में कुल 37 करोड़ रुपये की बिक्री हुई थी।
हैंडलूम के कानपुर में आठ सहित पूरे देश में 63 शोरूम हैं। इन शोरूमों के लिए हाल में हैंडलूम के चार्टर्ड एकाउंटेंट विभाग ने बिक्री लक्ष्य तय किए हैं। 15 अक्तूबर 2014 से 31 मार्च 2015 तक अकेले कानपुर के लिए 40 करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें खास बात यह है कि एक ऐसा शोरूम (जैना पैलेस) जो कभी-कभी खुलता है उसके लिए सबसे अधिक 69 लाख रुपये प्रतिदिन बिक्री का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। शोरूमों को तीन कैटेगरी में बांटकर तैयार किए लक्ष्य में आर्यनगर और किदवई नगर के लिए 52-52 लाख रुपये बिक्री का लक्ष्य बनाया गया है। इसके अलावा पीपीएन मार्केट, कल्यानपुर, उद्योग निदेशालय, एल्गिन मिल, जवाहरनगर के शोरूमों के लिए दो-दो लाख रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। विभाग से जुड़े लोगों का कहना है कि 90 के दशक में जब हैंडलूम अपने स्वर्णिम काल में था तब भी इतने बड़े लक्ष्य नहीं बनाए गए। विभाग के पास न तो इतनी जमा पूंजी है और न ही संसाधन हैं कि कई सौ करोड़ रुपये के पहले उत्पाद खरीदें जाए फिर इतने बड़े पैमाने पर बिक्री की जाए। उनका यह भी कहना है कि विभाग में नई खरीद पूर्व एमडी राजीव शर्मा के कार्यकाल में हुई थी जो कि 90 लाख रुपये की थी। इसके बाद से आजतक कोई उत्पाद नहीं खरीदे गए।
--------------------------------
यह भी जाने
-सर्वोदय नगर स्थित उद्योग निदेशालय के शोरूम में प्रतिदिन औसतन 700-800 रुपये की बिक्री होती है।
-जैना पैलेस शोरूम की काउंटर सेल बिल्कुल नहीं है, यह कभी-कभी खुलता है। यहां मार्केट तक नहीं है।
-सर्वोदय नगर, एल्गिन मिल शोरूम की स्थिति कुछ ठीक है लेकिन यहां पर भी महज कई हजार की बिक्री महीने में होती है
कोट्स
हैंडलूम की मार्केटिंग टीम से राय मशविरा करने के बाद यह लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। लक्ष्य हासिल करने के लिए विभाग के पास संसाधन हैं या नहीं, इसकी जानकारी मुझे नहीं है।
जेपी सिंह, चार्टर्ड एकाउंटेंट, यूपी हैंडलूम
सीए ने कई बैठकों के दौरान बताया था कि हैंडलूम के संसाधन बढ़ाए जाएंगे। इसके अलावा कई प्राइवेट संस्थाओं के साथ टाईअप कराने का आश्वासन दिया था। इसके अलावा शोरूमों को आधुनिक बनाने के साथ ही कर्मचारियों का डीए और वेतन बढ़ाने संबंधी आश्वासन दिया था लेकिन इस दिशा में कोई प्रयास नहीं हो रहे हैं। इतने बड़े लक्ष्य को लेकर विभाग में तमाम चर्चाएं हैं।
आरके मिश्रा, क्षेत्रीय विपणन प्रबंधक कानपुर
पिछले वर्ष की बैलेंस शीट के आधार पर ही लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। इस बार लक्ष्य बढ़ाया गया है। हैंडलूम के संसाधन बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
एमडी राजेंद्र सिंह, यूपी हैंडलूम
कानपुर। यूपी हैंडलूम के जिन शोरूमों में कभी-कभी बोहनी तक नहीं होती है उनके लिए विभाग ने प्रतिदिन लाखों रुपये की बिक्री का टारगेट निर्धारित कर दिया है। कानपुर सहित देश के 63 शोरूमों के लिए से 31 मार्च 2015 तक 625 करोड़ रुपये के उत्पाद बिक्री का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। हैंडलूम के सीए की ओर से तैयार किए गए इस लक्ष्य से विभाग में हड़कंप मचा है। विभाग से जुडे़ लोगों का कहना है कि हैंडलूम के पास संसाधन तक नहीं हैं। तमाम शोरूम खस्ता हाल हैं। शोरूमों में उत्पाद तक नहीं हैं। हैंडलूम उत्पादों की डिमांड भी नहीं है। ऐसे में यह लक्ष्य हास्यास्पद लगता है। बता दें कि वित्तीय वर्ष 2013-14 में कानपुर में 12 करोड़ रुपये और पूरे देश में कुल 37 करोड़ रुपये की बिक्री हुई थी।
हैंडलूम के कानपुर में आठ सहित पूरे देश में 63 शोरूम हैं। इन शोरूमों के लिए हाल में हैंडलूम के चार्टर्ड एकाउंटेंट विभाग ने बिक्री लक्ष्य तय किए हैं। 15 अक्तूबर 2014 से 31 मार्च 2015 तक अकेले कानपुर के लिए 40 करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें खास बात यह है कि एक ऐसा शोरूम (जैना पैलेस) जो कभी-कभी खुलता है उसके लिए सबसे अधिक 69 लाख रुपये प्रतिदिन बिक्री का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। शोरूमों को तीन कैटेगरी में बांटकर तैयार किए लक्ष्य में आर्यनगर और किदवई नगर के लिए 52-52 लाख रुपये बिक्री का लक्ष्य बनाया गया है। इसके अलावा पीपीएन मार्केट, कल्यानपुर, उद्योग निदेशालय, एल्गिन मिल, जवाहरनगर के शोरूमों के लिए दो-दो लाख रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। विभाग से जुड़े लोगों का कहना है कि 90 के दशक में जब हैंडलूम अपने स्वर्णिम काल में था तब भी इतने बड़े लक्ष्य नहीं बनाए गए। विभाग के पास न तो इतनी जमा पूंजी है और न ही संसाधन हैं कि कई सौ करोड़ रुपये के पहले उत्पाद खरीदें जाए फिर इतने बड़े पैमाने पर बिक्री की जाए। उनका यह भी कहना है कि विभाग में नई खरीद पूर्व एमडी राजीव शर्मा के कार्यकाल में हुई थी जो कि 90 लाख रुपये की थी। इसके बाद से आजतक कोई उत्पाद नहीं खरीदे गए।
--------------------------------
यह भी जाने
-सर्वोदय नगर स्थित उद्योग निदेशालय के शोरूम में प्रतिदिन औसतन 700-800 रुपये की बिक्री होती है।
-जैना पैलेस शोरूम की काउंटर सेल बिल्कुल नहीं है, यह कभी-कभी खुलता है। यहां मार्केट तक नहीं है।
-सर्वोदय नगर, एल्गिन मिल शोरूम की स्थिति कुछ ठीक है लेकिन यहां पर भी महज कई हजार की बिक्री महीने में होती है
कोट्स
हैंडलूम की मार्केटिंग टीम से राय मशविरा करने के बाद यह लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। लक्ष्य हासिल करने के लिए विभाग के पास संसाधन हैं या नहीं, इसकी जानकारी मुझे नहीं है।
जेपी सिंह, चार्टर्ड एकाउंटेंट, यूपी हैंडलूम
सीए ने कई बैठकों के दौरान बताया था कि हैंडलूम के संसाधन बढ़ाए जाएंगे। इसके अलावा कई प्राइवेट संस्थाओं के साथ टाईअप कराने का आश्वासन दिया था। इसके अलावा शोरूमों को आधुनिक बनाने के साथ ही कर्मचारियों का डीए और वेतन बढ़ाने संबंधी आश्वासन दिया था लेकिन इस दिशा में कोई प्रयास नहीं हो रहे हैं। इतने बड़े लक्ष्य को लेकर विभाग में तमाम चर्चाएं हैं।
आरके मिश्रा, क्षेत्रीय विपणन प्रबंधक कानपुर
पिछले वर्ष की बैलेंस शीट के आधार पर ही लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। इस बार लक्ष्य बढ़ाया गया है। हैंडलूम के संसाधन बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
एमडी राजेंद्र सिंह, यूपी हैंडलूम