मेडिकल कालेज में मासूम बच्ची की हालत बुधवार देर रात बिगड़ गई। डाक्टरों ने मासूम को रेफर कर दिया। परिजन कानपुर लेकर जाते उससे पहले ही मासूम की मौत हो गई। इससे गुस्साए परिजनों ने मेडिकल कालेज की ओपीडी गेट के बाहर शव रखकर हंगामा किया। अस्पताल के स्टाफ के समझाने पर मामला शांत हो सका।
तिर्वा कोतवाली क्षेत्र के सखौली गांव निवासी अजीत कुमार की चार माह की पुत्री सोनम को दो दिन पहले उल्टी-दस्त शुरू हो गए। हालत बिगड़ती देख परिजन उसे तिर्वा मेडिकल कालेज ले आए। यहां पर बाल रोग विशेषज्ञ ने मासूम को जुकाम व बुखार होना बताया। वहीं, गुरुवार की सुबह तक हालत में सुधार न होने पर डाक्टरों ने 7.10 बजे रेफर कर दिया। परिजन मासूम को ले जाने के लिए व्यवस्था कर रहे थे, तभी सोनम की मौत हो गई। मासूम की मौत से गुस्साए परिजनों ने शव मेडिकल कालेज की ओपीडी के सामने रखकर हंगामा शुरू कर दिया। परिजनों ने डाक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया। दो घंटे तक शव ओपीडी के सामने रखा रहा। जिससे अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों व तीमारदारों को भी परेशानी उठानी पड़ी।
इस संबंध में मेडिकल कालेज के सीएमएस डा. दिलीप सिंह का कहना है कि डाक्टरों की ओर से किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती गई है। मरीज को 7.10 बजे रेफर कर दिया गया था। 11 बजे के बाद मौत हुई है। फिर भी वह मामले का पता लगाएंगे।
मेडिकल कालेज में मासूम बच्ची की हालत बुधवार देर रात बिगड़ गई। डाक्टरों ने मासूम को रेफर कर दिया। परिजन कानपुर लेकर जाते उससे पहले ही मासूम की मौत हो गई। इससे गुस्साए परिजनों ने मेडिकल कालेज की ओपीडी गेट के बाहर शव रखकर हंगामा किया। अस्पताल के स्टाफ के समझाने पर मामला शांत हो सका।
तिर्वा कोतवाली क्षेत्र के सखौली गांव निवासी अजीत कुमार की चार माह की पुत्री सोनम को दो दिन पहले उल्टी-दस्त शुरू हो गए। हालत बिगड़ती देख परिजन उसे तिर्वा मेडिकल कालेज ले आए। यहां पर बाल रोग विशेषज्ञ ने मासूम को जुकाम व बुखार होना बताया। वहीं, गुरुवार की सुबह तक हालत में सुधार न होने पर डाक्टरों ने 7.10 बजे रेफर कर दिया। परिजन मासूम को ले जाने के लिए व्यवस्था कर रहे थे, तभी सोनम की मौत हो गई। मासूम की मौत से गुस्साए परिजनों ने शव मेडिकल कालेज की ओपीडी के सामने रखकर हंगामा शुरू कर दिया। परिजनों ने डाक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया। दो घंटे तक शव ओपीडी के सामने रखा रहा। जिससे अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों व तीमारदारों को भी परेशानी उठानी पड़ी।
इस संबंध में मेडिकल कालेज के सीएमएस डा. दिलीप सिंह का कहना है कि डाक्टरों की ओर से किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती गई है। मरीज को 7.10 बजे रेफर कर दिया गया था। 11 बजे के बाद मौत हुई है। फिर भी वह मामले का पता लगाएंगे।