कन्नौज। उप चुनाव को लेकर जिला प्रशासन ने परिषदीय विद्यालय खोलने के निर्देश दिए थे, लेकिन शिक्षकों ने इस फरमान को धता बताते हुए विद्यालय नहीं खोले। व्यवस्थाएं सुदृढ़ करने पहुंचे अधिकारियों को कोई शिक्षक नहीं मिला।
प्राथमिक विद्यालय इनायतपुर में प्रधानाध्यापक आलोक कुमार के नहीं पहुंचने पर सुबह 10 बजे तक विद्यालय का ताला नहीं खुला था। इसके अलावा शिक्षा मित्र वंदना कुशवाहा, शकील खां भी नहीं आए थे। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि विद्यालय में नियुक्त प्रधानाध्यापक स्कूल आते ही नहीं। शिक्षामित्र भी कभीकभार विद्यालय पहुंचते हैं। इससे शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चौपट है। शिक्षामित्र शकील खां से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि शिक्षामित्रों की डयूटी बीएलओ सहित अन्य राष्ट्रीय कार्यक्रमों में लगा दी जाती है। एक साथ दो-दो कार्य कैसे किए जाएं। बेसिक शिक्षाधिकारी अंबरीश कुमार यादव ने कहा कि जिन विद्यालयों का सेक्टर मजिस्ट्रेट निरीक्षण कर चुके थे, सिर्फ वे ही विद्यालय नहीं खुले थे। शेष विद्यालय खोले गए, इसके अलावा निरीक्षण के तुरंत बाद विद्यालय बंद रखने के आदेश थे। हालांकि ग्रामीणों की यदि शिकायत है कि शिक्षक विद्यालय नहीं पहुंचते, तो इसकी लिखित रुप से शिकायत करें। जुलाई माह में जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
कन्नौज। उप चुनाव को लेकर जिला प्रशासन ने परिषदीय विद्यालय खोलने के निर्देश दिए थे, लेकिन शिक्षकों ने इस फरमान को धता बताते हुए विद्यालय नहीं खोले। व्यवस्थाएं सुदृढ़ करने पहुंचे अधिकारियों को कोई शिक्षक नहीं मिला।
प्राथमिक विद्यालय इनायतपुर में प्रधानाध्यापक आलोक कुमार के नहीं पहुंचने पर सुबह 10 बजे तक विद्यालय का ताला नहीं खुला था। इसके अलावा शिक्षा मित्र वंदना कुशवाहा, शकील खां भी नहीं आए थे। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि विद्यालय में नियुक्त प्रधानाध्यापक स्कूल आते ही नहीं। शिक्षामित्र भी कभीकभार विद्यालय पहुंचते हैं। इससे शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चौपट है। शिक्षामित्र शकील खां से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि शिक्षामित्रों की डयूटी बीएलओ सहित अन्य राष्ट्रीय कार्यक्रमों में लगा दी जाती है। एक साथ दो-दो कार्य कैसे किए जाएं। बेसिक शिक्षाधिकारी अंबरीश कुमार यादव ने कहा कि जिन विद्यालयों का सेक्टर मजिस्ट्रेट निरीक्षण कर चुके थे, सिर्फ वे ही विद्यालय नहीं खुले थे। शेष विद्यालय खोले गए, इसके अलावा निरीक्षण के तुरंत बाद विद्यालय बंद रखने के आदेश थे। हालांकि ग्रामीणों की यदि शिकायत है कि शिक्षक विद्यालय नहीं पहुंचते, तो इसकी लिखित रुप से शिकायत करें। जुलाई माह में जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।