झांसी। रेलवे के डीजल इंजनों की जगह तेजी से इलेक्ट्रिक इंजन लेते जा रहे हैं। ऐसे में इनकी मरम्मत का काम भी बढ़ रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए डीजल लोको शेड को 2024 तक इलेक्ट्रिक लोको शेड में तब्दील करने की योजना है। इस दिशा में काम तेजी से जारी है। डीजल लोको शेड में 38 इलेक्ट्रिक इंजनों का रूटीन मेंटनेंस किया भी जाने लगा है।
झांसी में डीजल लोको शेड की 1975 में हुई थी। इस शेड में डीजल से चलने वाले 241 इंजनों का नियमित रूप से मेंटनेंस किया जाता है। लेकिन, अब इलेक्ट्रिक इंजनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में मेंटनेंस का काम भी बढ़ा हुआ है। हालांकि, झांसी में इलेक्ट्रिक लोको शेड भी स्थापित है, जिसमें नियमित रूप से इलेक्ट्रिक इंजनों का मेंटनेंस किया जाता है। लेकिन, इलेक्ट्रिक इंजनों की तेजी से बढ़ती संख्या की वजह से डीजल लोको शेड को भी इलेक्ट्रिक लोको शेड में तब्दील किया जा रहा है। एक साल पहले यहां 25 इलेक्ट्रिक इंजनों का रूटीन मेंटनेंस किया जा रहा है। ये संख्या बढ़कर अब 38 पर पहुंच गई है। 2024 तक डीजल लोको शेड को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक लोको शेड में तब्दील कर दिया जाएगा।
इलेक्ट्रिक इंजनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और डीजल इंजन कम होते जा रहे हैं, जिसके चलते 2024 तक डीजल लोको शेड को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक लोको शेड में तब्दील कर दिया जाएगा।
- मनोज कुमार सिंह, जनसंपर्क अधिकारी
झांसी। रेलवे के डीजल इंजनों की जगह तेजी से इलेक्ट्रिक इंजन लेते जा रहे हैं। ऐसे में इनकी मरम्मत का काम भी बढ़ रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए डीजल लोको शेड को 2024 तक इलेक्ट्रिक लोको शेड में तब्दील करने की योजना है। इस दिशा में काम तेजी से जारी है। डीजल लोको शेड में 38 इलेक्ट्रिक इंजनों का रूटीन मेंटनेंस किया भी जाने लगा है।
झांसी में डीजल लोको शेड की 1975 में हुई थी। इस शेड में डीजल से चलने वाले 241 इंजनों का नियमित रूप से मेंटनेंस किया जाता है। लेकिन, अब इलेक्ट्रिक इंजनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में मेंटनेंस का काम भी बढ़ा हुआ है। हालांकि, झांसी में इलेक्ट्रिक लोको शेड भी स्थापित है, जिसमें नियमित रूप से इलेक्ट्रिक इंजनों का मेंटनेंस किया जाता है। लेकिन, इलेक्ट्रिक इंजनों की तेजी से बढ़ती संख्या की वजह से डीजल लोको शेड को भी इलेक्ट्रिक लोको शेड में तब्दील किया जा रहा है। एक साल पहले यहां 25 इलेक्ट्रिक इंजनों का रूटीन मेंटनेंस किया जा रहा है। ये संख्या बढ़कर अब 38 पर पहुंच गई है। 2024 तक डीजल लोको शेड को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक लोको शेड में तब्दील कर दिया जाएगा।
इलेक्ट्रिक इंजनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और डीजल इंजन कम होते जा रहे हैं, जिसके चलते 2024 तक डीजल लोको शेड को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक लोको शेड में तब्दील कर दिया जाएगा।
- मनोज कुमार सिंह, जनसंपर्क अधिकारी