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Jalaun News: आधुनिकता की दौड़ में पीछे रह गया बीएसएनएल, घटे उपभोक्ता
संवाद न्यूज एजेंसी उरई। टेलीफोन सेवा के क्षेत्र में कभी लोगों की पहली पसंद रही भारत संचार निगम लिमिटेड दूरसंचार सेवाओं के क्षेत्र में आधुनिकता की दौड़ में लगातार पिछड़ता जा रहा है। दूरसंचार सेवा में बीएसएनएल ने भले ही समय-समय पर मोबाइल व ब्रॉडबैंड आदि अनेक नवीनतम तकनीक लोगों को उपलब्ध करवा दी हों लेकिन बावजूद इसके भी नेटवर्क सेवाएं उपलब्ध करवा रही अन्य कंपनियों ने लोगों के दिलों में जगह बनाने में सफलता हासिल की और इन्हीं कारणों से बीएसएनएल लगातार पिछड़ता चला गया। अब हालात ये हैं कुछ साल पहले उरई शहर व आसपास के गावों में लैंड लाइन के 5 हजार कनेक्शन अब मात्र 750 तक सिमट कर रह गए हैं। हैरत की बात यह है कि इन बचे हुए कनेक्शनों में भी अधिकांश उपभोक्ता केवल इंटरनेट सेवाओं के इस्तेमाल के लिए बीएसएनएल के ये कनेक्शन सुचारु रखे हुए हैं।
दूरसंचार विभाग उरई से प्राप्त आकड़ों के अनुसार शहरी तर्ज पर उरई में बड़े स्तर का बीएसएनएल कार्यालय वर्ष 2000 में शुरू हुआ था और उसके बाद कई वर्षो तक लोगों में बीएसएनएल का लैंडलाइन कनेक्शन लेने की होड़ लगी थी जिसके चलते लगभग पांच हजार कनेक्शन शुरू हो गए थे। इनमें से 750 सौ उपभोक्ता रहे गए। विभाग के सूत्रों अनुसार अब महीने में जितने कनेक्शन लिये नहीं जा रहे उससे ज्यादा कट रहे है। ये आकड़ा इसी प्रकार चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब बीएसएनएल उपभोक्ताओं की सूची न के बराबर हो जाएगी। जिले में कुल 175 टावर्स बचे है। जिसमें 50 से ज्यादा खराब है। शुरूवाती वर्ष में ढाई लाख मोबाइल उपभोक्ता थे अब करीब 50 हजार बचे है। विभाग में अधिकारियों -कर्मचारियों समय से पहले ही वीआरएस तक ले लिया जिसके चलते विभाग में कर्मचारी का भी टोटा है।
अच्छी सुविधा देने का प्रयास किया जा रहा टीडीएम वेदप्रकाश ने ग्रामीण क्षेत्र में फाइबर इंटरनेट व्यवस्था शुरू करके लोगों को रोजगार देने का भी काम किया जा रहा है। साथ ही नेटवर्क सही नहीं आने साथ ही बढ़ते मोबाइल के यूजर्स के चलते टेलीफोन लगवाने बंद करवा दिए। साथ जब यहां पर 5 जी शुरू हो गया था हमारे पास 4 जी भी नहीं था। जिसके चलते ग्राहक दूसरी कंपनी की और चले गए।
धीरे-धीरे घटते चले गए उपभोक्ता
बीएसएनएल के एक अधिकारी के अनुसार उपभोक्ताओं की घटती संख्या के कारणों पर नजर डालें तो बार-बार टेलीफोन की तार टूटना तथा कई-कई दिनों तक शिकायतों का निपटारा न होना मुख्य कारण है। साथ ही नेटवर्क ना आने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। जिसके चलते लोगों सिम पोर्ट करवा ली। सबसे ज्यादा अधिकारी वर्ग को नेटवर्क ना आने से परेशानी होती है। ग्रामीण क्षेत्र सबसे नेटवर्क की बड़ी परेशानी रहती है।
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