पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
नकली देसी घी फैक्टरी पर छापा, 29 टिन सील
हापुड़। मानकों को ताक पर रख खाद्य पदार्थ बनाने वालों पर अब प्रशासन सतर्क हो गया है। बुधवार तड़के खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने मोहल्ला गोपीपुरा में एक प्रतिष्ठान पर कार्रवाई की, जहां बिना लाइसेंस के देसी घी बनाया जा रहा था। आनन फानन में घी के 29 टिन सील कर दिए गए। सैंपल एकत्र कर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है। इस कार्रवाई से बाजार में हड़कंप मचा रहा।
होली का त्योहार नजदीक है, ऐसे में जिले में मिलावटखोरी का धंधा भी जोर पकड़ने लगा है। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम को बीते दिनों सूचना मिली थी कि मोहल्ला गोपीपुरा में गलत तरीके से देसी घी बनाया जा रहा है। डीएम के आदेश मिल विभाग की टीम ने आनन फानन में गोपीपुरा स्थित प्रतिष्ठान पर कार्रवाई कर दी।
जांच पड़ताल में जानकारी मिली कि बिना लाइसेंस के ही यहां देसी घी बनाया जा रहा था। मानकों का पालन भी नहीं किया जा रहा था। आनन फानन में विभाग के अभिहित अधिकारी पवन कुमार ने घी के 29 टिन सील कर दिए। सैंपल एकत्र कर, जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिए गए हैं।
अभिहित अधिकारी पवन कुमार ने बताया कि डीएम के आदेश पर गोपीपुरा स्थित सुनील अग्रवाल के यहां कार्रवाई की गई है। आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी, मानकों का पालन न करने वालों पर कार्रवाई होगी।
-----------------------------------------
होली नजदीक आते ही जिले में मिलावटखोरी का धंधा शुरू
-स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं मिली खाद्य पदार्थ
-डीएम के आदेश पर खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्रवाई शुरू
-घी, तेल, मिठाई, दुग्ध उत्पादकों में होती है सबसे ज्यादा मिलावट
हापुड़। होली के नजदीक आते ही जिले में मिलावट खोरी का धंधा फल फूलने लगा है। खाद्य सामग्रियों में जमकर मिलावट की जा रही है। देसी घी, दुग्ध उत्पाद, तेल में मिलावट सबसे ज्यादा की जाती है। ऐसे खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं। मामले की गंभीरता पर डीएम के आदेश पर संबंधित विभाग ने छापेमारी भी शुरू कर दी है।
जिले में मिलावट का धंधा काफी वर्षों से चल रहा है। लेकिन त्योहारों पर मिलावटखोर अधिक सक्रिय हो जाते हैं। मसाले, मैदा, सरसों का तेल, वनस्पति घी, दूध, मिठाई, पनीर, मावा की मांग तेजी से बढ़ गई है।
होली पर सबसे ज्यादा मांग मिठाइयों और दूध से बने पदार्थों की होती है। इस कारण इनमें सबसे अधिक मिलावट होती है। ज्यादातर मिठाईयों को बनाने में खोया और मैदे का उपयोग किया जाता है। कुछ मिलावटखोर तो खोया में शक्कर मिला देते हैं जिससे वजन बढ़ जाता है, दूसरा ज्यादा दिनों तक रखने के बाद भी खराब नहीं है। कुछ लोग खोया सपरेटा दूध से बनाते हैं। बाद में चिकनाई पैदा करने के लिए रिफाइंड भी मिला देते हैं।
ऐसे करें मिलावट की जांच
* देशी घी, खोया, क्रीम निकले दूध में वनस्पति या रिफाइंड का पता लगाने के लिए एक चम्मच खाद्य पदार्थ में 10 ग्राम हाइड्रोक्लोरिक एसिड मिलाएं। रंग लाल हो जाए तो समझिये मिलावट है।
* दूध में यूरिया या ग्लूकोज की मिलावट का पता लगाने के लिए यूरिया सिट्रप टेस्ट करें। मिलावट होगी तो रिपोर्ट पॉजिटिव आएगी।
*दूध में पानी की मिलावट का पता लगाने के लिए कांच पर दूध की बूंद लुढ़काएं। कांच पर लकीर बन जाए तो दूध शुद्ध है अन्यथा अशुद्ध है।
* खोया में स्टार्च आलू या शकरकंद की मिलावट का पता लगाने के लिए 10 ग्राम खोया को पानी डालकर दो मिनट तक उबालें, इसके बाद आयोडिन टिंचर मिलाएं। नीला रंग उभरकर आए तो समझो मिलावट है।
* हल्दी पाउडर में रंगीन डस्ट की मिलावट जांचने के लिए एक चम्मच हल्दी में 10 बूंद हाइट्रोक्लोरिक एसिड मिलाएं। रंग गुलाबी हो जाए तो समझिए मिलावट है।