गोंडा। ई-केवाईसी सत्यापन न करवाने वाले जिले के करीब 1.15 लाख किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि की 13 वीं किस्त मिलना मुश्किल हो जाएगी।
जिले में प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना से करीब पांच लाख किसान जुड़े हैं। सम्मान निधि की 12 किस्त मिल चुकी है। उपकृषि निदेशक पीके ठाकुर ने बताया कि शासन ने योजना के लाभार्थी सभी किसानों के लिए ई-केवाईसी सत्यापन जरूरी कर दिया है।
पीएम किसान पोर्टल पर जाकर अपने पंजीकरण का ई-केवाईसी सत्यापन जरूर करवाएं। यह प्रक्रिया तभी पूरी मानी जाएगी, जब लाभार्थी का आधार लिंक मोबाइल नंबर उसके खाते से लिंक हो जाएगा। किसान खुद या अपने करीबी जनसेवा केंद्रों पर जाकर ई-केवाईसी सत्यापन करवा सकते हैं।
ऐसे करें ई-केवाईसी सत्यापन
प्रधानमंत्री सम्मान निधि के लाभार्थी किसान जनसेवा केंद्रों के अलावा खुद से भी ई-केवाईसी सत्यापन कर सकते हैं। सत्यापन के लिए पीएम किसान के पोर्टल पर जाकर ई-केवाईसी का विकल्प चुनना होगा। उसके बाद पोर्टल पर पंजीकृत आधार संख्या दर्ज करना होगा। स्कीन पर प्रदर्शित कैप्चा का विवरण दर्ज होने के बाद अपने आधार में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा। पंजीकृत मोबाइल पर आए ओटीपी को दर्ज करने पर केवाईसी पंजीकरण सफल हो जाएगा। जिन किसानों का मोबाइल नंबर आधार से लिंक नहीं है, उन्हे जनसेवा केंद्र पर जाकर बॉयोमैट्रिक सत्यापन करवाना पड़ेगा।
गांवों में शिविर लगाकर किसानों को ई-केवाईसी कराने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। ब्लॉकों के अधिकारी किसानों को फोन करके भी ई-केवाईसी कराने के तरीके बता रहे हैं।
पीके ठाकुर, उपकृषि निदेशक