फर्रुखाबाद। कचहरी वाहन लेकर प्रवेश करने पर रोक लगने से मंगलवार को वकीलों ने कलक्ट्रेट के बाहर स्टैंड पर अपने वाहन खड़े किए। वादकारियों की गेट पर पुलिस ने पहले तालाशी ली, फिर प्रवेश दिया गया। कुछ वकील पुलिस कर्मियों के रोकने के बाद भी वाहन भीतर लेकर गए।
उच्च न्यायालय के आदेश पर दीवानी न्यायालय परिसर की सुरक्षा को इंतजाम किए जा रहे हैं। इस क्रम में वकीलों व वादकारियों के वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है। आफीसर्स कालोनी के पीछे की जगह पार्किंग के लिए निश्चित की गई थी। वाहन स्टैंड दूर होने से 15 व 17 फरवरी को कचहरी में प्रवेश करने को लेकर वकील और पुलिस कर्मियों में नोकझोंक हुई थी।
सोमवार को जिला बार एसोसिएशन के महासचिव संजीव पारिया ने जिला जज सुभाष चंद व जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह से वार्ता की। महासचिव ने कलक्ट्रेट गेट के बाहर स्थित वाहन स्टैंड को दीवानी न्यायालय परिसर में बैठने वाले वकीलों के वाहन खड़े करने को दिए जाने की मांग की। डीएम ने प्रस्ताव को स्वीकार किया। इससे मंगलवार को दीवानी के अधिकांश वकीलों ने अपने वाहन कलक्ट्रेट के बाहर स्थित स्टैंड पर खड़े किए। कुछ वकील जबरन वाहनों को कचहरी के अंदर लेकर गए। वादकारियों को तलाशी के बाद ही भीतर जाने दिया गया। दोपहर बाद किसी भी व्यक्ति की पुलिस ने तलाशी नहीं ली।
फर्रुखाबाद। कचहरी वाहन लेकर प्रवेश करने पर रोक लगने से मंगलवार को वकीलों ने कलक्ट्रेट के बाहर स्टैंड पर अपने वाहन खड़े किए। वादकारियों की गेट पर पुलिस ने पहले तालाशी ली, फिर प्रवेश दिया गया। कुछ वकील पुलिस कर्मियों के रोकने के बाद भी वाहन भीतर लेकर गए।
उच्च न्यायालय के आदेश पर दीवानी न्यायालय परिसर की सुरक्षा को इंतजाम किए जा रहे हैं। इस क्रम में वकीलों व वादकारियों के वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है। आफीसर्स कालोनी के पीछे की जगह पार्किंग के लिए निश्चित की गई थी। वाहन स्टैंड दूर होने से 15 व 17 फरवरी को कचहरी में प्रवेश करने को लेकर वकील और पुलिस कर्मियों में नोकझोंक हुई थी।
सोमवार को जिला बार एसोसिएशन के महासचिव संजीव पारिया ने जिला जज सुभाष चंद व जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह से वार्ता की। महासचिव ने कलक्ट्रेट गेट के बाहर स्थित वाहन स्टैंड को दीवानी न्यायालय परिसर में बैठने वाले वकीलों के वाहन खड़े करने को दिए जाने की मांग की। डीएम ने प्रस्ताव को स्वीकार किया। इससे मंगलवार को दीवानी के अधिकांश वकीलों ने अपने वाहन कलक्ट्रेट के बाहर स्थित स्टैंड पर खड़े किए। कुछ वकील जबरन वाहनों को कचहरी के अंदर लेकर गए। वादकारियों को तलाशी के बाद ही भीतर जाने दिया गया। दोपहर बाद किसी भी व्यक्ति की पुलिस ने तलाशी नहीं ली।