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फर्रुखाबाद। आखिरकार अमर उजाला की मुहिम रंग लाई। रानी लक्ष्मीबाई योजना के तहत अतिरिक्त राशन का लाभ पाने वाले पात्रों की सूची की दोबारा जांच होगी। प्रभारी डीएम ने डीएसओ से लाभार्थियों की सूची मांगी है। सूची मिलने के बाद इसकी जांच कराने की जिम्मा अपर जिलाधिकारी को सौंपा गया है। एक-एक लाभार्थी का भौतिक सत्यापन होगा। अगर योजना का लाभा किसी अपात्र ने लिया है तो उससे रिकवरी भी की जा सकती है। मालूम हो कि सूची में धांधली को लेकर हाकिमाें के पास रोज बढ़ी संख्या में फरियादी पहुंच रहे हैं। अमर उजाला ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया था।
रानी लक्ष्मीबाई योजना के तहत शहर व देहात इलाके में 57000 लाभार्थियों को अतिरिक्त राशन दिया जा रहा है। जिले में दिसंबर व जनवरी महीने के एकमुश्त राशन का वितरण हो रहा है। राशन वितरण के साथ सूची में गड़बड़ियों को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही है। इस पूरे प्रकरण को अमर उजाला ने प्रमुखता से उठाया। लगातार खबरें प्रकाशित होने के बाद हरकत में आए प्रशासन ने अब मामले में कड़ा रुख अपनाया है। प्रभारी डीएम आईपी पांडेय ने डीएसओ से सूची तलब की है। मामले की जांच अपर जिलाधिकारी केके सिंह को दी गई है। उन्होंने कहा कि सूची में गड़बड़ी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। राशन की रिकवरी होगी। योजना से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।
मालूम हो कि प्रभारी डीएम के बयान से एक दिन पहले बुधवार को डीएसओ गुलाबचंद्र ने सूची दोबारा न बनाए जाने के लिए कहा था। उन्हाेंने कहा था कि केवल शिकायतों पर ही कार्रवाई की जाएगी। इसके उलट प्रभारी डीएम ने सूची पर जांच बैठा दी है।
अनुमोदन न लेने की भी हो सकती जांच
राशन वितरण व पर्यवेक्षकों की तैनाती के लिए अधिकारियों से अनुमोदन न लेने के मामले की भी जांच हो सकती है। जिला पूर्ति कार्यालय को राशन वितरण की तिथियां तय करने के बाद वितरण अधिकारियों की तैनाती का अनुमोदन डीएम, एडीएम या सीडीओ से लेना पड़ता है। इस बार ऐसा नहीं किया गया। इससे हाकिम वितरण पर होेने वाले हंगामे पर गंभीर हो गए हैं। जांच में इस बिंदु को भी शामिल किया जा सकता है।
फर्रुखाबाद। आखिरकार अमर उजाला की मुहिम रंग लाई। रानी लक्ष्मीबाई योजना के तहत अतिरिक्त राशन का लाभ पाने वाले पात्रों की सूची की दोबारा जांच होगी। प्रभारी डीएम ने डीएसओ से लाभार्थियों की सूची मांगी है। सूची मिलने के बाद इसकी जांच कराने की जिम्मा अपर जिलाधिकारी को सौंपा गया है। एक-एक लाभार्थी का भौतिक सत्यापन होगा। अगर योजना का लाभा किसी अपात्र ने लिया है तो उससे रिकवरी भी की जा सकती है। मालूम हो कि सूची में धांधली को लेकर हाकिमाें के पास रोज बढ़ी संख्या में फरियादी पहुंच रहे हैं। अमर उजाला ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया था।
रानी लक्ष्मीबाई योजना के तहत शहर व देहात इलाके में 57000 लाभार्थियों को अतिरिक्त राशन दिया जा रहा है। जिले में दिसंबर व जनवरी महीने के एकमुश्त राशन का वितरण हो रहा है। राशन वितरण के साथ सूची में गड़बड़ियों को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही है। इस पूरे प्रकरण को अमर उजाला ने प्रमुखता से उठाया। लगातार खबरें प्रकाशित होने के बाद हरकत में आए प्रशासन ने अब मामले में कड़ा रुख अपनाया है। प्रभारी डीएम आईपी पांडेय ने डीएसओ से सूची तलब की है। मामले की जांच अपर जिलाधिकारी केके सिंह को दी गई है। उन्होंने कहा कि सूची में गड़बड़ी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। राशन की रिकवरी होगी। योजना से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।
मालूम हो कि प्रभारी डीएम के बयान से एक दिन पहले बुधवार को डीएसओ गुलाबचंद्र ने सूची दोबारा न बनाए जाने के लिए कहा था। उन्हाेंने कहा था कि केवल शिकायतों पर ही कार्रवाई की जाएगी। इसके उलट प्रभारी डीएम ने सूची पर जांच बैठा दी है।
अनुमोदन न लेने की भी हो सकती जांच
राशन वितरण व पर्यवेक्षकों की तैनाती के लिए अधिकारियों से अनुमोदन न लेने के मामले की भी जांच हो सकती है। जिला पूर्ति कार्यालय को राशन वितरण की तिथियां तय करने के बाद वितरण अधिकारियों की तैनाती का अनुमोदन डीएम, एडीएम या सीडीओ से लेना पड़ता है। इस बार ऐसा नहीं किया गया। इससे हाकिम वितरण पर होेने वाले हंगामे पर गंभीर हो गए हैं। जांच में इस बिंदु को भी शामिल किया जा सकता है।