चंदौली। न्यायालय भवन निर्माण को लेकर सदर कचहरी परिसर में आंदोलनरत अधिवक्ताओं के अनशन जारी है। चार दिनों से अनशनरत वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंद्र प्रताप सिंह का स्वास्थ्य गिरने लगा है। वहीं अधिवक्ताओं की नाराजगी भी बढ़ने लगी है। इसी क्रम में सोमवार को नगर के नेशनल हाइवे पर जुुलूस निकाला। इससे लगभग एक घंटे तक हाइवे का एक लेन बाधित रहा। पूरे नगर का भ्रमण कर सदर तहसील के अनशन स्थल पहुंच सभा की।
इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि जिला प्रशासन के लोग अधिवक्ताओं को कमजोर न समझे। अधिवक्ता न्यायालय निर्माण की लड़ाई लोकतांत्रिक तरीके से लड़ रहे हैं। चार दिनों से हम लोगों के अग्रज सुरेंद्र प्रताप सिंह आमरण अनशन कर रहे है, लेकिन अभी तक जिला प्रशासन उनके स्वास्थ्य के प्रति गंभीर नहीं है। इससे साफ जाहिर होता कि जिला प्रशासन व सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधों से जनपद के विकास से कोई लेना देना नहीं है। इसके पूूर्व नाराज अधिवक्ताओं ने सोमवार की सुबह सदर तहसील से जुलूस निकालकर पूरे नगर का भ्रमण कर चंदौली मंझवार स्टेशन के पास नेशनल हाइवे पर आ गए। इससे लगभग एक घंटे तक हाइवे का एक लेन पूरी तरह से प्रभावित रहा है। एसपी आवास के समीप से होते हुए अनशन स्थल पहुंच सभा की। इस दौरान शासन व प्रशासन के विरोध में नारेबाजी की। वहीं पूर्व सैनिक अंजनी सिंह ने अनशन स्थल पर पहुंचकर अधिवक्ताओं के आंदोलन का समर्थन किया। इस दौरान अध्यक्ष अनिल सिंह, विद्घाचरण सिंह, प्रवीण यादव, मणिशंकर सिंह, संतोष सिंह, सत्य प्रकाश, श्रीनिवास पांडेय, इमरान सिद्दीकी, डा.वीरेंद्र प्रताप सिंह दाढ़ी, निशात अख्तर, वीरेंद्र प्रताप सिंह छोटे, चंद्रभान सिंह, मोहम्मद अकरम, संतोष सिंह, शमशुद्दीन, उज्जवल सिंह नीलू, नंद कुमार सिंह, प्रतिमा दूबे, अनिल सिंह, रवि सिंह, हिटलर सिंह, टिवंकल सिंह, राजेश कुमार, गौरव कुमार रहे। संचालन राकेश रत्न तिवारी ने किया।
मुख्यालय स्थित सदर तहसील परिसर में विगत दस दिनों से चल रहे न्यायालय निर्माण को लेकर धरना प्रदर्शन से कारण न्यायालय के सभी कार्य प्रभावित है। इससे वादकारियों की परेशानी बढ़ती ही जा रही है। वहीं अधिवक्ता अपने आंदोलन को तेज करते जा रहे हैं। अधिवक्ताओं के आंदोलन से वादकारियों की भी जिला प्रशासन के प्रति नाराज बढ़ गया है। वादकारियों का कहना है न्यायालय के कार्य नहीं होने से जमानत होने के बाद भी जेल से लोग बाहर नहीं आ रहे हैं।
न्यायालय निर्माण संघर्ष समिति की ओर से सदर तहसील परिसर में चल रहे अधिवक्ताओं के आंदोलन को चार दिन पूर्व आमरण अनशन पर अधिवक्ता सुरेंद्र प्रताप सिंह के बैठ कर इसमें जान फूंक दिया। चार दिन बीत जाने के बाद भी उनके हौसला में कमी नहीं है। कहा कि अधिवक्ताओं को घबारने की जरूरत नहीं है। अभी तो मैं अन्न का त्याग किया है जल्द ही जल को भी त्याग दूंगा। अधिवक्ता भाई के लिए मुझे जान भी कुर्बान करना पड़े तो मै पीछे नहीं हटूंगा।
चकिया। बार एसोसिएशन चकिया ने चन्दौली में जनपद न्यायालय के भवन के शीघ्र निर्माण के लिए सिविल बार एसोसिएशन एवं डेमोक्रेटिक बार एसोसिएशन द्वारा चलाये जा रहे आंदोलन के समर्थन करने का निर्णय लिया है। बार के अध्यक्ष वैजनाथ प्रसाद राय ने बताया कि चन्दौली के अधिवक्ताओं के आंदोलन को समर्थन देने के लिए 13 फरवरी को चकिया के अधिवक्ताओं ने न्यायालयों का बहिष्कार कर आंदोलन को समर्थन दिया था। उन्होंने कहा कि चकिया के अधिवक्ता पूरी तरह आंदोलन के साथ हैं तथा चन्दौली के अधिवक्ताओं के निर्णय के अनुसार काम करेंगे।
चंदौली। न्यायालय भवन निर्माण को लेकर सदर कचहरी परिसर में आंदोलनरत अधिवक्ताओं के अनशन जारी है। चार दिनों से अनशनरत वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंद्र प्रताप सिंह का स्वास्थ्य गिरने लगा है। वहीं अधिवक्ताओं की नाराजगी भी बढ़ने लगी है। इसी क्रम में सोमवार को नगर के नेशनल हाइवे पर जुुलूस निकाला। इससे लगभग एक घंटे तक हाइवे का एक लेन बाधित रहा। पूरे नगर का भ्रमण कर सदर तहसील के अनशन स्थल पहुंच सभा की।
इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि जिला प्रशासन के लोग अधिवक्ताओं को कमजोर न समझे। अधिवक्ता न्यायालय निर्माण की लड़ाई लोकतांत्रिक तरीके से लड़ रहे हैं। चार दिनों से हम लोगों के अग्रज सुरेंद्र प्रताप सिंह आमरण अनशन कर रहे है, लेकिन अभी तक जिला प्रशासन उनके स्वास्थ्य के प्रति गंभीर नहीं है। इससे साफ जाहिर होता कि जिला प्रशासन व सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधों से जनपद के विकास से कोई लेना देना नहीं है। इसके पूूर्व नाराज अधिवक्ताओं ने सोमवार की सुबह सदर तहसील से जुलूस निकालकर पूरे नगर का भ्रमण कर चंदौली मंझवार स्टेशन के पास नेशनल हाइवे पर आ गए। इससे लगभग एक घंटे तक हाइवे का एक लेन पूरी तरह से प्रभावित रहा है। एसपी आवास के समीप से होते हुए अनशन स्थल पहुंच सभा की। इस दौरान शासन व प्रशासन के विरोध में नारेबाजी की। वहीं पूर्व सैनिक अंजनी सिंह ने अनशन स्थल पर पहुंचकर अधिवक्ताओं के आंदोलन का समर्थन किया। इस दौरान अध्यक्ष अनिल सिंह, विद्घाचरण सिंह, प्रवीण यादव, मणिशंकर सिंह, संतोष सिंह, सत्य प्रकाश, श्रीनिवास पांडेय, इमरान सिद्दीकी, डा.वीरेंद्र प्रताप सिंह दाढ़ी, निशात अख्तर, वीरेंद्र प्रताप सिंह छोटे, चंद्रभान सिंह, मोहम्मद अकरम, संतोष सिंह, शमशुद्दीन, उज्जवल सिंह नीलू, नंद कुमार सिंह, प्रतिमा दूबे, अनिल सिंह, रवि सिंह, हिटलर सिंह, टिवंकल सिंह, राजेश कुमार, गौरव कुमार रहे। संचालन राकेश रत्न तिवारी ने किया।
मुख्यालय स्थित सदर तहसील परिसर में विगत दस दिनों से चल रहे न्यायालय निर्माण को लेकर धरना प्रदर्शन से कारण न्यायालय के सभी कार्य प्रभावित है। इससे वादकारियों की परेशानी बढ़ती ही जा रही है। वहीं अधिवक्ता अपने आंदोलन को तेज करते जा रहे हैं। अधिवक्ताओं के आंदोलन से वादकारियों की भी जिला प्रशासन के प्रति नाराज बढ़ गया है। वादकारियों का कहना है न्यायालय के कार्य नहीं होने से जमानत होने के बाद भी जेल से लोग बाहर नहीं आ रहे हैं।
न्यायालय निर्माण संघर्ष समिति की ओर से सदर तहसील परिसर में चल रहे अधिवक्ताओं के आंदोलन को चार दिन पूर्व आमरण अनशन पर अधिवक्ता सुरेंद्र प्रताप सिंह के बैठ कर इसमें जान फूंक दिया। चार दिन बीत जाने के बाद भी उनके हौसला में कमी नहीं है। कहा कि अधिवक्ताओं को घबारने की जरूरत नहीं है। अभी तो मैं अन्न का त्याग किया है जल्द ही जल को भी त्याग दूंगा। अधिवक्ता भाई के लिए मुझे जान भी कुर्बान करना पड़े तो मै पीछे नहीं हटूंगा।
चकिया। बार एसोसिएशन चकिया ने चन्दौली में जनपद न्यायालय के भवन के शीघ्र निर्माण के लिए सिविल बार एसोसिएशन एवं डेमोक्रेटिक बार एसोसिएशन द्वारा चलाये जा रहे आंदोलन के समर्थन करने का निर्णय लिया है। बार के अध्यक्ष वैजनाथ प्रसाद राय ने बताया कि चन्दौली के अधिवक्ताओं के आंदोलन को समर्थन देने के लिए 13 फरवरी को चकिया के अधिवक्ताओं ने न्यायालयों का बहिष्कार कर आंदोलन को समर्थन दिया था। उन्होंने कहा कि चकिया के अधिवक्ता पूरी तरह आंदोलन के साथ हैं तथा चन्दौली के अधिवक्ताओं के निर्णय के अनुसार काम करेंगे।