लगातार बारिश और सर्द हवाओं से जन-जीवन अस्त-व्यस्त
बुलंदशहर। जिले में सर्द हवा के बीच शनिवार की रात भर झमाझम बारिश का सिलसिला जारी रहा। इससे जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया। खराब मौसम के चलते बाजारों व प्रमुख मार्गों पर आमतौर पर सन्नाटा पसरा रहा। गलन भरी ठंड से बचने के लिए लोग पूरे दिन घरों व प्रतिष्ठानों में दुबके रहे। हालांकि रविवार को बारिश नहीं हुई, लेकिन पूरा दिन सर्द हवा चलती रही। बादल भी छाए रहे, जिससे ठंड से राहत नहीं मिल सकी।
पिछले तीन दिन से लगातार सर्द हवा और बारिश का सिलसिला रुक-रुक कर जारी है। रविवार को अधिकतम तापमान 14 और न्यूनतम 8 डिग्री दर्ज किया गया। हवा की गति आठ किलोमीटर प्रति घंटा रही और आद्रता 100 फीसदी रही। अभी तक जिले में 25 एमएम बारिश हो चुकी है। पिछले कुछ दिनों से सर्द हवा चल रही थी। इसी बीच अचानक मौसम ने करवट बदली और बादल छाने लगे, लेकिन ठंडी हवा से राहत नहीं मिली। इस बीच कोहरे ने भी अपना रंग दिखाया। शुक्रवार की रात्रि बूंदाबांदी हुई तो शनिवार की सुबह और रात्रि के समय झमाझम बारिश हुई। इससे मौसम और ज्यादा सर्द हो गया। रविवार सुबह तक जारी रही बारिश से जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। स्थिति यह रही कि पूरा दिन बादल छाए रहे और सर्द हवा चलती रही। सूर्यदेव के न निकलने से अधिकतर लोग छुट्टी का दिन होने के कारण घरों से बाहर नहीं निकले। इसका असर गांव से लेकर शहर और बाजारों से लेकर मार्गों तक दिखाई दिया। सर्दी अधिक होने के कारण इसका सामना बच्चों से लेकर बुजुर्गों और पशु-पक्षियों को भी झेलना पड़ा। सोमवार को अधिकतम तापमान 15 और न्यूनतम सात डिग्री रहने की संभावना है। कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक रामानंद पटेल के अनुसार अभी सोमवार तक इसी तरह का मौसम रहने और बारिश के साथ ओलावृष्टि होने की संभावना लगातार बरकरार है। इससे ठंड में और इजाफा होगा और आने वाले दिनों में घने कोहरे का भी सामना होगा। इस सर्दी से बचाव जरूरी है। वहीं, दूसरी ओर बारिश से नगर समेत कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में जगह-जगह जलभराव से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जगह-जगह कीचड़ बनने से भी लोगों खासकर वाहन चालकों को परेशानी हुई।
बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता
लगातार जारी बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। कारण यह है कि पहले कोहरा और अब बारिश से आलू, मटर और सरसों समेत कई तरह की सब्जियों की फसल खराब होने की आशंका बन रही है। बारिश से आलू के सड़ने और सरसों के दाने पतले होने की संभावना है। किसान नरेंद्र सिंह, ओमपाल सिंह, मुनेश कुमार और विजयपाल आदि ने कहा कि यदि मौसम आगे भी ऐसा ही रहा तो दलहनी और तिलहनी के साथ आलू की फसल को भी नुकसान होगा।