लोकप्रिय और ट्रेंडिंग टॉपिक्स

विज्ञापन
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Bijnor News ›   Bijnor: Dasarath really died in the separation of Rama.

बिजनौर : यहां राम के वियोग में चली गई 'दशरथ' की जान, अभिनय करते जमीन पर गिरे, फिर नहीं उठे

अमर उजाला नेटवर्क, अफजलगढ़/रेहड़(बिजनौर)।  Published by: दुष्यंत शर्मा Updated Sat, 16 Oct 2021 12:12 AM IST
सार

राजा दशरथ ने महामंत्री सुमंत को इस आशा के साथ भेज दिया था कि वो उन्हें वन दिखाकर वापस ले आएं। सुमंत को राम के बगैर आता देख राजा दशरथ भावुक हो गए। भगवान श्रीराम के वियोग में राम-राम चिल्लाने लगे। दो बार राम-राम कहा और जमीन पर गिर गए, लोग इसे उनका अभिनय ही मानते रहे। पर्दा गिरने के बाद भी जब नहीं उठे तो साथ कलाकर उनके पास पहुंचे। जांच की गई तो पता चला उनकी सांसें टूट चुकी थीं।

Bijnor: Dasarath really died in the separation of Rama.
demo pic... - फोटो : amar ujala

विस्तार

यूपी में बिजनौर जिले के गांव हसनपुर में चल रही रामलीला मंचन में भगवान श्रीराम के वनवास जाने पर वियोग में सच में राजा दशरथ ने प्राण त्याग दिए। जी हां वनवास गए श्रीराम को वापस लेने गए सुमंत श्रीराम को साथ लिए बिना लौटे तो वियोग में दो बार राम-राम कहते हुए राजा दशरथ का पात्र निभा रहे राजेंद्र सिंह (62) जमीन पर गिर पड़े। उनके इस अभिनय पर खूब तालियां बजीं।



पर्दा गिरा तो साथी कलाकारों ने राजेंद्र सिंह को उठाने का प्रयास किया, लेकिन वह सच में प्राण त्याग चुके थे। घटना से गांव क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। रामलीला का मंचन स्थगित कर दिया गया। माना जा रहा है कि हृदय गति रुकने से उनकी मृत्यु हो गई।


गांव हसनपुर निवासी आदेश ने बताया कि उनके गांव में प्रति वर्ष सप्तमी से दशहरा तक चार दिन तक स्थानीय कलाकारों द्वारा रामायण के विशेष प्रसंगों का मंचन किया जाता है। रामलीला मंचन में उसके चाचा पूर्व में प्रधान रहे राजेन्द्र सिंह बीते 20 वर्षों से राजा दशरथ का अभिनय करते आ रहे थे। इस वर्ष भी मंगलवार 12 अक्तूबर को मंचन का शुभारंभ किया गया था। बृहस्पतिवार रात राम बनवास का मंचन चल रहा था। मंचन के दौरान पिता की आज्ञा से राम, सीता व लक्ष्मण वन चले गए। 

राजा दशरथ ने महामंत्री सुमंत को इस आशा के साथ भेज दिया था कि वो उन्हें वन दिखाकर वापस ले आएं। सुमंत को राम के बगैर आता देख राजा दशरथ भावुक हो गए। भगवान श्रीराम के वियोग में राम-राम चिल्लाने लगे। दो बार राम-राम कहते हुए दशरथ का अभिनय कर रहे राजेंद्र सिंह अचानक मंच पर गिर गए। सभी यही समझते रहे कि राजेंद्र सिंह ने जीवंत अभिनय किया और उन्होंने मंचन में प्राण त्याग दिए।

पर्दा गिरा तो दर्शक राजेंद्र सिंह के अभिनय पर तालियां बजा रहे थे। वहीं पर्दे के पीछे साथी कलाकारों दिग्विजय सिंह, सोनू कुमार, हैप्पी आदि ने उन्हें उठाने का प्रयास किया, लेकिन राजेंद्र सिंह ने सच में प्राण त्याग दिए थे। माना जा रहा है कि हृदय गति रुकने से उनकी मृत्यु हो गई। 

सालों से कर रहे थे अभिनय
रामलीला समिति से जुड़े गजराज सिंह ने बताया कि वो एक जन्मजात अभिनय को समर्पित कलाकार थे। मृतक राजेंद्र सिंह अपने पीछे पत्नी, तीन पुत्र, दो पुत्री छोड़ गए हैं। बीएसएफ में कार्यरत छोटे पुत्र के घर पहुंचने पर अंतिम संस्कार किया जाएगा। सीताराम, संजय चरण, पूरन आदि ग्रामीणों ने कहा की रामलीला मंचन में उनकी कमी हमेशा खलेगी।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

फॉन्ट साइज चुनने की सुविधा केवल
एप पर उपलब्ध है

बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही
एप में पढ़ें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

Followed