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बांदा। नाले परिसर में स्थित लॉकप में बाल्टी से अपना सिर फोड़ लेने और ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मी को जान से मारने की धमकी देकर बदसलूकी करने के जुर्म में अदालत ने आरोपी को एक वर्ष की कैद और 500 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
आठ सितंबर 2000 को जेल से बंदियों को अदालत में पेशी पर लाया गया था। पुलिस अभिरक्षा में यह बंदी न्यायालय परिसर में स्थित लॉकप में रखे गए थे। उन्हीं में से एक बंदी शैलेंद्र सिंह उर्फ बउवा पुत्र जयपाल सिंह निवासी अलीगंज (बांदा) से एक व्यक्ति मिलने आया। ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों ने उसे मिलने नहीं दिया। इससे नाराज होकर बंदी बउवा ने बाल्टी मारकर अपना सिर फोड़ लिया। लाकप ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मी को जान से मारने की धमकी दी। पुलिस कर्मी कांस्टेबिल मनोज कुमार सिंह ने कोतवाली में तहरीर देकर बंदी के विरुद्ध धारा 353, 504, 506 आईपीसी का मुकदमा दर्ज कराया। बाद में पुलिस ने तफ्तीश के बाद धारा 309, 353 और 504 आईपीसी के तहत आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। अभियोजन की ओर से एपीओ राजेंद्र सहाय ने पांच गवाह पेश किए। बृहस्पतिवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) आनंद प्रकाश द्वितीय ने इस मुकदमें का फैसला सुनाया। दोनों पक्षों की दलीलों और उपलब्ध सुबूतों के आधार पर न्यायाधीश ने आरोपी शैलेंद्र सिंह को दोषी पाते हुए धारा 309 में छह माह कैद और 200 रुपए जुर्माना, धारा 353 में एक वर्ष की कैद व 500 रुपए जुर्माना और धारा 504 में छह माह की कैद और 200 रुपए जुर्माना की सजा सुनाई। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।
बांदा। नाले परिसर में स्थित लॉकप में बाल्टी से अपना सिर फोड़ लेने और ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मी को जान से मारने की धमकी देकर बदसलूकी करने के जुर्म में अदालत ने आरोपी को एक वर्ष की कैद और 500 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
आठ सितंबर 2000 को जेल से बंदियों को अदालत में पेशी पर लाया गया था। पुलिस अभिरक्षा में यह बंदी न्यायालय परिसर में स्थित लॉकप में रखे गए थे। उन्हीं में से एक बंदी शैलेंद्र सिंह उर्फ बउवा पुत्र जयपाल सिंह निवासी अलीगंज (बांदा) से एक व्यक्ति मिलने आया। ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों ने उसे मिलने नहीं दिया। इससे नाराज होकर बंदी बउवा ने बाल्टी मारकर अपना सिर फोड़ लिया। लाकप ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मी को जान से मारने की धमकी दी। पुलिस कर्मी कांस्टेबिल मनोज कुमार सिंह ने कोतवाली में तहरीर देकर बंदी के विरुद्ध धारा 353, 504, 506 आईपीसी का मुकदमा दर्ज कराया। बाद में पुलिस ने तफ्तीश के बाद धारा 309, 353 और 504 आईपीसी के तहत आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। अभियोजन की ओर से एपीओ राजेंद्र सहाय ने पांच गवाह पेश किए। बृहस्पतिवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) आनंद प्रकाश द्वितीय ने इस मुकदमें का फैसला सुनाया। दोनों पक्षों की दलीलों और उपलब्ध सुबूतों के आधार पर न्यायाधीश ने आरोपी शैलेंद्र सिंह को दोषी पाते हुए धारा 309 में छह माह कैद और 200 रुपए जुर्माना, धारा 353 में एक वर्ष की कैद व 500 रुपए जुर्माना और धारा 504 में छह माह की कैद और 200 रुपए जुर्माना की सजा सुनाई। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।