बलरामपुर। जिले में 21 करोड़, तीन लाख, 66 हजार रुपये की लागत से 261 आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण की कवायद शुरू की गई है। जिले के चार नगरीय और सभी नौ ब्लॉकों में नए आंगनबाड़ी एवं मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों का समान लागत से निर्माण कराया जाएगा। नए आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण होने से ढाई लाख लोगों को विभागीय योजनाओं का आसानी से लाभ मिल सकेगा।
गौरतलब हो कि जिले के 22 लाख लोगों को बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए अभी तक 1882 आंगनबाड़ी व मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन किया जा रहा है। बढ़ती आबादी के चलते लोगों को आसानी से विभागीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
वित्तीय वर्ष 2019-20 के अक्तूबर माह में विभाग की तरफ से जिले के चार नगरीय व सभी नौ ब्लॉकों में 243 आंगनबाड़ी व 18 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण कराने के लिए शासन को जिला स्तरीय समिति के माध्यम से प्रस्ताव भेजा गया है।
आंगनबाड़ी व मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों से छह माह से छह वर्ष तक के बच्चों, किशोरियों, गर्भवती व धात्री महिलाओं को विभागीय योजनाओं का लाभ दिलाया जा रहा है। विभागीय अफसरों व कर्मियों के माध्यम से नौनिहालों को पोषाहार वितरण, किशोरियों, गर्भवती व धात्री महिलाओं को स्वस्थ रहने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर जागरूक किया जा रहा है।
सदर ब्लॉक के सीडीपीओ राकेश कुमार शर्मा ने बताया कि प्रत्येक आंगनबाड़ी व मिनी आंगनबाड़ी केंद्र के निर्माण पर आठ लाख छह हजार रुपये खर्च किए जाएंगे। प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र के निर्माण में पांच लाख रुपये मनरेगा से, दो लाख रुपये बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग से तथा एक लाख छह हजार रुपये पंचायतीराज विभाग की तरफ से खर्च किये जाएंगे।
243 आंगनबाड़ी व 18 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण पर कुल 21 करोड़, तीन लाख, 66 हजार रुपये खर्च किये जाएंगे। नए केंद्रों के बढ़ने से छह माह से छह वर्ष तक के नौनिहालों, किशोरियों, गर्भवती व धात्री महिलाओं को विभागीय योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सकेगा।
प्रत्येक आंगनबाड़ी व मिनी आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण 1200 वर्ग फुट में कराया जाएगा। हर केंद्र में एक बड़ा हॉल, बरामदा, किचन व चार बेबी फ्रेंडली शौचालयों के निर्माण कराया जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं की हॉल में बैठकें होने के साथ ही विभागीय संसाधन रखे जाएंगे।
बरामदे का प्रयोग बच्चों को पढ़ाने, किशोरियों, गर्भवती व धात्री महिलाओं को बैठाकर विभागीय योजनाओं की जानकारी देने व पोषाहर आदि के वितरण में किया जाएगा। किचन में हॉट कुक्ड योजना के तहत बच्चों के लिए भोजन तैयार किया जाएगा।
डीपीओ केएम पांडेय ने बताया कि जिले में 243 आंगनबाड़ी व 18 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण कराने के लिए जिला स्तरीय समिति के माध्यम से अक्तूबर 2019 में शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। बढ़ती आबादी के चलते पहले से संचालित 1882 आंगनबाड़ी व मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों से लोगों को लाभ पहुंचाने में दिक्कतें आ रही हैं। नए आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण से विभागीय योजनाओं के संचालन में काफी आसानी होगी।
बलरामपुर। जिले में 21 करोड़, तीन लाख, 66 हजार रुपये की लागत से 261 आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण की कवायद शुरू की गई है। जिले के चार नगरीय और सभी नौ ब्लॉकों में नए आंगनबाड़ी एवं मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों का समान लागत से निर्माण कराया जाएगा। नए आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण होने से ढाई लाख लोगों को विभागीय योजनाओं का आसानी से लाभ मिल सकेगा।
गौरतलब हो कि जिले के 22 लाख लोगों को बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए अभी तक 1882 आंगनबाड़ी व मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन किया जा रहा है। बढ़ती आबादी के चलते लोगों को आसानी से विभागीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
वित्तीय वर्ष 2019-20 के अक्तूबर माह में विभाग की तरफ से जिले के चार नगरीय व सभी नौ ब्लॉकों में 243 आंगनबाड़ी व 18 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण कराने के लिए शासन को जिला स्तरीय समिति के माध्यम से प्रस्ताव भेजा गया है।
आंगनबाड़ी व मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों से छह माह से छह वर्ष तक के बच्चों, किशोरियों, गर्भवती व धात्री महिलाओं को विभागीय योजनाओं का लाभ दिलाया जा रहा है। विभागीय अफसरों व कर्मियों के माध्यम से नौनिहालों को पोषाहार वितरण, किशोरियों, गर्भवती व धात्री महिलाओं को स्वस्थ रहने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर जागरूक किया जा रहा है।
सदर ब्लॉक के सीडीपीओ राकेश कुमार शर्मा ने बताया कि प्रत्येक आंगनबाड़ी व मिनी आंगनबाड़ी केंद्र के निर्माण पर आठ लाख छह हजार रुपये खर्च किए जाएंगे। प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र के निर्माण में पांच लाख रुपये मनरेगा से, दो लाख रुपये बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग से तथा एक लाख छह हजार रुपये पंचायतीराज विभाग की तरफ से खर्च किये जाएंगे।
243 आंगनबाड़ी व 18 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण पर कुल 21 करोड़, तीन लाख, 66 हजार रुपये खर्च किये जाएंगे। नए केंद्रों के बढ़ने से छह माह से छह वर्ष तक के नौनिहालों, किशोरियों, गर्भवती व धात्री महिलाओं को विभागीय योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सकेगा।
प्रत्येक आंगनबाड़ी व मिनी आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण 1200 वर्ग फुट में कराया जाएगा। हर केंद्र में एक बड़ा हॉल, बरामदा, किचन व चार बेबी फ्रेंडली शौचालयों के निर्माण कराया जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं की हॉल में बैठकें होने के साथ ही विभागीय संसाधन रखे जाएंगे।
बरामदे का प्रयोग बच्चों को पढ़ाने, किशोरियों, गर्भवती व धात्री महिलाओं को बैठाकर विभागीय योजनाओं की जानकारी देने व पोषाहर आदि के वितरण में किया जाएगा। किचन में हॉट कुक्ड योजना के तहत बच्चों के लिए भोजन तैयार किया जाएगा।
डीपीओ केएम पांडेय ने बताया कि जिले में 243 आंगनबाड़ी व 18 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण कराने के लिए जिला स्तरीय समिति के माध्यम से अक्तूबर 2019 में शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। बढ़ती आबादी के चलते पहले से संचालित 1882 आंगनबाड़ी व मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों से लोगों को लाभ पहुंचाने में दिक्कतें आ रही हैं। नए आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण से विभागीय योजनाओं के संचालन में काफी आसानी होगी।