बैरिया। पूर्वांचल का सुप्रसिद्ध धनुष यज्ञ मेला लकड़ी के सामानों के लिए मशहूर है। कहा जाता है कि सिर्फ लकड़ी ही ऐसी चीज है जो आपके पैदा होने से लेकर मरने तक साथ निभाती है। उसी लकड़ी को सुंदर रूपों में ढालकर मेला में ऐसे-ऐसे सामान लाए गए हैं, जिन्हें देखने के लिए प्रतिदिन हजारों की संख्या में मेलार्थी जुट रहे हैं और इनकी खरीदारी कर रहे हैं।
धनुष यज्ञ मेला में लकड़ी निर्मित फर्नीचरों के एक से बढ़कर एक आकर्षक एवं लेटेस्ट मॉडल मेलार्थियों को खुश कर दे रहे हैं। मेला में यूपी के बरेली, बिहार के छपरा, सिवान, पूर्वी चंपारण,पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर के अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलिया, कुशीनगर, देवरिया जिलों से भी दर्जनों की संख्या में लकड़ी व्यवसायी आए हैं। उनकी दुकानों पर प्रतिदिन भीड़ जुट रही है और लोग जमकर खरीदारी भी कर रहे हैं। मेला में महाराजा सोफा, दीवान पलंग, ड्रेसिंग एवं डाइनिंग टेबल की जमकर मांग है।
महिलाएं ओखल-मूसल से लेकर खुरपी-हंसिया व किसान कृषि संयंत्रों की खरीदारी कर रहे हैं। काठ का बक्सा, अलमारी, ब्रेंच, कुर्सी, चौकी सहित अन्य सामग्रियों की भी खरीद-फरोख्त हो रही है। मेला में ठंड बढ़ने के कारण ऊनी वस्त्रों की भी जमकर खरीदारी की जा रही है। स्नान-दान के बाद महिला श्रद्धालु श्रृंगार प्रसाधनों की भी खरीदारी कर रही हैं। बच्चे झुलों आदि का आनंद ले रहे हैं। मेला प्रबंधक प्रधान कोटवा जनक दुलारी देवी के अनुसार 25 दिसम्बर तक चलने वाले धनुषयज्ञ मेला में बिहार से भी हजारों मेलार्थी सुदिष्ट बाबा का दर्शन करने व मेला घूमने आते हैं।
किसी का गवना तो किसी का होना है दोंगा
मेला घूमने आए मेलार्थियों ने बताया कि फर्नीचरों के मूल्य में महंगाई के बावजूद खरीदारों का तांता लगा रहा। बेटी की शादी, गवना से लेकर दोंगा करने वाले लोगों ने मेले में फर्नीचरों की खरीदारी की। बरेली के पलंग, सोफा दुकानदार शमशाद, आशू व तौसीद ने बताया कि विगत 20 वर्षों से मेला में दुकान लगाते हैं। शादी-विवाह वाले लोग पलंग, सोफा, डाइनिंग टेबल आदि की जमकर खरीदारी करते हैं।
बैरिया। पूर्वांचल का सुप्रसिद्ध धनुष यज्ञ मेला लकड़ी के सामानों के लिए मशहूर है। कहा जाता है कि सिर्फ लकड़ी ही ऐसी चीज है जो आपके पैदा होने से लेकर मरने तक साथ निभाती है। उसी लकड़ी को सुंदर रूपों में ढालकर मेला में ऐसे-ऐसे सामान लाए गए हैं, जिन्हें देखने के लिए प्रतिदिन हजारों की संख्या में मेलार्थी जुट रहे हैं और इनकी खरीदारी कर रहे हैं।
धनुष यज्ञ मेला में लकड़ी निर्मित फर्नीचरों के एक से बढ़कर एक आकर्षक एवं लेटेस्ट मॉडल मेलार्थियों को खुश कर दे रहे हैं। मेला में यूपी के बरेली, बिहार के छपरा, सिवान, पूर्वी चंपारण,पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर के अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलिया, कुशीनगर, देवरिया जिलों से भी दर्जनों की संख्या में लकड़ी व्यवसायी आए हैं। उनकी दुकानों पर प्रतिदिन भीड़ जुट रही है और लोग जमकर खरीदारी भी कर रहे हैं। मेला में महाराजा सोफा, दीवान पलंग, ड्रेसिंग एवं डाइनिंग टेबल की जमकर मांग है।
महिलाएं ओखल-मूसल से लेकर खुरपी-हंसिया व किसान कृषि संयंत्रों की खरीदारी कर रहे हैं। काठ का बक्सा, अलमारी, ब्रेंच, कुर्सी, चौकी सहित अन्य सामग्रियों की भी खरीद-फरोख्त हो रही है। मेला में ठंड बढ़ने के कारण ऊनी वस्त्रों की भी जमकर खरीदारी की जा रही है। स्नान-दान के बाद महिला श्रद्धालु श्रृंगार प्रसाधनों की भी खरीदारी कर रही हैं। बच्चे झुलों आदि का आनंद ले रहे हैं। मेला प्रबंधक प्रधान कोटवा जनक दुलारी देवी के अनुसार 25 दिसम्बर तक चलने वाले धनुषयज्ञ मेला में बिहार से भी हजारों मेलार्थी सुदिष्ट बाबा का दर्शन करने व मेला घूमने आते हैं।
किसी का गवना तो किसी का होना है दोंगा
मेला घूमने आए मेलार्थियों ने बताया कि फर्नीचरों के मूल्य में महंगाई के बावजूद खरीदारों का तांता लगा रहा। बेटी की शादी, गवना से लेकर दोंगा करने वाले लोगों ने मेले में फर्नीचरों की खरीदारी की। बरेली के पलंग, सोफा दुकानदार शमशाद, आशू व तौसीद ने बताया कि विगत 20 वर्षों से मेला में दुकान लगाते हैं। शादी-विवाह वाले लोग पलंग, सोफा, डाइनिंग टेबल आदि की जमकर खरीदारी करते हैं।