बलिया। जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत ने सोमवार की दोपहर जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान खामियां मिलने पर सीएमएस डॉ. डी. प्रसाद को फटकार लगाई। औचक निरीक्षण में अस्पताल की हर व्यवस्था फिसड्डी मिली। लंबे समय से खराब आरओ, वार्ड व शौचालयों में गंदगी, स्ट्रेचर को चुराकर रखना, परिसर में प्राईवेट एंबुलेंस खड़ी होना, कई जगह टूटी फर्श, अस्पताल कर्मियों की गतिविधि पर नजर नहीं रखना समेत कई कमियां मिली। इन कर्मियों को देखने व महज एक अस्पताल तक को ठीक नहीं रख पाने पर सीएमएस की कार्य क्षमता पर ही उन्होंने सवालिया निशान खड़ा किया।
इमरजेंसी में पहुंचे डीएम ने डॉक्टर से जरूरी जानकारी ली। वार्ड ब्वॉय को बुलाया तो वह अपनी ड्रेस में नहीं था। जिलाधिकारी ने चेतावनी दी कि वार्ड व्वॉय अपनी सफेद शर्ट-पैंट पहनकर ही ड्यूटी करें। स्ट्रेचर मांगा तो अस्पताल कर्मी एक कमरे का ताला खोलने लगे। बाहर रखने की बजाय दो दरवाजा पार कर जाने वाले कमरे में स्ट्रेचर रखे होने पर सवाल किया। कहा कि इमरजेंसी केस आने पर स्ट्रेचर खोजबीन करनी पड़ेगी। निर्देश दिया कि दो टायर वाला व दो बिना टायर वाला स्ट्रेचर इमरजेंसी के हॉल में रखा जाए। ऐसी छोटी-छोटी कमियां तक नहीं दिखने पर सीएमएस को फटकारा।
उधर, जिला अस्पताल में खुली प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र पर जिलाधिकारी दवाईयों की उपलब्धता की जांच की। वहां न तो जरूरी दवाईयां उपलब्ध थी और न ही किसी चिकित्सक की काई पर्ची मिली। बताया गया कि पैरासिटामॉल जैसी सामान्य दवा वहां पिछले दस दिनों से नहीं है। वहां विना किसी फार्माशिष्ट की उपस्थिति में कम्प्यूटर आपरेटर दवा देने के लिए बैठा था। इस पर नाराज जिलाधिकारी ने फार्माशिस्ट को बुलाने का निर्देश दिया। लेकिन काफी देर बाद भी फार्माशिस्ट नहीं आया। बीपीपीआई एजेंसी द्वारा यह संचालित किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने कम्प्यूटर आपरेटर को दवा वितरण के लिए बैठाने पर जिलाधिकारी ने जेल भेजने की चेतावनी दी। सीएमएस से सवाल किया कि आपाके चैम्बर के बगल में खुले केंद्र की यह हालत है। मेडिकल स्टोर पर भीड़ और प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र पर सुनसान स्थिति पर सवाल किया। कहा कि जब यहां सामान्य दवा तक नहीं है तो फिर इसका क्या फायदा। सुधार न दिखने की दशा में जरूरी कागजी कार्यवाही करने का निर्देश सीएमएस को दिया। कहा कि यहां की दवा नहीं लिखने वाले चिकित्सकों पर कार्रवाई को पत्र लिखें।
बलिया। जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत ने सोमवार की दोपहर जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान खामियां मिलने पर सीएमएस डॉ. डी. प्रसाद को फटकार लगाई। औचक निरीक्षण में अस्पताल की हर व्यवस्था फिसड्डी मिली। लंबे समय से खराब आरओ, वार्ड व शौचालयों में गंदगी, स्ट्रेचर को चुराकर रखना, परिसर में प्राईवेट एंबुलेंस खड़ी होना, कई जगह टूटी फर्श, अस्पताल कर्मियों की गतिविधि पर नजर नहीं रखना समेत कई कमियां मिली। इन कर्मियों को देखने व महज एक अस्पताल तक को ठीक नहीं रख पाने पर सीएमएस की कार्य क्षमता पर ही उन्होंने सवालिया निशान खड़ा किया।
इमरजेंसी में पहुंचे डीएम ने डॉक्टर से जरूरी जानकारी ली। वार्ड ब्वॉय को बुलाया तो वह अपनी ड्रेस में नहीं था। जिलाधिकारी ने चेतावनी दी कि वार्ड व्वॉय अपनी सफेद शर्ट-पैंट पहनकर ही ड्यूटी करें। स्ट्रेचर मांगा तो अस्पताल कर्मी एक कमरे का ताला खोलने लगे। बाहर रखने की बजाय दो दरवाजा पार कर जाने वाले कमरे में स्ट्रेचर रखे होने पर सवाल किया। कहा कि इमरजेंसी केस आने पर स्ट्रेचर खोजबीन करनी पड़ेगी। निर्देश दिया कि दो टायर वाला व दो बिना टायर वाला स्ट्रेचर इमरजेंसी के हॉल में रखा जाए। ऐसी छोटी-छोटी कमियां तक नहीं दिखने पर सीएमएस को फटकारा।
उधर, जिला अस्पताल में खुली प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र पर जिलाधिकारी दवाईयों की उपलब्धता की जांच की। वहां न तो जरूरी दवाईयां उपलब्ध थी और न ही किसी चिकित्सक की काई पर्ची मिली। बताया गया कि पैरासिटामॉल जैसी सामान्य दवा वहां पिछले दस दिनों से नहीं है। वहां विना किसी फार्माशिष्ट की उपस्थिति में कम्प्यूटर आपरेटर दवा देने के लिए बैठा था। इस पर नाराज जिलाधिकारी ने फार्माशिस्ट को बुलाने का निर्देश दिया। लेकिन काफी देर बाद भी फार्माशिस्ट नहीं आया। बीपीपीआई एजेंसी द्वारा यह संचालित किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने कम्प्यूटर आपरेटर को दवा वितरण के लिए बैठाने पर जिलाधिकारी ने जेल भेजने की चेतावनी दी। सीएमएस से सवाल किया कि आपाके चैम्बर के बगल में खुले केंद्र की यह हालत है। मेडिकल स्टोर पर भीड़ और प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र पर सुनसान स्थिति पर सवाल किया। कहा कि जब यहां सामान्य दवा तक नहीं है तो फिर इसका क्या फायदा। सुधार न दिखने की दशा में जरूरी कागजी कार्यवाही करने का निर्देश सीएमएस को दिया। कहा कि यहां की दवा नहीं लिखने वाले चिकित्सकों पर कार्रवाई को पत्र लिखें।