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अंबेडकरनगर। भीटी विकास खंड की ग्राम पंचायत महमदपुर रायगंज में विकास के नाम पर संबंधित ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव द्वारा बगैर निर्माण कार्य कराए फर्जी तरीके से धन निकाले जाने का मामला प्रकाश में आया है।
बीते दिनों गांव में मनरेगा के तहत आदर्श तालाब के निर्माण के नाम पर ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव द्वारा 90 हजार 800 रुपये की धनराशि निकाली गई थी। इसमें से 10 हजार 300 रुपये की लागत से संपर्क मार्ग के निर्माण में ह्यूम पाइप लगा दिया गया। इसके बाद तालाब के निर्माण की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया। इस पर 80 हजार 500 रुपये गबन किए जाने की शिकायत गांव निवासी अजीत कुमार ने मनरेगा हेल्प लाइन पर की। मामला गंभीर होने पर उच्च अधिकारियों ने मनरेगा उपायुक्त भूपेंद्र सिंह से इसकी जांच का निर्देश दिया था। इसके बाद मनरेगा उपायुक्त ने निर्माण कार्य की जांच मनरेगा के अवर अभियंता ओमकार सिंह को सौंपी गई। इसमें मामला सही पाया गया। जांच रिपोर्ट के बाद डीपीआरओ को निकाले गए धन की रिकवरी किए जाने का निर्देश दिया गया, लेकिन इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया। जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो इसकी फिर शिकायत हुई। इस पर 4 फरवरी 2014 को भीटी विकास खंड के खंड विकास अधिकारी और तकनीकी सहायक सत्यप्रकाश त्रिपाठी को दोबारा जांच सौंपी गई। दोनों जांच अधिकारियों द्वारा बीते दिनों उच्च अधिकारियों को जो रिपोर्ट सौंपी गई है, उसमें कहा गया है कि गांव में कहीं भी आदर्श तालाब का निर्माण नहीं हुआ है। मात्र संपर्क मार्ग पर ह्यूम पाइप ही लगाया गया है। जिसकी कीमत 10 हजार 300 रुपये है। इस प्रकार 80 हजार 500 रुपये का गबन ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव द्वारा किया गया है।
अंबेडकरनगर। भीटी विकास खंड की ग्राम पंचायत महमदपुर रायगंज में विकास के नाम पर संबंधित ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव द्वारा बगैर निर्माण कार्य कराए फर्जी तरीके से धन निकाले जाने का मामला प्रकाश में आया है।
बीते दिनों गांव में मनरेगा के तहत आदर्श तालाब के निर्माण के नाम पर ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव द्वारा 90 हजार 800 रुपये की धनराशि निकाली गई थी। इसमें से 10 हजार 300 रुपये की लागत से संपर्क मार्ग के निर्माण में ह्यूम पाइप लगा दिया गया। इसके बाद तालाब के निर्माण की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया। इस पर 80 हजार 500 रुपये गबन किए जाने की शिकायत गांव निवासी अजीत कुमार ने मनरेगा हेल्प लाइन पर की। मामला गंभीर होने पर उच्च अधिकारियों ने मनरेगा उपायुक्त भूपेंद्र सिंह से इसकी जांच का निर्देश दिया था। इसके बाद मनरेगा उपायुक्त ने निर्माण कार्य की जांच मनरेगा के अवर अभियंता ओमकार सिंह को सौंपी गई। इसमें मामला सही पाया गया। जांच रिपोर्ट के बाद डीपीआरओ को निकाले गए धन की रिकवरी किए जाने का निर्देश दिया गया, लेकिन इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया। जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो इसकी फिर शिकायत हुई। इस पर 4 फरवरी 2014 को भीटी विकास खंड के खंड विकास अधिकारी और तकनीकी सहायक सत्यप्रकाश त्रिपाठी को दोबारा जांच सौंपी गई। दोनों जांच अधिकारियों द्वारा बीते दिनों उच्च अधिकारियों को जो रिपोर्ट सौंपी गई है, उसमें कहा गया है कि गांव में कहीं भी आदर्श तालाब का निर्माण नहीं हुआ है। मात्र संपर्क मार्ग पर ह्यूम पाइप ही लगाया गया है। जिसकी कीमत 10 हजार 300 रुपये है। इस प्रकार 80 हजार 500 रुपये का गबन ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव द्वारा किया गया है।