राम नाम का सुमिरन ही नहीं काम का अनुसरण भी जरूरी
प्रयागराज। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की ओर से मकर संक्रांति को सामाजिक समरसता दिवस केे रूप में मनाया गया। मुख्य वक्ता प्रांत प्रचारक रमेश ने कहा, अतीत में कई सदियों तक हमारे समाज की समरसता में कमजोरी आई थी। आज हम आजाद हैं तो हमें अपनी सारी कमजोरियों को दूर करना होगा।
प्रांत प्रचारक ने प्रयाग दक्षिण भाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कहा, संघ सामाजिक समरसता, परिवार प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी, स्वभाषा, धर्म - संस्कृति के संरक्षण के लिए प्रयास कर रहा है। हमें भगवान राम का नाम सुमिरन करना है, पर यह पर्याप्त नहीं। हमें उनके काम का भी अनुसरण करना है। माता शबरी, सखा निषादराज का सम्मान कर राम से वह नारायण हो गये।
आतताई रावण का नाश भगवान राम अपनी दैवीय शक्ति से चुटकियों में कर सकते थे, पर उन्होंने वानर भालुओं की संगठित शक्ति का गठन कर रावण पर विजय प्राप्त की। उनका संगठन का संदेश संघ ने अपनाया। तिलक राज सोनकर की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में रामगोपाल अग्निहोत्री, संजय, वीर कृष्ण, वसु, आशीष आदि मौजूद रहे।