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मो. मुस्लिम : पांच साल में दर्ज हुए 12 केस, फिर भी नहीं बना गैंगचार्ट, पुलिस की मेहरबानी सवालों के घेरे में
अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Tue, 02 May 2023 07:52 AM IST
कभी अतीक अहमद के करीबी रहे लखनऊ के बिल्डर मो. मुस्लिम पर पुलिस की मेहरबानी सवालों में है। पिछले पांच सालों में उस पर कुल 12 मुकदमे दर्ज हुए। इनमें जाली दस्तावेजों से मकान कब्जाने, जान से मारने को धमकाने से लेकर रंगदारी मांगने तक के आरोप लगे।
मोहम्मद मुस्लिम और अतीक अहमद। फाइल फोटो
- फोटो : अमर उजाला
कभी अतीक अहमद के करीबी रहे लखनऊ के बिल्डर मो. मुस्लिम पर पुलिस की मेहरबानी सवालों में है। पिछले पांच सालों में उस पर कुल 12 मुकदमे दर्ज हुए। इनमें जाली दस्तावेजों से मकान कब्जाने, जान से मारने को धमकाने से लेकर रंगदारी मांगने तक के आरोप लगे। कई मामले विवेचना में सही भी पाए गए लेकिन पुलिस ने उसका गैंगचार्ट तक नहीं बनाया।
मो. मुस्लिम पर पहला मुकदमा 2007 में करेली थाने में दर्ज हुआ। बलवा, धोखाधड़ी, सात सीएलए एक्ट के साथ ही इसमें अन्य धाराएं लगीं। इसके बाद इसी थाने में उस पर धोखाधड़ी, जालसाजी समेत अन्य धाराओं में एक और केस दर्ज हुआ। फिर इसी साल दो और मुकदमे दर्ज हुए जिनमें से एक करेली जबकि दूसरा खुल्दाबाद थाने से संबंधित था।कई मुकदमों में सहअभियुक्त एक ही शख्स
2017 में एक बार फिर से उस पर आपराधिक मामले दर्ज होने शुरू हुए और फिर यह सिलसिला नहीं थमा। हाल यह रहा कि 2022 तक उस पर एक के बाद एक 12 मुकदमे लिखे गए। इनमें से तीन मुकदमे तो पिछले साल दर्ज हुए। इनमें से छह मामले ऐसे हैं जो विवेचना के दौरान सही पाए गए। साथ ही पुलिस की ओर से इनमें बिल्डर समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट लगा दी गई।
चौंकाने वाली बात यह है कि लगातार आपराधिक वारदातों में नाम आने के बाद भी पुलिस ने उसका गैंगचार्ट तक नहीं तैयार किया। यह तब है जबकि एक से ज्यादा मुकदमों में उसके सहअभियुक्त एक ही नाम वाले लोग हैं। मामले में खुल्दाबाद थाना प्रभारी अनुराग शर्मा ने कहा कि मुस्लिम उनके क्षेत्र का निवासी है। लेकिन उसके ज्यादातर मुकदमे धूमनगंज के हैं, ऐसे में गैंगचार्ट तैयार करने की कार्रवाई वहीं की पुलिस करेगी।
सैन्य अफसर की पत्नी का ढहा दिया था घर
मो. मुस्लिम पर सैन्य अधिकारी की पत्नी का घर ढहाकर दुकानें व फ्लैट बनाने के आरोप में भी केस दर्ज हो चुका है और इसमें चार्जशीट भी लग गई है। भुक्तभोगी अतरसुइया निवासी कनीज रजा रिजवी ने 2020 में खुल्दाबाद थाने में यह मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप लगाया था कि मकान का मामला विचाराधीन होने व स्थगनादेश के बावजूद मकान ढहा दिया और उस पर अवैध तरीके से दुकानों व फ्लैट का निर्माण करा लिया। यह भी आरोप लगाया था कि आरोपी संगठित गिरोह बनाकर जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा करता है और फिर भवन निर्माण कर उसे बेच देता है।
क्या भाई को किया है नामजद?
बिल्डर मोे. मुस्लिम की ओर से पांच दिन पहले अतीक के बेटों उमर, अली समेत अन्य पर दर्ज कराए गए केस में एक बड़ा सवाल उठ रहा है। दरअसल इस मामले में नामजद कराए गए छह आराेपियों में एक मो. नसरत है। इसे लेकर सवाल उठ रहा है कि क्या बिल्डर ने इस मुकदमे में अपने भाई को भी आरोपी बनाया है? दरअसल इसी नाम का उसका एक भाई भी है। खास बात यह कि नसरत 2017 में अपने भाई मुस्लिम पर कर्नलगंज थाने में जालसाजी, आपराधिक षडयंत्र रचने समेत अन्य आरोप में केस दर्ज करा चुका है। फिलहाल इस सवाल का जवाब अभी पुलिस के पास भी नहीं है क्योंकि खुल्दाबाद थाने में दर्ज केस में आरोपी बनाए गए मो. नसरत के पिता का नाम व पता तहरीर में नहीं दिया गया है।
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