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यूपी : माफिया अतीक की गुजरात वापसी की राह आसान नहीं, सजा सुनाए जाने के बाद और कसेगा कानून का शिकंजा
अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Tue, 28 Mar 2023 01:09 AM IST
माफिया अतीक अहमद की गुजरात वापसी की राह आसान नहीं होगी। उमेश पाल अपहरण केस में मंगलवार को सजा का एलान होने के बाद अतीक की मुश्किलें और बढ़नी तय मानी जा रही हैं।
Prayagraj News : माफिया अतीक अहमद और उमेश पाल। फाइल फोटो
- फोटो : अमर उजाला।
माफिया अतीक अहमद की गुजरात वापसी की राह आसान नहीं होगी। उमेश पाल अपहरण केस में मंगलवार को सजा का एलान होने के बाद अतीक की मुश्किलें और बढ़नी तय मानी जा रही हैं। दरअसल, अतीक को उमेश पाल अपहरण कांड के बाद राजूपाल हत्याकांड में भी सजा सुनाई जानी है। मामले की जांच कर रहे सीबीआई के अधिकारियों के मुताबिक अगले एक माह में राजूपाल हत्याकांड के दोषियों को सजा सुनाई जा सकती है।
प्रयागराज आने के बाद पुलिस उमेश पाल की हत्या के मामले में अदालत में अर्जी देकर अतीक को कस्टडी में लेगी। फिर कस्टडी रिमांड पर लेने के लिए दोबारा अदालत जाएगी। इस दौरान उससे गहन पूछताछ की जाएगी। इस प्रक्रिया में करीब एक माह का वक्त लग सकता है। इसके बाद राजूपाल हत्याकांड पर फैसला आने की उम्मीद है। वहीं, उमेश पाल हत्याकांड के बाद राज्य सरकार अतीक के खिलाफ दर्ज मुकदमों की मजबूत से पैरवी करने में जुट गई है। एडीजी अभियोजन आशुतोष पांडेय खुद हर मामले की गहनता से मॉनिटरिंग कर रहे हैं। ऐसे हालात में अतीक की गुजरात वापसी की राह आसान नहीं दिख रही है।
रोजाना सुनवाई की वजह से फैसला
वर्ष 2006 में उमेश पाल के अपहरण के जिस मामले में अतीक और उसके भाई अशरफ को सजा सुनाई जानी है, उसमें इनके अलावा दिनेश पासी, खान शौकत हनीफ, जावेद, फरहान, आबिद, इसरार, आशिफ उर्फ मल्ली, एजाज अख्तर और अंसार बाबा भी आरोपी हैं। इनमें से अंसार बाबा की मृत्यु हो चुकी है। अतीक और बाकी आरोपियों की तरफ से हाईकोर्ट में दाखिल की गयी दो याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था।
इस पर वे सुप्रीम कोर्ट चले गए थे। हालांकि उमेश पाल ने पहले ही कैविएट दाखिल कर दी थी जिसकी वजह से 17 फरवरी को अतीक की विशेष अनुमति याचिका खारिज कर दी गयी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने छह माह में सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया। अदालत ने इस प्रकरण की रोजाना सुनवाई शुरू कर दी।
पांच मामलों में पैरवी हुई तेज
अभियोजन निदेशालय ने अतीक और उसके गैंग के सदस्यों के खिलाफ अदालत में चल रहे पांच अन्य मुकदमों की पैरवी तेज कर दी है। इनमें अभी आरोप तय नहीं होने से विचारण शुरू नहीं हुआ है। इनमें 19 जनवरी 1996 में प्रयागराज के सिविल लाइंस इलाके में अशोक कुमार साहू की हत्या का मामला शामिल है। जिसमें अतीक और अशरफ भी आरोपी हैं।इसी तरह 2002 में जमीन के विवाद में नसीम अहमद की हत्या के मामले की पैरवी भी तेज कर दी गयी है। उन दस मामलों की भी दोबारा समीक्षा हो रही है, जिनमें अतीक व अन्य आरोपी दोषमुक्त हो चुके हैं। उल्लेखनीय है कि अतीक के खिलाफ 1992 से अब तक सौ मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। बीते एक साल में दर्ज पांच मुकदमों की पुलिस विवेचना अभी जारी है।
अतीक पर हत्या के 12 मुकदमे
अतीक पर अब तक हत्या के 12 मुकदमे दर्ज रहे हैं। प्रयागराज के खुल्दाबाद में 1984, कौशांबी के पिपरी थाने में 1991, करैली में 2001 और कर्नलगंज में 2002 में दर्ज हत्या के मुकदमों में वह दोषमुक्त हो चुका है। वहीं 2005 में धूमनगंज थाने में दर्ज केस (राजूपाल हत्याकांड) और 2002 में खुल्दाबाद में दर्ज मुकदमे (नसीम अहमद हत्याकांड) में साक्ष्य प्रस्तुत किए जा चुके हैं। 1996 में सिविल लाइंस इलाके में दर्ज मुकदमा हाजिरी में लगा है। 1995 में कर्नलगंज थाने में दर्ज हत्या के मामले में आरोप पत्र दाखिल हो चुका है। उमेश पाल हत्याकांड में दर्ज मुकदमे की विवेचना अभी जारी है।
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