न्यूज डेस्क, अमर उजाला, प्रयागराज
Published by: shubham
Updated Sat, 26 Jan 2019 04:14 PM IST
कुंभ मेला में जुटे साधु-संत अपने विभिन्न तौर-तरीकों और शैली से श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। ऐसे ही एक पगला बाबा भी हैं। अपने अजीब नाम के कारण वह श्रद्धालुओं के बीच चर्चा का विषय बने हैं। हालांकि उनके संदेश सुनने के बाद लोगों की नाम से बनी धारणा बदल जाती है। पगला बाबा विभिन्न धर्मों और वर्गों को एक करने का मिशन चला रहे हैं।
जनकपुरधाम, नेपाल और सिमरिया घाट, बेगूसराय स्थित आश्रम संचालित कर रहे पगला बाबा का वास्तविक नाम जगदानंद दास है। वह खुद को मां जानकी (सीता माता) का पगला बेटा मानते हैं। उनके मुताबिक मां अपने मंदबुद्धि बच्चे को सबसे ज्यादा स्नेह करती है। वही स्नेह माता जानकी से मिलता है।
बनना चाहिए राम मंदिर
पगला बाबा ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए। इस बात पर अधिकांश मुस्लिम भी सहमत हैं। उनका मानना है कि मंदिर ही हिंदू-मुस्लिम के बीच सहज संबंधों की खाई है। राजनेता अपने स्वार्थ के कारण मंदिर नहीं बनवा रहे हैं।
कुंभ मेला में जुटे साधु-संत अपने विभिन्न तौर-तरीकों और शैली से श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। ऐसे ही एक पगला बाबा भी हैं। अपने अजीब नाम के कारण वह श्रद्धालुओं के बीच चर्चा का विषय बने हैं। हालांकि उनके संदेश सुनने के बाद लोगों की नाम से बनी धारणा बदल जाती है। पगला बाबा विभिन्न धर्मों और वर्गों को एक करने का मिशन चला रहे हैं।
जनकपुरधाम, नेपाल और सिमरिया घाट, बेगूसराय स्थित आश्रम संचालित कर रहे पगला बाबा का वास्तविक नाम जगदानंद दास है। वह खुद को मां जानकी (सीता माता) का पगला बेटा मानते हैं। उनके मुताबिक मां अपने मंदबुद्धि बच्चे को सबसे ज्यादा स्नेह करती है। वही स्नेह माता जानकी से मिलता है।
बनना चाहिए राम मंदिर
पगला बाबा ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए। इस बात पर अधिकांश मुस्लिम भी सहमत हैं। उनका मानना है कि मंदिर ही हिंदू-मुस्लिम के बीच सहज संबंधों की खाई है। राजनेता अपने स्वार्थ के कारण मंदिर नहीं बनवा रहे हैं।