{"_id":"643e0ecef3a8b1996708ac8a","slug":"atiq-ashraf-murder-shaista-has-surrendered-after-murder-of-atiq-and-ashraf-there-was-a-rumor-2023-04-18","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"Atiq Ashraf Murder: 'शाइस्ता ने सरेंडर कर दिया...', अतीक-अशरफ के कत्ल के बाद पहुंची अस्पताल; पर क्या है सच्चाई","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Atiq Ashraf Murder: 'शाइस्ता ने सरेंडर कर दिया...', अतीक-अशरफ के कत्ल के बाद पहुंची अस्पताल; पर क्या है सच्चाई
अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: शाहरुख खान
Updated Tue, 18 Apr 2023 09:10 AM IST
उमेश पाल हत्याकांड में नामजद होने के बाद शाइस्ता खुद ही 50 हजार की इनामी है। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह सामने नहीं आ रही। हालांकि अतीक और अशरफ की हत्या के बाद अफवाह उड़ी की शाइस्ता शौहर-देवर को देखने के लिए अस्पताल पहुंच गई है। और सरेंडर कर दिया है...।
प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और अशरफ की शनिवार की रात में गोली मारकर हत्या करने के मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। उमेश पाल हत्याकांड में नामजद अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन अभी तक पुलिस के हाथ नहीं आई है। शौहर-देवर की हत्या और बेटे के एनकाउंटर में ढेर होने के बाद भी शाइस्ता किसी के जनाजे में शामिल होने नहीं पहुंची।
सवाल यह है कि दुखों का पहाड़ टूट पड़ने के बावजूद शाइस्ता परवीन आखिर छिपी कैसे रह सकती है। कहीं यह पांच हजार करोड़ से अधिक की काली कमाई को बचाने का दांव तो नहीं? डर है कि कहीं वह जेल जाए और उसके गुर्गे ही संपत्तियों पर काबिज हो जाएं। सवाल-कयास और भी हैं, लेकिन जवाब किसी के नहीं।
आपको बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड में नामजद होने के बाद शाइस्ता खुद ही 50 हजार की इनामी है। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह सामने नहीं आ रही। पांच लाख के इनामी बेटे असद का एनकाउंटर हुआ तो यह लगा था कि शाइस्ता अपने बेटे का चेहरा जरूर देखने आएगी। मगर, यह कयास ही साबित हुआ। जिस बेटे पर जान छिड़कती थी, उसे वह आखिरी बार देखने तक नहीं पहुंची।
इसके बाद अतीक और अशरफ की हत्या हुई तो किसी को कल्पना भी न थी कि वह नहीं आएगी। अफवाहें कई तरह की उड़ीं। यहां तक उड़ाया गया कि शाइस्ता शौहर-देवर को देखने के लिए अस्पताल पहुंच गई है। सरेंडर कर दिया है...। सारी बातें हवा-हवाई थीं और शाइस्ता की हर जगह गैरहाजिरी ने यह सिद्ध भी कर दिया।
असल सवाल यह है कि शाइस्ता इतनी पत्थरदिल कैसे हो सकती है। इसके पीछे कुछ दलीलें हैं। बड़ी यही कि अतीक ने काली कमाई के जरिये पांच हजार करोड़ से अधिक की संपत्ति जुटाई है। कई कंपनियां खड़ी की हैं। ईडी की छापेमारी के बाद बहुत कुछ सामने आ भी चुका है। अतीक के रहते शाइस्ता आश्वस्त रहती कि सबकुछ मैनेज हो जाएगा।
खुद शाइस्ता को बहुत चिंता करने की जरूरत नहीं थी। मगर, अब तो हालात एकदम उलट हैं। अतीक का एक बेटा ढेर हो चुका है। दो जेल में हैं और दो बाल संरक्षण गृह में। अगर वह पुलिस या अदालत के समक्ष समर्पण कर देती है तो उसे भी जेल जाना होगा। उसके लिए जेल से जमानत पर बाहर आना आसान नहीं। उसके खिलाफ कई नए मामले भी दर्ज हो सकते हैं।
ऐसे में सलाखों के पीछे ही लंबी जिंदगी काटनी पड़ सकती है। उसके जेल जाते ही अतीक के लिए काम करने वाले ही हावी हो सकते हैं। लिहाजा, संपत्ति को बचाने के लिए शाइस्ता ने इतना कड़वा घूंट पिया है। वही अब अतीक के प्रयागराज से लेकर देश के विभिन्न शहरों में रियल एस्टेट कारोबार को संभालेगी।
हाल ही में अतीक के करीबी वकील खान शौलत हनीफ, अकाउंटेंट सीताराम शुक्ला, रियल एस्टेट कारोबारी खालिद ज़फर, बसपा के पूर्व विधायक आसिफ जाफरी, बिल्डर संजीव अग्रवाल, कार शोरूम मालिक दीपक भार्गव समेत 18 से अधिक लोगों के यहां ईडी की छापेमारी से 50 से अधिक खोखा (शेल) कंपनियों का पता चला है। इनमें रकम अतीक ने निवेश की थी। इनके जरिए अतीक अपने काले धन को सफेद करता था। यही सिलसिला आगे भी जारी रह सकता है।
आरोपियों के जेल शिफ्ट करने की नहीं लगी भनक
अतीक-अशरफ की हत्या करने वाले तीनों आरोपियों को बेल्हा की जेल शिफ्ट करने में बेहद गोपनियता बरती गई। प्रयागराज पुलिस जब आरोपियों को लेकर कारागार पहुंची। तब अफसरों को मामले की जानकारी हो सकी। जेल गेट पर वाहनों के पहुंचते ही तीनों आरोपियों को पुलिस के घेरे में भीतर दाखिल किया गया। इस दौरान आसपास मौजूद लोगों को भी दूर कर दिया गया। भारी भरकम पुलिस की मौजूदगी में तीनों आरोपियों को लिखापढ़ी के बाद जेल में दाखिल कर प्रयागराज पुलिस लौटी।
गुजरात पुलिस भी जेल के बाहर करती रही चक्रमण
जिला कारागार के बाहर गुजरात पुलिस भी सोमवार को चक्रमण करती रही। गुजरात की कार लेकर पहुंचे पुलिसकर्मी जेल में किसी से मिलने के लिए प्रयासरत थे। दोपहर बाद भी वे पहुंचे लेकिन भारी फोर्स की मौजूदगी के चलते उन्हें वापस होना पड़ा। जिसे लेकर तमाम चर्चाएं होती रहीं।
बवाल की आशंका से कारागार प्रशासन अलर्ट
जिला कारागार में हत्या, लूट के हत्यारोपी निरुद्ध हैं। जिसमे कई पर संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज है। जेल में प्रयागराज के भी कुछ बंदियों को प्रशासनिक आधार पर रखा गया है। ऐसे में अतीक व अशरफ के हत्यारोपियों को बेल्हा की जेल लाए जाने पर कारागार में बवाल की आशंका को देखते हुए जेल प्रशासन सतर्कता बरत रहा है।
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
अतिरिक्त ₹50 छूट सालाना सब्सक्रिप्शन पर
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।