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Asad Encounter : असद के एनकाउंटर पर बोला अशरफ अल्लाह की चीज थी, अल्लाह ने ले लिया

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज Published by: विनोद सिंह Updated Sat, 15 Apr 2023 12:23 AM IST
सार

भतीजे असद के एनकाउंटर पर 32 घंटे बाद शुक्रवार को पहली बार अशरफ ने कुछ बोला। कॉल्विन अस्पताल से मेडिकल के बाद निकलते वक्त मीडियाकर्मियों ने उससे पूछा कि असद के एनकाउंटर पर उसका क्या कहना है।

Asad Encounter: Ashraf said on Asad's encounter it was Allah thing
Prayagraj News : माफिया अतीक और अशरफ को रिमांड पर लाया गया। - फोटो : अमर उजाला।

विस्तार
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भतीजे असद के एनकाउंटर पर 32 घंटे बाद शुक्रवार को पहली बार अशरफ ने कुछ बोला। कॉल्विन अस्पताल से मेडिकल के बाद निकलते वक्त मीडियाकर्मियों ने उससे पूछा कि असद के एनकाउंटर पर उसका क्या कहना है। इस पर उसने कहा कि अल्लाह की चीज थी, अल्लाह ने ले लिया। उधर अतीक ने इस सवाल पर कुछ भी नहीं बोला। वह चुपचाप बिना सवाल का जवाब दिए पुलिस की गाड़ी में जाकर बैठ गया। बता दें कि असद के एनकाउंटर के बाद यह पहला मौका था जब अतीक या अशरफ में से किसी ने इस पर कोई बात कही। दरअसल एक दिन पहले घटना की जानकारी के बाद भी उन्होंने इस मुद्दे पर किसी से कुछ नहीं कहा था।

चकिया के लोग नाराज, बोले-पुलिस को कोर्ट पर छोड़ना चाहिए था फैसला

झांसी में एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में माफिया अतीक अहमद के पांच लाख के इनामी बेटे असद के मारे जाने के बाद उसके मुहल्ले चकिया के लोगों में शुक्रवार को गम और गुस्सा दोनों नजर आया। महिलाएं जहां बुर्के में मातमपुर्सी के लिए बैठी रहीं, वहीं पुरुषों ने एसटीएफ की कार्रवाई पर आक्रोश जाहिर किया। चकिया स्थित अतीक के पुश्तैनी मकान पर पहुंचे शम्सुलरहमान का कहना था कि असद के गुनाहों का फैसला कोर्ट के ऊपर छोड़ना चाहिए था।






एसटीएफ ने जो किया वह न्याय नहीं है। असद कोई पेशेवर अपराधी नहीं था कि उसे इस तरह मुठभेड़ में मारा गया। बुजुर्ग उबैद अहमद का कहना था कि किसी को मजहब के नाम पर इस तरह की सजा नहीं दी जानी चाहिए। असद को पकड़ा जा सकता था। उसने गुनाह किया था तो उसे उसकी कोर्ट के जरिए सजा दिलाई जानी चाहिए थी। असद को उसके गुनाहों की सजा दिलाने की प्रक्रिया न अपनाया जाना अफसोसजनक है।

इसी तरह जावेद अंसारी ने कहा कि जिस तरह पुलिस और एसटीएफ बर्ताव कर रही है, उससे मानवाधिकारों की बलि चढ़नी तय है। उनका कहना था कि अभी असद बहुत ही कम उम्र का था। किसी को गोली मारने में पहली बार उसका नाम आया था। उसे सुधरने का मौका दिया जाना चाहिए था। असद को पकड़कर पूछताछ की जानी चाहिए थी और उसे जेल भेजकर उसके खिलाफ मुकदमा चलाया जाना चाहिए था। सुल्तान हैदर ने भी एसटीएफ की कार्रवाई को अनुचित बताया। उनका कहना था कि इसी तरह होता रहा तो लोगों का कानून-व्यवस्था से भरोसा उठ जाएगा।

जेल में टहलते कटी अली की रात

केंद्रीय कारागार, नैनी में बंद माफिया अतीक अहमद का बेटा अली अहमद अपने भाई असद के एनकाउंटर के बाद से ही परेशान है। वह अपने परिवार के बारे में जानने के लिए दिनभर बंदी रक्षकों से सवाल पूछता रहा। बेचैनी में बृहस्पतिवार को पूरी रात उसने टहलते हुए काटी। शुक्रवार को वह रोजा रहा और जुमे की नमाज भी अदा की।

भाई असद के मुठभेड़ में मारे जाने की सूचना जैसे ही अली अहमद के पास पहुंची तो वह परेशान हो गया। अली पिता अतीक व चाचा अशरफ से मिलने के लिए बंदी रक्षकों से गिड़गिड़ाता रहा। जब उसे पता चला कि अतीक व अशरफ को पुलिस पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई है तो उसकी बेचैनी बढ़ गई और वह रात भर बैरक में टहलता रहा। इस दौरान उसने धार्मिक पुस्तकें भी पढ़ीं।

शुक्रवार सुबह वह असद के अंतिम संस्कार के बारे में जानने के लिए बेचैन था। वह जानना चाह रहा था कि उसके भाई के शव की अंत्येष्टि कौन कर रहा है। सेल के बाहर मौजूद बंदी रक्षकों से वह लगातार सवाल पूछता रहा। सेल में पहुंचे जेल अधिकारियों से भी अली ने परिवार के बारे में जानना चाहा। वरिष्ठ जेल अधीक्षक रंग बहादुर ने बताया कि अली अहमद की ओर से किसी तरह का कोई आवेदन नहीं आया है। उसे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में रखा गया है। 

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