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इलाहाबाद हाईकोर्ट का अहम फैसला : बच्चे के जन्म के बाद भी महिला ले सकती है मातृत्व अवकाश, बीएसए का आदेश रद्द
अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Sat, 18 Mar 2023 10:43 PM IST
सार
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि बच्चे के जन्म के बाद मातृत्व अवकाश देने से इन्कार नहीं किया जा सकता। कानून के तहत महिला को बच्चे के जन्म के बाद भी मातृत्व अवकाश पाने का अधिकार है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि बच्चे के जन्म के बाद मातृत्व अवकाश देने से इन्कार नहीं किया जा सकता। कानून के तहत महिला को बच्चे के जन्म के बाद भी मातृत्व अवकाश पाने का अधिकार है। कोर्ट ने कहा मातृत्व अवकाश व चाइल्ड केयर अवकाश दोनों अलग-अलग अवकाश हैं। दोनों एक साथ भी लिए जा सकते हैं। बच्चे का जन्म हो चुका है। इस आधार पर मातृत्व अवकाश देने से इन्कार करना गलत है।
कोर्ट ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एटा के बच्चे का जन्म होने के बाद मातृत्व अवकाश देने से इन्कार करने के आदेश को अवैध करार देते हुए उसे रद्द कर दिया है और प्राइमरी स्कूल हीरापुर की प्रधानाध्यापिका याची को बकाया सहित नियमित वेतन भुगतान करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने बीएसए को दो हफ्ते में आदेश जारी करने का निर्देश दिया है।
प्रधानाध्यापिका ने बीएसए के आदेश को दी थी चुनौती
बीएसए ने कहा था कि बच्चे के जन्म के बाद मातृत्व अवकाश नहीं मिलेगा, याची चाइल्ड केयर अवकाश ले सकती है। जब कि याची ने 180 दिन का मातृत्व अवकाश मांगा था। इस मांग को खारिज करने की वैधता को याचिका में चुनौती दी गई थी। यह फैसला न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव ने सरोज कुमारी की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी ने बहस की।
इनका कहना था कि मैटर्निटी बैनिफिट एक्ट के तहत महिला को बच्चे के जन्म से पहले व बाद में मातृत्व अवकाश लेने का अधिकार है। यह संसद द्वारा पारित कानून है। बीएसए ने कानून को समझने में गलती की है और वेतन रोकने का आदेश भी अवैध है। कानून के तहत याची को मातृत्व अवकाश पाने का अधिकार है। वह मातृत्व व चाइल्ड केयर अवकाश दोनों ले सकती है, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए बीएसए एटा के आदेश को रद्द कर दिया।
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