पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
इलाहाबाद। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एक बार फिर आंदोलनों का दौर शुरू है। छात्रों और पंत छात्रावास के कर्मचारियों का धरना-प्रदर्शन जारी है तो शिक्षक तथा कर्मी भी आंदोलनों की तैयारी में है। संघटक कालेजों के शिक्षक तो विभिन्न मांगों को लेकर कोर्ट में भी जाने को तैयार हैं।
विश्वविद्यालय तथा प्रदेश सरकार की उपेक्षा के कारण पंत छात्रावास बंद होने के कगार पर है। कर्मचारियों को जून से ही वेतन नहीं मिला है। इससे उनका परिवार भुखमरी के कगार पर है। सुनवाई नहीं होने से निराश और नाराज कर्मचारियों का मंगलवार को भी रजिस्ट्रार ऑफिस के सामने क्रमिक अनशन जारी रहा। कर्मचारियों ने एकेडमिक काउंसिल की बैठक में भाग लेने के लिए पहुंचे सदस्यों से भी गुहार लगाई लेकिन कुछ नहीं हुआ।
अरबी-फारसी विभाग के छात्र इमरान अंसारी का निष्कासन वापस लेने की मांग को लेकर छात्रों ने भी मंगलवार को काला दिवस मनाया। छात्र-छात्राओं ने कक्षाओं में भी काली पट्टी बांध रखा था। उन्होंने परिसर में जुलूस भी निकाला। जुलूस में जिया कौनैन रिजवी, अभिषेक सिंह सोनू, अखिलेश गुप्ता, अविनाश दुबे, राघवेंद्र दुबे, आलोक सिंह आदि शामिल रहे।
इसी क्रम अखिल भारतीय विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ ने विभिन्न मांगों को लेकर दो दिन हड़ताल की घोषणा की है। राष्ट्रीय सचिव कानन दास गुप्ता का कहना है कि हड़ताल को सफल बनाने के लिए अभी से तैयारी शुरू है। संघटक कालेजों ने भी वेतन संसोधन, भत्ता, पीएचडी इंक्रीमेंट आदि मांगों को लेकर आंदोलन की तैयारी में हैं। पीएचडी इंक्रीमेंट के मामले में तो शिक्षक कोर्ट में भी जाने को तैयार हैं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय संघटक कालेज शिक्षक संघ के महामंत्री डॉ.केके तिवारी का कहना है कि पहले यह लाभ उन्हें मिल रहा था लेकिन कार्यपरिषद के फैसले के बावजूद इसे वापस ले लिया गया है। ऐसे में कोर्ट जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा। उन्होंने मामलों को लंबित रखने समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर कुलपति की कार्यशैली पर भी सवाल उठाया।
00000
बालेंद्र शुक्ल को पीएचडी
(यह खबर पहले भी जा चुकी है लेकिन छपी नहीं)
इलाहाबाद। डॉ.राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की ओर से बालेंद्र शुक्ल को पीएचडी की उपाधि से नवाजा गया है। उन्होंने ‘ग्रामीण विकास में परिवहन तंत्र की भूमिका-इलाहाबाद जनपद का एक अध्ययन’ विषय पर शोध किया है।
इलाहाबाद। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एक बार फिर आंदोलनों का दौर शुरू है। छात्रों और पंत छात्रावास के कर्मचारियों का धरना-प्रदर्शन जारी है तो शिक्षक तथा कर्मी भी आंदोलनों की तैयारी में है। संघटक कालेजों के शिक्षक तो विभिन्न मांगों को लेकर कोर्ट में भी जाने को तैयार हैं।
विश्वविद्यालय तथा प्रदेश सरकार की उपेक्षा के कारण पंत छात्रावास बंद होने के कगार पर है। कर्मचारियों को जून से ही वेतन नहीं मिला है। इससे उनका परिवार भुखमरी के कगार पर है। सुनवाई नहीं होने से निराश और नाराज कर्मचारियों का मंगलवार को भी रजिस्ट्रार ऑफिस के सामने क्रमिक अनशन जारी रहा। कर्मचारियों ने एकेडमिक काउंसिल की बैठक में भाग लेने के लिए पहुंचे सदस्यों से भी गुहार लगाई लेकिन कुछ नहीं हुआ।
अरबी-फारसी विभाग के छात्र इमरान अंसारी का निष्कासन वापस लेने की मांग को लेकर छात्रों ने भी मंगलवार को काला दिवस मनाया। छात्र-छात्राओं ने कक्षाओं में भी काली पट्टी बांध रखा था। उन्होंने परिसर में जुलूस भी निकाला। जुलूस में जिया कौनैन रिजवी, अभिषेक सिंह सोनू, अखिलेश गुप्ता, अविनाश दुबे, राघवेंद्र दुबे, आलोक सिंह आदि शामिल रहे।
इसी क्रम अखिल भारतीय विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ ने विभिन्न मांगों को लेकर दो दिन हड़ताल की घोषणा की है। राष्ट्रीय सचिव कानन दास गुप्ता का कहना है कि हड़ताल को सफल बनाने के लिए अभी से तैयारी शुरू है। संघटक कालेजों ने भी वेतन संसोधन, भत्ता, पीएचडी इंक्रीमेंट आदि मांगों को लेकर आंदोलन की तैयारी में हैं। पीएचडी इंक्रीमेंट के मामले में तो शिक्षक कोर्ट में भी जाने को तैयार हैं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय संघटक कालेज शिक्षक संघ के महामंत्री डॉ.केके तिवारी का कहना है कि पहले यह लाभ उन्हें मिल रहा था लेकिन कार्यपरिषद के फैसले के बावजूद इसे वापस ले लिया गया है। ऐसे में कोर्ट जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा। उन्होंने मामलों को लंबित रखने समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर कुलपति की कार्यशैली पर भी सवाल उठाया।
00000
बालेंद्र शुक्ल को पीएचडी
(यह खबर पहले भी जा चुकी है लेकिन छपी नहीं)
इलाहाबाद। डॉ.राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की ओर से बालेंद्र शुक्ल को पीएचडी की उपाधि से नवाजा गया है। उन्होंने ‘ग्रामीण विकास में परिवहन तंत्र की भूमिका-इलाहाबाद जनपद का एक अध्ययन’ विषय पर शोध किया है।