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महाकुंभ नगर। कुंभ में हजारों चोर-उचक्कों, जेबकतरों, गिरहकटों के बीच एक कातिल नागा की भी तलाश हो रही है। इस नागा की गिरफ्तारी के लिए उत्तराखंड पुलिस ने महाकुंभ पुलिस से मदद मांगी है। उत्तराखंड पुलिस को रूद्रप्रयाग में एक साधु की हत्या के बाद से फरार इस नागा की कुंभ मेले में मौजूदगी की आशंका है। वहां से एक पुलिस टीम ने आकर यहां कुंभ पुलिस को फरार नागा के बारे में ब्योरा देकर सहायता मांगी है। उसका अभी कोई सुराग नहीं मिला।
उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग जिले की कोतवाली पुलिस टीम हफ्ते भर से कुंभ मेले में भटक रही है। पुलिस टीम में शामिल दरोगा बलवंत राय और सिपाही अमित भट्ट ने कई अखाड़ों-शिविरों में जाकर नागा साधुओं को देखा। उन्होंने बताया कि हत्या के मामले में एक नागा की तलाश है। इस हत्याकांड के विवेचक उपनिरीक्षक हिमेंद्र सिंह के मुताबिक, रुद्रप्रयाग कोतवाली क्षेत्र के एक मंदिर में 58 वर्षीय बाबा रामदास जी महाराज रहते थे। वह रात में मंदिर के एक कमरे में ठहरते थे। अक्सर उनके भक्त भी आकर उनके पास रुकते। वह खुद भक्तों के लिए भोजन बनाते थे। मगर नशेड़ी साधुओं को वह भगा देते थे। 15 जुलाई 2012 की सुबह भक्त कमरे पर पहुंचे तो दरवाजे में ताला लगा था। भक्तों ने माना कि बाबा कहीं गए होंगे। तीसरे रोज 16 जुलाई को कमरे के दरवाजे और खिड़की पर मक्खियां भिनभिनाती देख लोग सशंकित हुए। खिड़की से झांका तो कमरे में बाबा का शव पड़ा दिखा। सूचना पाकर पुलिस भी वहां पहुंची।
बाबा रामदास जी महाराज का शरीर रक्तरंजित था। कमरे की फर्श पर खून सूखा था। उनके सिर पर गहरे जख्म थे। कत्ल धारदार हथियार से सिर पर कई वार करके गया था। जांच में पता चला कि 14 जुलाई की रात एक नागा साधु उनके पास आया था। वह गांजा के कश लगाने लगा तो बाबा ने उसे चले जाने के लिए कहा था। तैश में आकर नागा साधु ने बाबा को मार डाला। तब से धारा 302 का मुकदमा लिखकर उस नागा साधु की संभावित जगहों पर तलाश हो रही है। उसकी तस्वीर नहीं है, पुलिस को सिर्फ हुलिया मालूम है।
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स्केच लेकर मेले में भटक रही है पुलिस
महाकुंभ नगर। रुद्रप्रयाग कोतवाली में हत्याकांड के विवेचना अधिकारी हिमेंद्र सिंह का कहना है कि इस नागा साधु के महाकुंभ में होने की पूरी संभावना है। इसलिए यहां पुलिस टीम भेजी गई है। कुंभ पुलिस को नागा साधु के हुलिए का ब्योरा और स्केच दिया गया है। अखाड़ों और शिविरों में पुलिस टीम स्केच लेकर टहल रही है।
महाकुंभ नगर। कुंभ में हजारों चोर-उचक्कों, जेबकतरों, गिरहकटों के बीच एक कातिल नागा की भी तलाश हो रही है। इस नागा की गिरफ्तारी के लिए उत्तराखंड पुलिस ने महाकुंभ पुलिस से मदद मांगी है। उत्तराखंड पुलिस को रूद्रप्रयाग में एक साधु की हत्या के बाद से फरार इस नागा की कुंभ मेले में मौजूदगी की आशंका है। वहां से एक पुलिस टीम ने आकर यहां कुंभ पुलिस को फरार नागा के बारे में ब्योरा देकर सहायता मांगी है। उसका अभी कोई सुराग नहीं मिला।
उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग जिले की कोतवाली पुलिस टीम हफ्ते भर से कुंभ मेले में भटक रही है। पुलिस टीम में शामिल दरोगा बलवंत राय और सिपाही अमित भट्ट ने कई अखाड़ों-शिविरों में जाकर नागा साधुओं को देखा। उन्होंने बताया कि हत्या के मामले में एक नागा की तलाश है। इस हत्याकांड के विवेचक उपनिरीक्षक हिमेंद्र सिंह के मुताबिक, रुद्रप्रयाग कोतवाली क्षेत्र के एक मंदिर में 58 वर्षीय बाबा रामदास जी महाराज रहते थे। वह रात में मंदिर के एक कमरे में ठहरते थे। अक्सर उनके भक्त भी आकर उनके पास रुकते। वह खुद भक्तों के लिए भोजन बनाते थे। मगर नशेड़ी साधुओं को वह भगा देते थे। 15 जुलाई 2012 की सुबह भक्त कमरे पर पहुंचे तो दरवाजे में ताला लगा था। भक्तों ने माना कि बाबा कहीं गए होंगे। तीसरे रोज 16 जुलाई को कमरे के दरवाजे और खिड़की पर मक्खियां भिनभिनाती देख लोग सशंकित हुए। खिड़की से झांका तो कमरे में बाबा का शव पड़ा दिखा। सूचना पाकर पुलिस भी वहां पहुंची।
बाबा रामदास जी महाराज का शरीर रक्तरंजित था। कमरे की फर्श पर खून सूखा था। उनके सिर पर गहरे जख्म थे। कत्ल धारदार हथियार से सिर पर कई वार करके गया था। जांच में पता चला कि 14 जुलाई की रात एक नागा साधु उनके पास आया था। वह गांजा के कश लगाने लगा तो बाबा ने उसे चले जाने के लिए कहा था। तैश में आकर नागा साधु ने बाबा को मार डाला। तब से धारा 302 का मुकदमा लिखकर उस नागा साधु की संभावित जगहों पर तलाश हो रही है। उसकी तस्वीर नहीं है, पुलिस को सिर्फ हुलिया मालूम है।
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स्केच लेकर मेले में भटक रही है पुलिस
महाकुंभ नगर। रुद्रप्रयाग कोतवाली में हत्याकांड के विवेचना अधिकारी हिमेंद्र सिंह का कहना है कि इस नागा साधु के महाकुंभ में होने की पूरी संभावना है। इसलिए यहां पुलिस टीम भेजी गई है। कुंभ पुलिस को नागा साधु के हुलिए का ब्योरा और स्केच दिया गया है। अखाड़ों और शिविरों में पुलिस टीम स्केच लेकर टहल रही है।