आयुष्मान भारत योजना के तहत जिले में गोल्डन कार्ड बनाने की खराब स्थिति पर मंगलवार को जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने जिले की सभी आशाओं व एमओआईसी का वेतन रोक दिया है। साथ ही जन सेवा केंद्र संचालकों पर भी लापरवाही का आरोप लगा है। इसकी जांच का जिम्मा एडीएम वित्त एवं राजस्व विधान जायसवाल को सौंपा गया है।
डीएम चंद्रभूषण सिंह की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट परिसर में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक आयोजित हुई। डीएम ने सीएमओ से आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड की जनपद में प्रगति जानी। इसमें पाया गया कि जिला 57वें स्थान पर है। सबसे खराब स्थिति गंगीरी ब्लाक की है। इस पर डीएम ने सीएमओ को निर्देश दिए कि सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा, सहायिकाओं की टीम बनाई जाए। यह सभी सूची के अनुसार, पात्र लोगों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व भारत सरकार के सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) पर लेकर जाएंगी, वहां उनका गोल्डन कार्ड बनवाएगी। इसके लिए 5-5 गांव का क्लस्टर जारी किया जाए। सीएमओ व जिला कार्यक्रम अधिकारी इनका पर्यवेक्षण करेंगे। साथ ही उन्होंने आशा व एमओआईसी की भूमिका को लापरवाही पूर्वक पाया तो इन सभी का वेतन अगली समीक्षा बैठक तक रोक दिया है। डीएम ने कहा कि सुधार न होने तक किसी का भी वेतन जारी नहीं किया जाएगा।
गोल्डन कार्ड बनाने में सीएससी के डिस्ट्रिक्ट मैनेजर की भी लापरवाही पाई गई है, इसके लिए एडीएम वित्त एवं राजस्व को उनकी जांच का जिम्मा सौंपा है। एक सप्ताह में रिपोर्ट देंगे। जांच में लापरवाही मिलने पर संबंधित सीएससी का लाइसेंस निरस्त किया जाएगा। वहीं, प्रधानमंत्री मातृ वय वंदना योजना एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की खराब प्रगति पर योजनाओं के नोडल अधिकारी डॉ. एसपी सिंह व डॉ. दुर्गेश कुमार को चेतावनी जारी की गई है। सीएचसी अकराबाद पर प्रसवों की संख्या कम होने पर नाराजगी जाहिर की। बैठक में एडीएम प्रशासन डीपी पाल, एडीएम न्यायिक राकेश कुमार पटेल, सिटी मजिस्ट्रेट विनीत कुमार सिंह, सीएमओ डॉ. बीपी सिंह कल्याणी तथा एसीएमओ, एमओआईसी आदि मौजूद रहे।
आयुष्मान भारत योजना के तहत जिले में गोल्डन कार्ड बनाने की खराब स्थिति पर मंगलवार को जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने जिले की सभी आशाओं व एमओआईसी का वेतन रोक दिया है। साथ ही जन सेवा केंद्र संचालकों पर भी लापरवाही का आरोप लगा है। इसकी जांच का जिम्मा एडीएम वित्त एवं राजस्व विधान जायसवाल को सौंपा गया है।
डीएम चंद्रभूषण सिंह की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट परिसर में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक आयोजित हुई। डीएम ने सीएमओ से आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड की जनपद में प्रगति जानी। इसमें पाया गया कि जिला 57वें स्थान पर है। सबसे खराब स्थिति गंगीरी ब्लाक की है। इस पर डीएम ने सीएमओ को निर्देश दिए कि सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा, सहायिकाओं की टीम बनाई जाए। यह सभी सूची के अनुसार, पात्र लोगों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व भारत सरकार के सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) पर लेकर जाएंगी, वहां उनका गोल्डन कार्ड बनवाएगी। इसके लिए 5-5 गांव का क्लस्टर जारी किया जाए। सीएमओ व जिला कार्यक्रम अधिकारी इनका पर्यवेक्षण करेंगे। साथ ही उन्होंने आशा व एमओआईसी की भूमिका को लापरवाही पूर्वक पाया तो इन सभी का वेतन अगली समीक्षा बैठक तक रोक दिया है। डीएम ने कहा कि सुधार न होने तक किसी का भी वेतन जारी नहीं किया जाएगा।
गोल्डन कार्ड बनाने में सीएससी के डिस्ट्रिक्ट मैनेजर की भी लापरवाही पाई गई है, इसके लिए एडीएम वित्त एवं राजस्व को उनकी जांच का जिम्मा सौंपा है। एक सप्ताह में रिपोर्ट देंगे। जांच में लापरवाही मिलने पर संबंधित सीएससी का लाइसेंस निरस्त किया जाएगा। वहीं, प्रधानमंत्री मातृ वय वंदना योजना एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की खराब प्रगति पर योजनाओं के नोडल अधिकारी डॉ. एसपी सिंह व डॉ. दुर्गेश कुमार को चेतावनी जारी की गई है। सीएचसी अकराबाद पर प्रसवों की संख्या कम होने पर नाराजगी जाहिर की। बैठक में एडीएम प्रशासन डीपी पाल, एडीएम न्यायिक राकेश कुमार पटेल, सिटी मजिस्ट्रेट विनीत कुमार सिंह, सीएमओ डॉ. बीपी सिंह कल्याणी तथा एसीएमओ, एमओआईसी आदि मौजूद रहे।