अलीगढ़ के खैर में एक परिवार के चार सदस्यों की सामूहिक हत्या व परिवार के मुखिया की हत्या कर शव आगरा में फेंके जाने के बहुचर्चित कांड में सोमवार को अदालत का बहुप्रतिक्षित फैसला आ गया। एडीजे-प्रथम के विद्वान न्यायाधीश शाहिद रजा की अदालत से तीन आरोपियों को उम्रकैद व जुर्माने की सजा से दंडित किया गया है।
न्यायालय ने दो आरोपियों को अपहरण व हत्याओं में और एक को साजिश के आरोप में सजा सुनाई है। इस दौरान मृतक परिवार पक्ष व बचाव पक्ष के तमाम लोग न्यायालय परिसर के बाहर मौजूद रहे और सजा सुनाए जाने के बाद कहीं खुशी-कहीं गम जैसा माहौल रहा। बता दें कि तीनों आरोपियों को न्यायालय ने शनिवार को इस कांड में दोषी करार दिया था।
अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता एडीजीसी अमर सिंह तोमर के अनुसार, मथुरा जिले के मांट क्षेत्र के गढ़ी मंसुख के किशन सिंह ने 22 अगस्त 2011 को खैर में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें आरोप था कि उनके दामाद केदार सिंह (मूल निवासी धूमरा मांट, मथुरा) करीब आठ साल पहले गांव छोड़कर खैर की ब्लॉक कॉलोनी में परिवार के साथ रह रहे थे।
22 अगस्त की दोपहर केदार सिंह के पड़ोसियों ने उन्हें मोबाइल पर सूचना दी कि केदार सिंह के मकान पर 19 अगस्त से ताला लगा है और अंदर से बहुत तेज दुर्गंध आ रही है। इस खबर पर जब वे अपने परिजनों संग यहां पहुंचे तो लोगों की भीड़ जमा थी। पुलिस भी पहुंच चुकी थी। उनके पहुंचने पर घर के ताले तोड़कर अंदर देखा गया तो घर की रसोई से बदबू आ रही थी।
बाहर ताला पड़ा था। रसोई का ताला तोड़कर देखा तो उसमें गृहस्वामी केदार सिंह की पत्नी हेमलता (35), दो बच्चों नवीन (15), स्वदेश (9) व केदार के पिता अतर सिंह (60) की लाशें पड़ी थीं। गरमी होने के कारण शव सड़ रहे थे। कीड़े पड़े थे। पुलिस ने अज्ञात में मुकदमा दर्ज कर इन चारों शवों के पोस्टमार्टम कराए। पोस्टमार्टम में इनकी करीब 4-5 दिन पहले गला दबाकर हत्या होना उजागर हुआ।
जब पुलिस ने इस सनसनीखेज चौहरे हत्याकांड की जांच शुरू की तो पता चला कि केदार सिंह लापता हैं। बाद में केदार सिंह का शव आगरा के बरहन क्षेत्र में पाया गया। केदार की गला दबाकर हत्या होना उजागर हुआ। इसके बाद खैर पुलिस ने पांचों हत्याओं का मुकदमा दर्ज करते हुए केदार के रिश्ते के भाई चंद्रवीर, उसके साथी रोहित, सेवानिवृत्त एसडीओ टेलीफोन परशुराम के पुत्र राजीव शर्मा व एक नाबालिग को गिरफ्तार किया।
बाद में चारों के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दायर कर दी। सत्र परीक्षण के दौरान नाबालिग आरोपी की पत्रावली अलग कर दी गई। तीन आरोपियों को न्यायालय ने साक्ष्यों के आधार पर शनिवार को दोषी करार देते हुए सोमवार को फैसले की तारीख नियत कर दी। सोमवार को तीनों आरोपी न्यायालय में पेश हुए।
न्यायालय ने सजा सुनाते हुए चंद्रवीर व रोहित को केदार सिंह के अपहरण हत्या व परिवार के अन्य चारों सदस्यों की हत्या में उम्रकैद व 1.20 लाख - 1.20 लाख रुपये के जुर्माने से दंडित किया है। राजीव शर्मा को इस सामूहिक हत्याकांड की साजिश रचने में उम्रकैद व 50 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है। जुर्माने में से आधी राशि वादी मुकदमा को देने के निर्देश दिए हैं।
एक आरोपी पर बदली गवाही, जारी हुआ नोटिस
एडीजीसी अमर सिंह तोमर के अनुसार न्यायालय में वादी किशन सिंह ने एक आरोपी रोहित के खिलाफ दूसरी बार में आवेदन देकर अपनी गवाही बदली थी, जिस पर उन्होंने अभियोजन की ओर से पक्षद्रोही होने की दलील दी और उसके खिलाफ न्यायालय से कार्रवाई का अनुरोध किया। इस पर न्यायालय ने किशन सिंह पर भी धारा 344 की कार्रवाई करते हुए नोटिस जारी किया है।
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अलीगढ़ के खैर में एक परिवार के चार सदस्यों की सामूहिक हत्या व परिवार के मुखिया की हत्या कर शव आगरा में फेंके जाने के बहुचर्चित कांड में सोमवार को अदालत का बहुप्रतिक्षित फैसला आ गया। एडीजे-प्रथम के विद्वान न्यायाधीश शाहिद रजा की अदालत से तीन आरोपियों को उम्रकैद व जुर्माने की सजा से दंडित किया गया है।
न्यायालय ने दो आरोपियों को अपहरण व हत्याओं में और एक को साजिश के आरोप में सजा सुनाई है। इस दौरान मृतक परिवार पक्ष व बचाव पक्ष के तमाम लोग न्यायालय परिसर के बाहर मौजूद रहे और सजा सुनाए जाने के बाद कहीं खुशी-कहीं गम जैसा माहौल रहा। बता दें कि तीनों आरोपियों को न्यायालय ने शनिवार को इस कांड में दोषी करार दिया था।
अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता एडीजीसी अमर सिंह तोमर के अनुसार, मथुरा जिले के मांट क्षेत्र के गढ़ी मंसुख के किशन सिंह ने 22 अगस्त 2011 को खैर में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें आरोप था कि उनके दामाद केदार सिंह (मूल निवासी धूमरा मांट, मथुरा) करीब आठ साल पहले गांव छोड़कर खैर की ब्लॉक कॉलोनी में परिवार के साथ रह रहे थे।
22 अगस्त की दोपहर केदार सिंह के पड़ोसियों ने उन्हें मोबाइल पर सूचना दी कि केदार सिंह के मकान पर 19 अगस्त से ताला लगा है और अंदर से बहुत तेज दुर्गंध आ रही है। इस खबर पर जब वे अपने परिजनों संग यहां पहुंचे तो लोगों की भीड़ जमा थी। पुलिस भी पहुंच चुकी थी। उनके पहुंचने पर घर के ताले तोड़कर अंदर देखा गया तो घर की रसोई से बदबू आ रही थी।