पिछले पांच माह से जिले के 10 हजार कार्डधारकों ने खाद्यान्न नहीं लिया, जिसके बाद विभाग ने उनके राशन कार्डों को निरस्त कर दिया है। विभागीय अफसर और राशन कार्डों की जांच करने में जुटे हैं। जांच के उपरांत कई और कार्ड निरस्त हो सकते हैं।
जिला पूर्ति अधिकारी राजेश कुमार सोनी ने बताया कि जिले में करीब 10 हजार ऐसे लोग मिले हैं, जिन्होंने पिछले पांच माह से राशन डीलरों से खाद्यान्न नहीं लिया। संभावना है कि यह लोग जहां काम करते थे, वहां परिजनों के साथ चले गए या फिर किन्हीं अन्य कारणों से वह राशन लेने नहीं पहुंच रहे हैं। पांच माह की मानिटरिंग के दौरान यह तथ्य सामने आया है। जांच लगातार जारी है।
संभावना है कि और भी ऐसे लोग निकलेंगे। पूर्ति निरीक्षकों से जांच करने के लिए कहा है। जांच में यदि कई महीनों से राशन न लेने का मामला मिला तो समझा जाएगा कि इन लोगों को खाद्यान्न की जरूरत नहीं है तो उनके राशन कार्ड निरस्त करते हुए अन्य पात्र लोगों के नए कार्ड बनाए जाएंगे।
पिछले पांच माह से जिले के 10 हजार कार्डधारकों ने खाद्यान्न नहीं लिया, जिसके बाद विभाग ने उनके राशन कार्डों को निरस्त कर दिया है। विभागीय अफसर और राशन कार्डों की जांच करने में जुटे हैं। जांच के उपरांत कई और कार्ड निरस्त हो सकते हैं।
जिला पूर्ति अधिकारी राजेश कुमार सोनी ने बताया कि जिले में करीब 10 हजार ऐसे लोग मिले हैं, जिन्होंने पिछले पांच माह से राशन डीलरों से खाद्यान्न नहीं लिया। संभावना है कि यह लोग जहां काम करते थे, वहां परिजनों के साथ चले गए या फिर किन्हीं अन्य कारणों से वह राशन लेने नहीं पहुंच रहे हैं। पांच माह की मानिटरिंग के दौरान यह तथ्य सामने आया है। जांच लगातार जारी है।
संभावना है कि और भी ऐसे लोग निकलेंगे। पूर्ति निरीक्षकों से जांच करने के लिए कहा है। जांच में यदि कई महीनों से राशन न लेने का मामला मिला तो समझा जाएगा कि इन लोगों को खाद्यान्न की जरूरत नहीं है तो उनके राशन कार्ड निरस्त करते हुए अन्य पात्र लोगों के नए कार्ड बनाए जाएंगे।