आगरा। ताज हेरिटेज कारीडोर स्थित मुगल शासकों के दरबारियों की चार हवेलियां ‘साइट आफ मुगल गार्डन’ के नाम से संरक्षित होंगी। प्री-नोटिफिकेशन के बाद आखिरी अधिसूचना जारी होगी। तब इन हवेलियों के साथ हाथीखाना, हवेली खान ए दौर्रान और हवेली आगा खां भी संरक्षित स्मारकों की सूची में दर्ज हो जाएंगे। लेकिन इसके साथ ही मायावती शासनकाल में चर्चा में आया ताज हेरिटेज कारीडोर नाम भी मिट जाएगा। फिर यही साइट आफ मुगल गार्डन के नाम से जाना जाएगा।
बता दें, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की तकनीकी टीम ने 20 दिन पहले ताज टैनरी, हाथीखाना, हवेली आगा खां और ताज कॉरीडोर स्थल का दौरा किया था। बता दें, ताजमहल से हाथीघाट तक का यमुना किनारा ताज हेरिटेज कारीडोर के नाम से जाना जाता है। पादशाहनामा, जयपुर म्यूजियम में रखे नक्शे और आस्ट्रियाई इतिहासकार ईवा कोच की पुस्तक में दर्ज ब्यौरे के अध्ययन के बाद एएसआई ने इसी कारीडोर पर चार बागीचे विकसित करने की योजना बनाई है। मुगलिया दौर में कारीडोर में ही चार दरबारियों की हवेलियां थीं, जिन्हें कल्चर केटेगरी में उन्हीं के नाम से संरक्षित किया जाना है। ये हैं हवेली महावत खान, हवेली होशदार खान, हवेली आजम खान और हवेली मुगल खान शामिल हैं। बालू भर दिए गए कारीडोर में इनके अवशेष मौजूद हैं।
चारों स्मारकों के संरक्षण की प्री-नोटिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू हो रही है। टीम अपनी रिपोर्ट मुख्यालय को दे चुकी है। जल्द ही स्मारक संरक्षित श्रेणी में आ जाएंगे।
एन के पाठक, अधीक्षण पुरातत्वविद्
पूर्व अधिसूचना इनके लिए
हवेली आगा खां
हवेली खान-ए-दुर्रान
हाथी खाना
साइट आफ मुगल गार्डन
साइट आफ मुगल गार्डन में शामिल हवेलियां
हवेली महावत खान
जहांगीर के सबसे ताकतवर दरबारी महावत खान का असली नाम जमाना बेग था। दक्कन, काबुल और बंगाल का गर्वनर रहा। शाहजहां के समय 1628 में खान ए खाना सिपहसालार (कमांडर इन चीफ) का ओहदा दिया गया। 1633 में दौलताबाद किले पर खान ए दौर्रान के साथ कब्जा किया। 1652 में औरंगजेब ने महावत खान की हवेली में रुककर ही ताजऔर महताब बाग की मरम्मत के लिए पिता को पत्र लिखा था।
हवेली होशदार खान
शाहजहां काल से दरबारी मुल्ताफत खान के पुत्र होशदार खान (मीर होशदार) को औरंगजेब ने 1663 में दिल्ली, आगरा का गवर्नर बनाया। दो साल बाद फौजदार (कमांडर इंचार्ज लॉ एंड आर्डर) का ओहदा दिया। बुरहानपुर में अपनी मौत से एक साल पहले 1673 तक वह आगरा का गर्वनर बना रहा। ओहदे में बढ़ोतरी होने पर उसने अपने लिए किले और ताज के बीच बाग बनवाया।
हवेली आजम खान
ईरान से जहांगीर काल में आए आजम खान को मीर मुहम्मद बाकिर का टाइटल मिला। खुफिया प्रभारी और वित्त मंत्री (दीवान ए कुल) आजम खान दक्कन केबाद बंगाल, गुजरात, बिहार का गर्वनर बनाया गया। आर्थिक मामलों में सख्त आजम खान की हवेली ‘पादशाहनामा’ में और 1789 में अंग्रेज कलाकार थॉमस डेनियल केचित्र में भी दिखती है। इस हवेली के खंडहर इन चित्रों में हैं।
हवेली मुगल खान
शाहजहां काल में काबुल के किलेदार मुगल खान के पिता जेनखां कोका हेरात से आए थे। दक्कन अभियान केसमय उसे खान ए दौर्रान का सहयोगी बनाया गया। मुगल खान की हवेली इस्लाम खान के पास थी, जहां से अंग्रेज कलाकार डेनियल ने 1789 में चित्र बनाए। दाराशिकोह के साथ कंधार अभियान में फेल होने पर उसे पदावनत किया गया और शाहजहां काल में मौत तक 1500 रुपये वार्षिक दिए गए।
आगरा। ताज हेरिटेज कारीडोर स्थित मुगल शासकों के दरबारियों की चार हवेलियां ‘साइट आफ मुगल गार्डन’ के नाम से संरक्षित होंगी। प्री-नोटिफिकेशन के बाद आखिरी अधिसूचना जारी होगी। तब इन हवेलियों के साथ हाथीखाना, हवेली खान ए दौर्रान और हवेली आगा खां भी संरक्षित स्मारकों की सूची में दर्ज हो जाएंगे। लेकिन इसके साथ ही मायावती शासनकाल में चर्चा में आया ताज हेरिटेज कारीडोर नाम भी मिट जाएगा। फिर यही साइट आफ मुगल गार्डन के नाम से जाना जाएगा।
बता दें, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की तकनीकी टीम ने 20 दिन पहले ताज टैनरी, हाथीखाना, हवेली आगा खां और ताज कॉरीडोर स्थल का दौरा किया था। बता दें, ताजमहल से हाथीघाट तक का यमुना किनारा ताज हेरिटेज कारीडोर के नाम से जाना जाता है। पादशाहनामा, जयपुर म्यूजियम में रखे नक्शे और आस्ट्रियाई इतिहासकार ईवा कोच की पुस्तक में दर्ज ब्यौरे के अध्ययन के बाद एएसआई ने इसी कारीडोर पर चार बागीचे विकसित करने की योजना बनाई है। मुगलिया दौर में कारीडोर में ही चार दरबारियों की हवेलियां थीं, जिन्हें कल्चर केटेगरी में उन्हीं के नाम से संरक्षित किया जाना है। ये हैं हवेली महावत खान, हवेली होशदार खान, हवेली आजम खान और हवेली मुगल खान शामिल हैं। बालू भर दिए गए कारीडोर में इनके अवशेष मौजूद हैं।
चारों स्मारकों के संरक्षण की प्री-नोटिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू हो रही है। टीम अपनी रिपोर्ट मुख्यालय को दे चुकी है। जल्द ही स्मारक संरक्षित श्रेणी में आ जाएंगे।
एन के पाठक, अधीक्षण पुरातत्वविद्
पूर्व अधिसूचना इनके लिए
हवेली आगा खां
हवेली खान-ए-दुर्रान
हाथी खाना
साइट आफ मुगल गार्डन
साइट आफ मुगल गार्डन में शामिल हवेलियां
हवेली महावत खान
जहांगीर के सबसे ताकतवर दरबारी महावत खान का असली नाम जमाना बेग था। दक्कन, काबुल और बंगाल का गर्वनर रहा। शाहजहां के समय 1628 में खान ए खाना सिपहसालार (कमांडर इन चीफ) का ओहदा दिया गया। 1633 में दौलताबाद किले पर खान ए दौर्रान के साथ कब्जा किया। 1652 में औरंगजेब ने महावत खान की हवेली में रुककर ही ताजऔर महताब बाग की मरम्मत के लिए पिता को पत्र लिखा था।
हवेली होशदार खान
शाहजहां काल से दरबारी मुल्ताफत खान के पुत्र होशदार खान (मीर होशदार) को औरंगजेब ने 1663 में दिल्ली, आगरा का गवर्नर बनाया। दो साल बाद फौजदार (कमांडर इंचार्ज लॉ एंड आर्डर) का ओहदा दिया। बुरहानपुर में अपनी मौत से एक साल पहले 1673 तक वह आगरा का गर्वनर बना रहा। ओहदे में बढ़ोतरी होने पर उसने अपने लिए किले और ताज के बीच बाग बनवाया।
हवेली आजम खान
ईरान से जहांगीर काल में आए आजम खान को मीर मुहम्मद बाकिर का टाइटल मिला। खुफिया प्रभारी और वित्त मंत्री (दीवान ए कुल) आजम खान दक्कन केबाद बंगाल, गुजरात, बिहार का गर्वनर बनाया गया। आर्थिक मामलों में सख्त आजम खान की हवेली ‘पादशाहनामा’ में और 1789 में अंग्रेज कलाकार थॉमस डेनियल केचित्र में भी दिखती है। इस हवेली के खंडहर इन चित्रों में हैं।
हवेली मुगल खान
शाहजहां काल में काबुल के किलेदार मुगल खान के पिता जेनखां कोका हेरात से आए थे। दक्कन अभियान केसमय उसे खान ए दौर्रान का सहयोगी बनाया गया। मुगल खान की हवेली इस्लाम खान के पास थी, जहां से अंग्रेज कलाकार डेनियल ने 1789 में चित्र बनाए। दाराशिकोह के साथ कंधार अभियान में फेल होने पर उसे पदावनत किया गया और शाहजहां काल में मौत तक 1500 रुपये वार्षिक दिए गए।