आगरा की उत्तर विधानसभा क्षेत्र में विधायक और मेयर के बीच ‘पत्थर पॉलिटिक्स’ सोमवार को खुलकर सामने आ गई। विकास भवन में जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक अमृत एवं स्मार्ट सिटी सहित 33 योजनाओं की समीक्षा के लिए बुलाई गई थी।
बैठक में शिलान्यास के पत्थरों पर नाम व अक्षरों के छोटे-बड़े आकार को लेकर भाजपा विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल और मेयर नवीन जैन के बीच तकरार शुरू हो गई। करीब साढ़े तीन घंटे तक चली बैठक में 20-25 मिनट तक दोनों इसी मुद्दे पर बात करते रहे।
छोटे में नाम मेरा अपमान- विधायक
विधायक ने कहा कि शिला पट्टिका पर विधायक का नाम चौथे नंबर पर छोटे अक्षरों में लिखा जाता है। यह मेरा अपमान है। मेयर ने कहा कि सभी काम नियमावली के तहत किए गए हैं। संजय प्लेस स्थित विकास भवन में आठ महीने बाद दिशा की बैठक दोपहर 12 बजे शुरू हुई।
बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल ने की। राज्यसभा सांसद हरिद्वार दुबे, राज्यमंत्री धर्मवीर प्रजापति, मेयर नवीन जैन, एमएलसी मानवेंद्र प्रताप सिंह, विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल, महेश गोयल व ब्लॉक प्रमुख शामिल हुए। संचालन डीएम प्रभु एन सिंह ने किया।
यूं चली पत्थर पॉलिटिक्स
भाजपा विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल एसपी सिंह को संबोधित करते हुए बोले कि शिलान्यास के पत्थरों पर शासन के आदेश का पालन नहीं हो रहा। मुख्यमंत्री का नाम सबसे ऊपर व बड़े अक्षरों में होना चाहिए। जिसे नगर आयुक्त के बराबर से छोटे में लिखा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि किस निधि से काम हो रहा है, यह पत्थर पर नहीं लिखा। नगर आयुक्त से कई बार पूछा लेकिन कुछ बताते ही नहीं। विधायक का नाम चौथे नंबर पर छोटे अक्षरों में लिखा जाता है। ये शासनादेश के अनुरूप नहीं हैं ऐसे पत्थरों को उखाड़ा जाए। ये अपमान है। इस पर मैंने मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया है।
मेयर नवीन जैन ने नगरायुक्त का बचाव करते हुए कहा कि मैं नगर निगम का हेड ऑफ द डिपार्टमेंट हूं। नगर निगम की निधि से काम कराए हैं। नियमावली के तहत काम हो रहे हैं। हमें नियम बनाने का अधिकार है। शासन को अवगत करा दिया है।
पत्थर से वोट नहीं मिलते हैंः बघेल
बीच में सांसद एसपी सिंह ने मेयर से पूछा कि क्या जो काम हुए हैं वो निगम की आय से हुए हैं। अगर स्वयं अर्जित आय से हुए हैं तो ठीक। यदि राज्यांश से हुए हैं तो विधायक का नाम लिखा जाए। उन्होंने कहा कि हमें पत्थर पॉलिटिक्स में नहीं पड़ना चाहिए। पत्थर से वोट नहीं मिलते। वोट उसे मिलते हैं जो फील्ड में रहता है।
डीएम को सौंपी गई जांच
विधायक ने साक्ष्य बतौर चार शिलालेखों की फोटो, शासनादेश की प्रति केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल को सौंपी। जिसे उन्होंने डीएम को देते हुए शासनादेश के तहत जांच कराने के निर्देश दिए हैं।
ये निर्णय भी लिए गए
- चंबल से पानी लाने के लिए वैकल्पिक योजनाएं तैयार करें।
- डीएपी वितरण में बड़े किसानों की जगह छोटों को तरजीह दें।
- सौ फीसदी किसानों के खातों में सम्मान निधि की किस्तें पहुंचाई जाएं।
- किसान दुर्घटना व जीवन बीमा योजना से प्रत्येक कृषक को जोड़ा जाए।
- विद्युत संविदाकर्मियों की मनमानी पर अंकुश के लिए ब्लॉक स्तर पर जांच हो।
- बिजली बकायेदारों के विरुद्ध एफआईआर व विजीलेंस कार्रवाई न की जाए।
- एमजी रोड पर सार्वजनिक शौचालयों की सफाई व्यवस्था सुनिश्चित हो।
- जनप्रतिनिधि व अधिकारी सार्वजनिक शौचालयों का निरीक्षण जरूर करें।
- बिना डीएम को सूचित किए बैठक से जिम्मेदार अधिकारी गैरहाजिर न रहें।
विस्तार
आगरा की उत्तर विधानसभा क्षेत्र में विधायक और मेयर के बीच ‘पत्थर पॉलिटिक्स’ सोमवार को खुलकर सामने आ गई। विकास भवन में जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक अमृत एवं स्मार्ट सिटी सहित 33 योजनाओं की समीक्षा के लिए बुलाई गई थी।
बैठक में शिलान्यास के पत्थरों पर नाम व अक्षरों के छोटे-बड़े आकार को लेकर भाजपा विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल और मेयर नवीन जैन के बीच तकरार शुरू हो गई। करीब साढ़े तीन घंटे तक चली बैठक में 20-25 मिनट तक दोनों इसी मुद्दे पर बात करते रहे।
छोटे में नाम मेरा अपमान- विधायक
विधायक ने कहा कि शिला पट्टिका पर विधायक का नाम चौथे नंबर पर छोटे अक्षरों में लिखा जाता है। यह मेरा अपमान है। मेयर ने कहा कि सभी काम नियमावली के तहत किए गए हैं। संजय प्लेस स्थित विकास भवन में आठ महीने बाद दिशा की बैठक दोपहर 12 बजे शुरू हुई।
बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल ने की। राज्यसभा सांसद हरिद्वार दुबे, राज्यमंत्री धर्मवीर प्रजापति, मेयर नवीन जैन, एमएलसी मानवेंद्र प्रताप सिंह, विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल, महेश गोयल व ब्लॉक प्रमुख शामिल हुए। संचालन डीएम प्रभु एन सिंह ने किया।