आगरा में छह महीने में एक महिला और तीन युवतियों की हत्या करके लाशें फेंकी जा चुकी है। किसी की हत्या करके शवों को जलाया गया तो किसी को हाथ-पैर बांधकर चादर में लपेटकर नाले में फेंका गया। पुलिस हत्या का कारण तो दूर, मरने वालों की पहचान तक नहीं कर सकी है। इससे इन हत्याओं का राज सामने नहीं आ सका है।
राजस्थान, एमपी, दिल्ली तक पहचान के प्रयाए
पुलिस ने मथुरा, फिरोजाबाद, हाथरस, अलीगढ़ के अलावा राजस्थान के भरतपुर, धौलपुर, मध्य प्रदेश और दिल्ली तक में शवों की पहचान कराने की कोशिश की। बॉर्डर के थानों की पुलिस से भी जानकारी जुटाई गई, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी।
थानों के बोर्ड पर लगा दिए जाते हैं मृतकों के फोटो
पुलिस अज्ञात शव मिलने पर पोस्टमार्टम गृह में तीन दिन के लिए रखवाती है। पहचान नहीं होने पर लावारिस में अंतिम संस्कार किया जाता है। पहचान के लिए फोटो को सोशल मीडिया पर डाला जाता है। सिकंदरा में युवती की पहचान के लिए स्केच भी तैयार किया गया था। इसके बाद भी पहचान नहीं होने पर थानों के बोर्ड पर मृतकों के फोटो चस्पा करा दिया जाता है, जिससे थाने आने वाले लोग पहचान कर सकें।
वारदात : 1
सिर के पीछे था चोट का निशान
14 दिसंबर 2020 को सिकंदरा क्षेत्र में गांव बाबरपुर के पास हाईवे पर सड़क किनारे 60 वर्षीय महिला का शव पड़ा मिला था। उनके सिर में पीछे की तरफ चोट थी। वह गुलाबी रंग का सलवार सूट पहने थीं। पुलिस ने मृतका की पहचान के प्रयास किए। मगर, पहचान नहीं हो सकी। बाद में आशंका जाहिर की गई कि महिला की हत्या करके शव को यहां फेंका गया है।
वारदात : 2
शव को किया था जलाने का प्रयास
छह फरवरी को थाना खंदौली क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेसवे पर पुलिस चौकी से महज 200 मीटर की दूरी पर टोल प्लाजा के समीप एक युवती का शव पड़ा मिला था। उसकी हत्या के बाद शव को जलाने का प्रयास किया गया था। युवती की उम्र तकरीबन 25 साल थी। उसके सिर पर चोट के निशान भी थे। पुलिस ने मृतका के पास मिली साड़ी और काले रंग की जैकेट को पहचान के लिए रखा था।
वारदात : 3
स्केच बनाने पर नहीं हुई पहचान
27 मई को सिकंदरा में अंसल कोर्टयार्ड के पास जंगल में एक युवती की लाश मिली थी। हत्या सिर में प्रहार करके की गई थी। शव को जलाने का प्रयास किया था। डीएनए का सैंपल भी लिया गया। चेहरे का स्केच भी बनाया गया था, जिससे पहचान कराई जा सके। पुलिस टीम मथुरा, फिरोजाबाद, भरतपुर तक गई। 12 से अधिक लोग पहचान करने पहुंचे, लेकिन पहचान नहीं हो सकी है।
वारदात : 4
30 मई को एत्मादपुर थाना क्षेत्र में एक युवती का शव पड़ा मिला था। शव को चादर में लपेटकर फेंका गया था। उसके हाथ-पैर बांधे गए थे। चादर को भी तार से बांधा गया था। मृतका जींस और टी-शर्ट पहने हुए थी। दाहिने हाथ में स्टील का कड़ा पहने थी। पुलिस ने फिरोजाबाद मथुरा, हाथरस में भी पहचान कराने का प्रयास किया लेकिन पहचान नहीं हो सकी।
पहचान के लिए डीएनए सैंपल, कपड़े रखते हैं सुरक्षित
एसएसपी मुनिराज जी ने बताया कि सिकंदरा, खंदौली और एत्मादपुर में तीन युवती और एक महिला की हत्या के केस में विवेचना चल रही है। टीमों को लगाया गया है। आगरा के अलावा आसपास के जिलों की पुलिस से समन्वय करके पड़ताल की जा रही है। सबसे पहले मृतक महिला और युवतियों की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं। पहचान के लिए कपड़े, चप्पल सहित अन्य सामान सुरक्षित रखा जाता है। डीएनए सैंपल भी लिया जाता है। इनका फोटो डीसीआरबी और एनसीआरबी में सुरक्षित रखा जाता है। वेबसाइट की मदद से लापता की फोटो से पहचान के प्रयास किए जाते हैं। सोशल मीडिया पर भी जानकारी साझा की जाती है।
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आगरा में छह महीने में एक महिला और तीन युवतियों की हत्या करके लाशें फेंकी जा चुकी है। किसी की हत्या करके शवों को जलाया गया तो किसी को हाथ-पैर बांधकर चादर में लपेटकर नाले में फेंका गया। पुलिस हत्या का कारण तो दूर, मरने वालों की पहचान तक नहीं कर सकी है। इससे इन हत्याओं का राज सामने नहीं आ सका है।
राजस्थान, एमपी, दिल्ली तक पहचान के प्रयाए
पुलिस ने मथुरा, फिरोजाबाद, हाथरस, अलीगढ़ के अलावा राजस्थान के भरतपुर, धौलपुर, मध्य प्रदेश और दिल्ली तक में शवों की पहचान कराने की कोशिश की। बॉर्डर के थानों की पुलिस से भी जानकारी जुटाई गई, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी।
थानों के बोर्ड पर लगा दिए जाते हैं मृतकों के फोटो
पुलिस अज्ञात शव मिलने पर पोस्टमार्टम गृह में तीन दिन के लिए रखवाती है। पहचान नहीं होने पर लावारिस में अंतिम संस्कार किया जाता है। पहचान के लिए फोटो को सोशल मीडिया पर डाला जाता है। सिकंदरा में युवती की पहचान के लिए स्केच भी तैयार किया गया था। इसके बाद भी पहचान नहीं होने पर थानों के बोर्ड पर मृतकों के फोटो चस्पा करा दिया जाता है, जिससे थाने आने वाले लोग पहचान कर सकें।