फ़ेसबुक और व्हॉट्सऐप के बारे में हर स्मार्टफ़ोन इस्तेमाल करने वालों ने सुना होगा। फ़ेसबुक मैसेंजर भी लोगों के बीच काफ़ी पसंद किया जाता है। लेकिन अगर वही सवाल आप वीचैट के बारे में पूछेंगे, तो लोग उसके बारे में शायद ही जानते होंगे।
दुनिया भर में 76 करोड़ से भी ज़्यादा लोग वीचैट इस्तेमाल करते हैं, लेकिन उसके बाद भी मैसेजिंग की दुनिया में व्हॉट्सऐप बेताज बादशाह है। व्हॉट्सऐप के 100 करोड़ से वो बहुत पीछे नहीं है। अपने स्मार्टफ़ोन पर मानो सभी लोग व्हॉट्सऐप को जगह ज़रूर देते हैं, लेकिन वीचैट के लिए वो जगह बनाना मुश्किल हो रहा है।
चीन के अंदर वीचैट बेझिझक पहले स्थान पर है, लेकिन कई वजहों से वो दुनिया भर में अपनी छाप नहीं बना पा रहा है।
वर्ष 2012 में जब वीचैट अलग-अलग देशों में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहा था, तो हर कहीं किसी न किसी चैट ऐप ने अपनी जगह बना ली थी।
अमरीका में व्हॉट्सऐप, इंडोनेशिया में ब्लैकबेरी मैसेंजर और भारत में भी व्हॉट्सऐप काफ़ी पसंद किया जाने लगा था।
वीचैट ने चीन पर ध्यान देकर दूसरे देशों में वैसे ही प्रोडक्ट लांच नहीं किए। जैसे कि चीन में अगर आप वीचैट इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसने कई गेमिंग कंपनियों के साथ करार किया है, जिससे कि आप गेम भी खेल सकते हैं। ऐसा दूसरे देशों में नहीं किया गया है।
उसके मुक़ाबले व्हॉट्सऐप ने टेक्स्ट और वॉइस पर ध्यान दिया और जल्दी ही वीडियो कॉलिंग लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। वीचैट इस मामले में पीछे नहीं रहा है, लेकिन फिर भी वो मात खा गया।
मैसेजिंग के बाज़ार में एक बार किसी कंपनी ने ग्राहकों का दिल जीत लिया तो उसके बाद उसे हटाना बहुत मुश्किल होता है। आपके सभी दोस्त अगर व्हॉट्सऐप पर होंगे तो आपके वीचैट पसंद करने से कुछ नहीं होगा।
ब्लैकबेरी मैसेंजर के साथ शुरुआत में ऐसा ही हुआ था, लेकिन बाद में कंपनी की हालत खराब हो गई। मैसेंजर तब सभी ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ तब नहीं मिलता था। ब्लैकबेरी ने उसे बदलने की कोशिश की पर तब तक काफ़ी देर हो चुकी था।
फ़ेसबुक और व्हॉट्सऐप के बारे में हर स्मार्टफ़ोन इस्तेमाल करने वालों ने सुना होगा। फ़ेसबुक मैसेंजर भी लोगों के बीच काफ़ी पसंद किया जाता है। लेकिन अगर वही सवाल आप वीचैट के बारे में पूछेंगे, तो लोग उसके बारे में शायद ही जानते होंगे।
दुनिया भर में 76 करोड़ से भी ज़्यादा लोग वीचैट इस्तेमाल करते हैं, लेकिन उसके बाद भी मैसेजिंग की दुनिया में व्हॉट्सऐप बेताज बादशाह है। व्हॉट्सऐप के 100 करोड़ से वो बहुत पीछे नहीं है। अपने स्मार्टफ़ोन पर मानो सभी लोग व्हॉट्सऐप को जगह ज़रूर देते हैं, लेकिन वीचैट के लिए वो जगह बनाना मुश्किल हो रहा है।
चीन के अंदर वीचैट बेझिझक पहले स्थान पर है, लेकिन कई वजहों से वो दुनिया भर में अपनी छाप नहीं बना पा रहा है।
वर्ष 2012 में जब वीचैट अलग-अलग देशों में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहा था, तो हर कहीं किसी न किसी चैट ऐप ने अपनी जगह बना ली थी।
अमरीका में व्हॉट्सऐप, इंडोनेशिया में ब्लैकबेरी मैसेंजर और भारत में भी व्हॉट्सऐप काफ़ी पसंद किया जाने लगा था।