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विस्तार
कांग्रेस के गढ़ राजपूत बहुल विधानसभा क्षेत्र फतेहपुर में इस बार चुनावी जंग रोचक होगी। वन मंत्री राकेश पठानिया के सामने यहां पुराने भाजपाई ही चुनौती पेश कर रहे हैं। जबकि, कांग्रेस अपने गढ़ को सुरक्षित रखने के लिए पूरी ताकत झोंके हुए है। फतेहपुर सीट पर 8 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें प्रमुखता से भाजपा प्रत्याशी राकेश पठानिया, भाजपा से बागी कृपाल परमार, कभी भाजपा से सांसद रहे आप उम्मीदवार राजन सुशांत और कांग्रेस प्रत्याशी भवानी पठानिया का राजनीतिक भविष्य दांव पर लगा हुआ है। दिलचस्प यह है कि राजन सुशांत, कृपाल परमार और राकेश पठानिया बेशक अलग अलग चुनाव चिह्नों और दलों से चुनाव लड़ रहे लेकिन, सबकी पृष्ठभूमि भाजपा की है। वोट बंटने के डर से भाजपा ने जीत के लिए पूरी ताकत झोंकी हुई है।
उधर, सात बार चुनाव जीतने वाले सुजान सिंह पठानिया के निधन के बाद उनके बेटे कांग्रेस प्रत्याशी भवानी पठानिया के पास एक साल विधायकी का अनुभव है। कांग्रेस के पक्ष में हल्की राहत यही है कि यहां पर कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ बागी नहीं है। जबकि, भाजपा के लिए चुनौती यह है कि उनकी अपनी ही पार्टी से बगावत कर कृपाल परमार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। कृपाल परमार को 2017 में भाजपा की टिकट मिली थी। उनके खिलाफ बाहरी होने का चुनावी मुद्दा बना था। उस वक्त वह सुजान सिंह से 1284 वोट से हारे थे। वहीं, चुनाव से पहले नई पार्टी का गठन करने के बाद अचानक आम आदमी पार्टी में शामिल हुए राजन सुशांत के लिए भी यह चुनाव उनका राजनीतिक भविष्य तय करेगा। 2014 से वह राजनीतिक हाशिये पर हैं। उनके लिए इस बार करो या मरो की सियासी लड़ाई है। कांगड़ा जिला में फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र की सियासी चर्चा सबसे ज्यादा है क्योंकि वन मंत्री राकेश पठानिया को नूरपुर से शिफ्ट कर यहां भेजा गया है। राकेश पठानिया 10 साल का राजनीतिक वनवास काटने के बाद नूरपुर से भाजपा के टिकट पर जीते थे। अब फतेहपुर में जीत दर्ज कर अपना सियासी कद दिखाना उनके लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है।
भाजपा ने पांचवीं बार बदला प्रत्याशी, हर बार हारे
इस चुनाव में दो दिलचस्प बातें हैं। भाजपा 2009 के उपचुनाव से हर बार अपना प्रत्याशी बदल रही है। 2009 के बाद भाजपा ने इस बार पांचवीं बार अपना प्रत्याशी बदला है। हर बार प्रत्याशी बदलने के बावजूद भाजपा लगातार चार चुनाव हार चुकी है। इस बार हार का मिथक टूटेगा या नहीं, इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। चुनाव में दिलचस्प पहलू यह भी है कि इस विधानसभा क्षेत्र से डॉ. अशोक सोमल हर बार निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं। वह इस बार लगातार छठी बार बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे हैं।
फतेहपुर में कुल मतदाता..90203
महिला मतदाता.......43982
पुरुष मतदाता..........46221
जातीय समीकरण
राजपूत मतदाता... लगभग 50%
ब्राह्मण मतदाता....लगभग 14%
ओबीसी मतदाता..लगभग 15%
एससी मतदाता ...लगभग 18%
कब कौन दल जीता
1982 भाजपा
1985 भाजपा
1990 कांग्रेस
1993 कांगेस
1998 भाजपा
2003 कांग्रेस
2007 भाजपा
2009 कांग्रेस
2012 कांग्रेस
2017 कांग्रेस
2021 कांग्रेस