हिमाचल प्रदेश के स्कूल-कॉलेजों में नियुक्त शिक्षकों की मांगों को लेकर गुरुवार दो दिसंबर को हाई पावर कमेटी मंथन करेगी। सचिवालय में मुख्य सचिव रामसुभग सिंह की अध्यक्षता में यह बैठक होगी। एसएमसी शिक्षकों के लिए नीति बनाने, विभिन्न शिक्षकों के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों सहित करीब 30 मामलों को लेकर इसमें चर्चा होगी। बैठक में शिक्षा सचिव सहित उच्च और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक भी मौजूद रहेंगे। प्रदेश के शिक्षकों की समस्याएं दूर करने के लिए मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में हाई पावर कमेटी का गठन करने की घोषणा की थी।
गुरुवार को कमेटी की पहली बैठक होगी। जेसीसी बैठक में शिक्षक संघों को शामिल नहीं करने से शिक्षकों में भारी रोष है। ऐसे में सरकार ने इनकी समस्याओं का हल निकालने के लिए हाई पावर कमेटी की बैठक करने का फैसला लिया है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि वीरवार को बैठक में एसएमसी शिक्षकों को लेकर बनाई जाने वाली नीति की आगामी रूपरेखा तय हो सकती है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेमकुमार धूमल ने भी शिक्षा विभाग को एसएमसी शिक्षकों के लिए नीति बनाने का आग्रह किया है। ऐसे में सरकार पर दबाव बढ़ गया है।
बैठक में शिक्षकों की विभिन्न श्रेणियों के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों की विसंगतियों, भाषा शिक्षकों और शास्त्री को टीजीटी पदनाम देने सहित कई अन्य मांगों को लेकर चर्चा होगी। शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने बताया कि एसएमसी शिक्षकों के मामले पर विचार जारी है। सुप्रीम कोर्ट का भी इनको लेकर फैसला आया है। सभी पहलुओं को देखा जा रहा है। शिक्षकों के अधिकांश मुद्दों को हल कर दिया गया है। शेष मामलों को लेकर गुरुवार को बैठक होगी। शिक्षकों की अधिकांश मांगे वित्त विभाग से जुड़ी हैं। ऐसे में वित्त अधिकारियों के साथ भी मुख्य सचिव चर्चा करेंगे। इस बैठक के बाद शिक्षक संघों के साथ भी बैठकों का दौर शुरू होगा।
लिपिक के 150 पद भरने का फैसला सराहनीय: संघ
हिमाचल प्रदेश सचिवालय कर्मचारी सेवाएं संगठन की बैठक बुधवार को यहां प्रधान भूपिंद्र सिंह (बॉबी) की अध्यक्षता में हुई। इसमें उन्होंने हिमाचल प्रदेश सचिवालय में जेओए के स्थान पर लिपिक के 150 पदों को भरने मंत्रिमंडल के फैसले को सराहनीय करार दिया है। पदों को भरने के मामलों को स्वीकृति देने के लिए मुख्यमंत्री, मंत्रियों और सचिवों का आभार जताया। संघ के नेताओं ने कर्मचारियों के अनुबंध कार्यकाल को घटाकर 2 वर्ष करने, छठे वेतनमान को 1 जनवरी, 2016 से लागू करने और एनपीएस कर्मचारियों को केंद्र की जारी 2009 की अधिसूचना को लागू करने के लिए आभार किया। संगठन ने अनुकंपा आधार पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति बनाने के फैसलों को कर्मचारी हित में करार दिया।
संघ के नेताओं ने निर्णय लिया है कि संगठन शीघ्र ही सचिवालय की विभिन्न मांगों और जेसीसी में किसी कारणवश अनुमोदित नहीं हुए मसलों को पूरा करवाने के लिए मुख्यमंत्री से संगठन के साथ शीघ्र बैठक की तिथि निश्चित का मामला उठाया जाएगा। इस बैठक में महासचिव महेश कुमार ने बताया कि बैठक में उप प्रधान राजेंद्र सिंह (मियां), संयुक्त सचिव, महेंद्र सिंह, कोषाध्यक्ष, संजय कुमार और कार्यकारिणी के कार्यकारी सदस्य रमेश चंद, दीपिका ठाकुर, अमर सिंह, विनोद कुमार, मनोज शर्मा, विजय कुमार, नवनीत कुमार, कुलदीप सिंह और रक्षित कुमार भी उपस्थित रहे।
विस्तार
हिमाचल प्रदेश के स्कूल-कॉलेजों में नियुक्त शिक्षकों की मांगों को लेकर गुरुवार दो दिसंबर को हाई पावर कमेटी मंथन करेगी। सचिवालय में मुख्य सचिव रामसुभग सिंह की अध्यक्षता में यह बैठक होगी। एसएमसी शिक्षकों के लिए नीति बनाने, विभिन्न शिक्षकों के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों सहित करीब 30 मामलों को लेकर इसमें चर्चा होगी। बैठक में शिक्षा सचिव सहित उच्च और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक भी मौजूद रहेंगे। प्रदेश के शिक्षकों की समस्याएं दूर करने के लिए मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में हाई पावर कमेटी का गठन करने की घोषणा की थी।
गुरुवार को कमेटी की पहली बैठक होगी। जेसीसी बैठक में शिक्षक संघों को शामिल नहीं करने से शिक्षकों में भारी रोष है। ऐसे में सरकार ने इनकी समस्याओं का हल निकालने के लिए हाई पावर कमेटी की बैठक करने का फैसला लिया है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि वीरवार को बैठक में एसएमसी शिक्षकों को लेकर बनाई जाने वाली नीति की आगामी रूपरेखा तय हो सकती है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेमकुमार धूमल ने भी शिक्षा विभाग को एसएमसी शिक्षकों के लिए नीति बनाने का आग्रह किया है। ऐसे में सरकार पर दबाव बढ़ गया है।
बैठक में शिक्षकों की विभिन्न श्रेणियों के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों की विसंगतियों, भाषा शिक्षकों और शास्त्री को टीजीटी पदनाम देने सहित कई अन्य मांगों को लेकर चर्चा होगी। शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने बताया कि एसएमसी शिक्षकों के मामले पर विचार जारी है। सुप्रीम कोर्ट का भी इनको लेकर फैसला आया है। सभी पहलुओं को देखा जा रहा है। शिक्षकों के अधिकांश मुद्दों को हल कर दिया गया है। शेष मामलों को लेकर गुरुवार को बैठक होगी। शिक्षकों की अधिकांश मांगे वित्त विभाग से जुड़ी हैं। ऐसे में वित्त अधिकारियों के साथ भी मुख्य सचिव चर्चा करेंगे। इस बैठक के बाद शिक्षक संघों के साथ भी बैठकों का दौर शुरू होगा।
लिपिक के 150 पद भरने का फैसला सराहनीय: संघ
हिमाचल प्रदेश सचिवालय कर्मचारी सेवाएं संगठन की बैठक बुधवार को यहां प्रधान भूपिंद्र सिंह (बॉबी) की अध्यक्षता में हुई। इसमें उन्होंने हिमाचल प्रदेश सचिवालय में जेओए के स्थान पर लिपिक के 150 पदों को भरने मंत्रिमंडल के फैसले को सराहनीय करार दिया है। पदों को भरने के मामलों को स्वीकृति देने के लिए मुख्यमंत्री, मंत्रियों और सचिवों का आभार जताया। संघ के नेताओं ने कर्मचारियों के अनुबंध कार्यकाल को घटाकर 2 वर्ष करने, छठे वेतनमान को 1 जनवरी, 2016 से लागू करने और एनपीएस कर्मचारियों को केंद्र की जारी 2009 की अधिसूचना को लागू करने के लिए आभार किया। संगठन ने अनुकंपा आधार पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति बनाने के फैसलों को कर्मचारी हित में करार दिया।
संघ के नेताओं ने निर्णय लिया है कि संगठन शीघ्र ही सचिवालय की विभिन्न मांगों और जेसीसी में किसी कारणवश अनुमोदित नहीं हुए मसलों को पूरा करवाने के लिए मुख्यमंत्री से संगठन के साथ शीघ्र बैठक की तिथि निश्चित का मामला उठाया जाएगा। इस बैठक में महासचिव महेश कुमार ने बताया कि बैठक में उप प्रधान राजेंद्र सिंह (मियां), संयुक्त सचिव, महेंद्र सिंह, कोषाध्यक्ष, संजय कुमार और कार्यकारिणी के कार्यकारी सदस्य रमेश चंद, दीपिका ठाकुर, अमर सिंह, विनोद कुमार, मनोज शर्मा, विजय कुमार, नवनीत कुमार, कुलदीप सिंह और रक्षित कुमार भी उपस्थित रहे।