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शिमला पुलिस की गुंडई: बसस्टैंड पर दौड़ा दौड़ाकर कर पीटे लोग

ब्यूरो/अमर उजाला, शिमला Updated Fri, 06 May 2016 12:02 AM IST
सार

  • बस अड्डे पर किसी बात को लेकर डीएसपी के साथ कहासुनी के बाद बरपा कहर
  • लाठीचार्ज में करीब एक दर्जन लोग जख्मी, मामले की मेजिस्ट्रेट जांच के आदेश
  • रात को ड्राइवर के साथ घर जा रहे डीएसपी ट्रैफिक, बस अड्डे पर हुआ विवाद

shimla police lathicharge on people at shimla bus stand.
पुलिस अफसर और उनके ड्राइवर पर हुए हमले के बाद मौके पर पहुंची क्यूआरटी के जवानों ने लोगों पर लाठियां भांज डाली। - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

शिमला के लोकल बस स्टैंड में पुलिस अफसर और उनके ड्राइवर पर हुए हमले के बाद मौके पर पहुंची क्यूआरटी के जवानों ने लाठियां भांज डाली। इस दौरान बेकसूर लोगों पर भी लाठियां भांज दी गईं। करीब एक दर्जन लोग घायल हो गए हैं।



पुलिस ज्यादती की शिकायत लेकर कुछ लोग उपायुक्त से मिले और कार्रवाई की मांग की। शिकायत सुनने के बाद उपायुक्त ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रदेश पुलिस मुख्यालय में इस पूरे मामले में एसपी शिमला से रिपोर्ट तलब की।


वीरवार को एसपी की ओर से रिपोर्ट दे दी गई है और इसमें उन्होंने डीएसपी ट्रैफिक को यहां से बदलने का भी जिक्र किया है। घटना बुधवार रात करीब साढ़े नौ बजे की है। डीएसपी ट्रैफिक अमित ठाकुर अपने ड्राइवर के साथ घर जा रहे थे।

लोकल बस स्टेंड में बीच सड़क पर एक टेंपो ट्रैवल खड़ा हुआ था। उस साइड लेने के लिए ड्राइवर ने दो बार हूटर बजाए लेकिन वह नहीं हिला। डीएसपी के साथ पीएसओ नहीं था। लिहाजा डीएसपी खुद गाड़ी से उतरे और उन्होंने ड्राइवर से गाड़ी को बीच सड़क पर खड़ी करने की वजह पूछी।

चालक ने डीएसपी से की कहासुनी, फिर किया हमला

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लोगों का बढ़ता गुस्सा देखकर जब डीएसपी उन्हें समझाने लगे तो कुछ लोगों ने भीड़ में उन्हें खींच कर पीटना शुरू कर दिया। - फोटो : अमर उजाला
जो ड्राइवर को नागवार गुजरी और वह डीएसपी से उलझ पड़ा। डीएसपी वर्दी में थे। आरोप है कि ड्राइवर ने उनकी वर्दी पर हाथ डाला उनके बटन टूट गए और डंडे से हमला किया। इस बीच डीएसपी और उनके ड्राइवर ने आरोपी पर काबू पाया।

आरोप है कि इस दौरान एक दूसरे टैक्सी चालक ने भी हमला किया उसे भी मौके पर पकड़ कर  वहीं स्थित ट्रैफिक कंट्रोल रूम ले गए। इस बीच मौके पर काफी लोग एकत्रित हो गए। उन्होंने पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध किया और डीएसपी पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया।

लोगों का बढ़ता गुस्सा देखकर जब डीएसपी उन्हें समझाने लगे तो कुछ लोगों ने भीड़ में उन्हें खींच कर पीटना शुरू कर दिया। उस समय डीएसपी के अलावा उनका ड्राइवर और एक ट्रैफिक वार्डन ही मौजूद थे। ड्राइवर और ट्रैफिक वार्डन ने किसी तरह उन्हें भीड़ से बचाकर घायल हालत में ट्रैफिक कंट्रोल रूम ले गए।

मौके पर पहुंची क्यूआरटी, लोगों को पीटा

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क्यूआरटी के जवानों ने मौके पर आकर जो मिला जहां मिला उन पर लाठियां बरसानी शुरू कर दी। - फोटो : अमर उजाला
हालात बेकाबू होते देख क्यूआरटी के जवानों को बुलाया गया। जिन दो लोगों को पकड़ा गया था उन्हें मेडिकल के लिए डीडीयू अस्पताल ले जाया गया जहां ड्राइवरों के साथ साथ डीएसपी का भी मेडिकल करवाया गया। उधर, क्यूआरटी के जवानों ने मौके पर आकर जो मिला जहां मिला उन पर लाठियां बरसानी शुरू कर दी।

इस घटनाक्रम में पुलिस की लाठियों से एक दर्जन से अधिक लोगों को गंभीर चोटें आई हैं। घटना के बाद शहर के टैक्सी चालकों  में पुलिस के प्रति आक्रोश है। वीरवार को टैक्सी चालक समेत आम लोग मामले में जिला उपायुक्त से मिले और ठोस कार्रवाई की मांग की। मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला उपायुक्त रोहन चंद ठाकुर ने न्यायिक जांच बिठा दी है।

यह हैं डीएसपी पर आरोप

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चालक का आरोप है कि डीएसपी समेत अन्य पुलिस कर्मी गाड़ी में मारते - मारते उसे लोकल बस स्टैंड ले गए। - फोटो : अमर उजाला
रात साढ़े नौ बजे चंडीगढ़ से एक टेंपो पुराने बस अड्डे पहुंचा ही था कि पुलिस की एक नीली बत्ती लगी गाड़ी पहुंची। टेंपो चालक पवन कुमार के मुताबिक गाड़ी में डीएसपी ट्रैफिक समेत कुछ अन्य जवान सवार थे। उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को आपबीती सुनाते हुए चालक ने कहा कि डीएसपी ने अपनी गाड़ी से उतरकर उसे गाड़ी का शीशा खोलने को कहा।

उन्होंने शीशा खोला तो और पूछा कि क्या बात है। इतना कहते ही डीएसपी भड़क गए और अनाप शनाप कहने लग गए। विरोध किया तो मारपीट पर उतर आए। चालक का आरोप है कि डीएसपी समेत अन्य पुलिस कर्मी गाड़ी में मारते - मारते उसे लोकल बस स्टैंड ले गए।

जहां पर पुलिस कर्मियों ने पहले तो टैक्सी चालक अमित की गाड़ी का शीशा तोड़ा और फिर मारपीट की। पुलिस दोनों को पुलिस गुमटी में ले गई। क्यूआरटी के जवानों को बुलाया जवानों ने मौके पर पहुंच कर लोगों पर लाठियां बरसाना शुरू कर दिया।

जवानों ने किसी को नहीं बख्शा और दौड़ा - दौड़ा कर लोगों को पीटना शुरू कर दिया।  होटल तथा दुकानों को  जबरन बंद करवा दिया और लोगों को खाना पैक करवा रहे थे उन्हें भी पीटा गया । करीब 11 बजे पुलिस का कहर थमा।

कहर के यह बने शिकार
टेंपो चालक पवन कुमार, टैक्सी चालक अमित के अलावा सन्नी शर्मा, दीपक शर्मा, हेमंत, रामपाल और सुमित को पुलिस की लाठियां लगने से गंभीर चोटें आई है। सुमित की आंख, पवन कुमार की टांग व सिर, अमित, रामपाल, सन्नी शर्मा और दीपक शर्मा को बाजू में चोटें आई हैं।

डीसी से मिले लोग, कार्रवाई न होने पर चक्का जाम की धमकी

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कई लोग वीरवार को उपायुक्त रोहन चंद ठाकुर से मिले और डीएसपी समेत अन्य जवानों के लिए खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। - फोटो : अमर उजाला
थ्री स्टार टैक्सी यूनियन के प्रधान राजेंद्र ठाकुर, संजय सूद, दिनेश तथा बलदेव ठाकुर सहित कई लोग वीरवार को उपायुक्त रोहन चंद ठाकुर से मिले और डीएसपी समेत अन्य जवानों के लिए खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि पुलिस ने गुंडागर्दी का नंगा नाच दिखाकर बेकसूर लोगों को बेरहमी से पीटा है। आरोपियों के खिलाफ  कार्रवाई नहीं हुई तो वह चक्का जाम करेंगे।

न्यायिक जांच के दे दिए आदेश :  उपायुक्त
उपायुक्त रोहन चंद ठाकुर ने टैक्सी चालकों समेत अन्य लोगों की शिकायतें सुनने के बाद मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस ने बेकसूर लोगों पर लाठियां बरसाई हैं तो वह  गलत  है। जांच में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने टैक्सी चालकों से रात में बनाई वीडियो की फुटेज भी मांगी। उन्होंने कहा कि लाठीचार्ज के आदेश किसने दिए थे इसकी भी जांच होगी। लाठीचार्ज के आर्डर केवल मजिस्ट्रेट दे सकता है।

एसपी शिमला डीडब्ल्यू नेगी ने कहा कि इस मामले में थाना सदर में क्रास एफआईआर हुई है। इसके अलावा मजिस्ट्रेट जांच के आदेश भी उपायुक्त की ओर से किए गए हैं। सूचना के बाद वह मौके पर गए और गुस्साए लोगों की बात को सुना। चोटिल हुए लोगों से भी अस्पताल में जाकर मिले।  उन्होंने इस पूरे प्रकरण की रिपोर्ट तैयार कर पुलिस मुख्यालय को दे दी है। डीएसपी ट्रैफिक अमित ठाकुर को यहां से बदलने के लिए भी लिखा गया है।

डीएसपी मेडिकल लीव पर
डीएसपी ट्रैफिक अमित ठाकुर को काफी चोटें आई हैं। इनके हाथ और घुटने में चोटों के निशान है। फिलहाल यह मेडिकल लीव पर है।
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