हिमाचल प्रदेश में आने वाले वीआईपी की सुरक्षा में चूक का जो मामला रविवार को बिलासपुर के लुहणू हेलीपैड के बाहर सामने आया, उसने एक बार फिर खुद को स्मार्ट पुलिस बताते न थकने वाली हिमाचल प्रदेश पुलिस की कलई खोलकर रख दी है। महज छह महीने के भीतर ऐसा दूसरी बार हुआ है कि पुलिस कर्मियों के लाख दावों और सुरक्षा बंदोबस्त के बीच वीवीआईपी काफिले का मूवमेंट बाधित हो गया।
कुल्लू में जब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी आए थे तो हेलीपैड के बाहर भीड़ पहुंच गई और उन्हें अपना काफिला रोककर पब्लिक से मिलना पड़ा। उनके कारकेड में वाहनों को शामिल करने को लेकर भी ऐसा विवाद हुआ कि पुलिस के अधिकारी-कर्मचारी आपस में ही हाथापाई पर उतर आए। इस दौरान भीड़ ने मुख्यमंत्री का काफिला भी रोक लिया और नारेबाजी की। रविवार को भी बिलासपुर के लुहणू हेलीपैड के बाहर नाराज पुलिस कर्मियों के परिजनों ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का काफिला ही रोक लिया।
यह तब है जब प्रदेश सरकार ने सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की धमकी के बाद नड्डा की सुरक्षा को एक श्रेणी और बढ़ाने का दावा किया था। इसके बाद भी चंद लोगों की वजह से उनका काफिला रुक गया और उन्हें प्रदर्शनकारियों की बात सुनने के बाद ही जाने का रास्ता मिला। जाहिर है, पुलिस के दावों और बड़े मौकों पर उसकी कार्यशैली अपने आप में विरोधाभास दिखा रही है।
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हिमाचल प्रदेश में आने वाले वीआईपी की सुरक्षा में चूक का जो मामला रविवार को बिलासपुर के लुहणू हेलीपैड के बाहर सामने आया, उसने एक बार फिर खुद को स्मार्ट पुलिस बताते न थकने वाली हिमाचल प्रदेश पुलिस की कलई खोलकर रख दी है। महज छह महीने के भीतर ऐसा दूसरी बार हुआ है कि पुलिस कर्मियों के लाख दावों और सुरक्षा बंदोबस्त के बीच वीवीआईपी काफिले का मूवमेंट बाधित हो गया।
कुल्लू में जब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी आए थे तो हेलीपैड के बाहर भीड़ पहुंच गई और उन्हें अपना काफिला रोककर पब्लिक से मिलना पड़ा। उनके कारकेड में वाहनों को शामिल करने को लेकर भी ऐसा विवाद हुआ कि पुलिस के अधिकारी-कर्मचारी आपस में ही हाथापाई पर उतर आए। इस दौरान भीड़ ने मुख्यमंत्री का काफिला भी रोक लिया और नारेबाजी की। रविवार को भी बिलासपुर के लुहणू हेलीपैड के बाहर नाराज पुलिस कर्मियों के परिजनों ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का काफिला ही रोक लिया।
यह तब है जब प्रदेश सरकार ने सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की धमकी के बाद नड्डा की सुरक्षा को एक श्रेणी और बढ़ाने का दावा किया था। इसके बाद भी चंद लोगों की वजह से उनका काफिला रुक गया और उन्हें प्रदर्शनकारियों की बात सुनने के बाद ही जाने का रास्ता मिला। जाहिर है, पुलिस के दावों और बड़े मौकों पर उसकी कार्यशैली अपने आप में विरोधाभास दिखा रही है।